जगदलपुर: बस्तर संभाग में इस साल धान की बंपर खरीदी हुई है. पिछले साल की तुलना में इस साल 8 लाख 72 हजार क्विंटल से ज्यादा धान की खरीदी की गई. इस साल 20 हजार नए किसानों का पंजीयन किया गया था. हालांकि संभाग के 23 हजार किसान धान बेचने केंद्रों तक नहीं पहुंच पाए, जिनमें टोकनधारी किसान भी शामिल हैं. इस साल संभाग के किसी भी इलाके में दूसरे राज्यों से धान खपाने और गड़बड़ी के केस सामने नहीं आए. बस्तर के धान खरीदी केंद्रों में धान का उठाव नहीं हो पाने की वजह से अधिकारियों की चिंता बढ़ी हुई है.
संभाग के विपणन अधिकारी ने बताया कि इस साल बस्तर संभाग के जिलों में 294 केंद्र बनाए गए थे. कुल 1 लाख 91 हजार किसानों का पंजीयन किया गया था. पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 20 हजार नए किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था. इन किसानों में 1 लाख 68 हजार किसानों ने धान बेचा, वहीं संभाग के 23 हजार किसान धान बेचने के केंद्रों तक नहीं पहुंचे. हालांकि ये किसान किन कारणों के चलते धान बेचने केंद्रों तक नहीं आए इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. इस साल किसानों से 71 लाख 72 हजार क्विंटल धान खरीदा गया है. पिछले साल की तुलना में 8 लाख 72 हजार क्विंटल धान की अधिक खरीदी हुई है. इस बार भी कांकेर जिले में सबसे ज्यादा धान की खरीदी हुई है.
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धान का उठाव नहीं होने से बढ़ी समस्या
अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बाकी जिलों की तरह ही बस्तर संभाग में भी धान के उठाव की समस्या बनी हुई है. 1 लाख 68 हजार किसानों से कुल 71 लाख 72 हजार क्विंटल धान खरीदी की गई है. अब तक मात्र 25 लाख 9 हजार क्विंटल धान का परिवहन किया गया है, जबकि अभी भी संभाग के केंद्रों में 40 लाख 62 हजार क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है. अधिकारियों का कहना है कि सभी केंद्रों में धान को पूरी तरह से सुरक्षित रखा गया है. बदलते मौसम को देखते हुए सभी जगह आनाज को ढंकने की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं. जल्द से जल्द धान का उठाव हो इसकी पूरी कोशिश की जा रही है.