गौरेला पेंड्रा मरवाही: गौरेला पेंड्रा मरवाही में बारिश ने जल संसाधन और सिंचाई विभाग की पोल खोल दी है. यहां सोन नदी पर बनाया गया लोवर सोन डायवर्जन बांध जर्जर स्थिति में है. बांघ के मुख्य अबेटमेंट से पानी का रिसाव हो रहा है. इस वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. यह तस्वीरें देख किसी के भी होश उड़ सकते हैं. पानी के रिसाव के बारे में अब मीडिया में खबरें आने लगी. जिसके बाद से जल संसाधन विभाग और डैम प्रबंधन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
बांध में कई जगह पड़ी दरारें: लोवर सोन डायवर्जन बांध की दीवारों से पानी का रिसाव होने पर बांध का मुख्य अपार्टमेंट और वॉलपेपर नजर आने लगा है. कई जगह पर प्लास्टर उखड़ गया है. डाउनस्ट्रीम के साइड विंग वॉल में भी कई जगह वॉल टूटी हुई है. जिससे पानी की धार बह रही है. इस मामले में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि बांध बनने के बाद से मरम्मत कार्य नहीं किया गया है. जिससे यह स्थिति पैदा हुई है. बांध से पानी का रिसाव होने पर आस पास के गांवों में रहने वाले लोग डरे हुए हैं. ग्रामीणों ने बांध की स्थिति पर चिंता जताई है और विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
छत्तीसगढ़ के पहले सीएम अजीत जोगी ने बनवाया था बांध: छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने लोवर सोन डायवर्जन बांध का निर्माण करवाया था. गौरेला पेंड्रा मरवाही के किसानों को सिंचाई की सुविधा हासिल हो सके इसके लिए इस बांध का निर्माण कराया गया था. इसके तहत सोन नदी पर अपर सोन डायवर्जन एवं लोअर सोन डायवर्जन जैसी कई योजनाएं बनाई गई. ताकि इस क्षेत्र के किसानों को इन नदियों के पानी का फायदा मिल सके. इस योजना के तहत बने बांध के जरिए इलाके में किसानों को सिंचाई के लिए अच्छी सुविधा मिल रही है. लेकिन बांध में दरार और रिसाव से लोगों को परेशानी हो रही है.
22 साल पुराना है बांध : साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद इस बांध का निर्माण हुआ था. अब करीब 22 साल से ज्यादा का समय बीत गया है. लेकिन इस बांध में मरम्मत कार्य नहीं किया गया. नतीजतन इस बड़े बांध में मुख्य एबटमेंट वॉल खराब हो गई है. प्लास्टर उखड़ गया है.जगह जगह पर क्रैक नजर आ रहे हैं. जिसमें पौधे भी उग आए हैं. अबेटमेंट वॉल के क्रैक से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है.
बांध के लोअर स्ट्रीम से भी पानी बह रहा: इसके अलावा एक और बड़ी बात है कि बांध के लोअर स्ट्रीम के विंग वॉल से पानी का फव्वारा फूट रहा है. लगातार पानी रिसने से दीवार और जर्जर स्थिति में है. जिससे कभी भी बांध के दीवार के टूटने का खतरा बना हुआ है. अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि बांध बनने के बाद से अब तक कभी भी यहां निर्माण कार्य नहीं हो पाया है. सोन नदी पर बने इस बड़े बांध में काफी पानी आता है. जिससे हर बार यह बांध ओवरफ्लो होता है. पानी के इसी प्रेशर से एबटमेंट वॉल एवं विंग वाल से रिसाव हो रहा है.
"हमें बांध से रिसाव की जानकारी है. इसकी मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. जैसे ही स्वीकृति होगी मरम्मत की जाएगी"- संतोष कौशिक, एग्जक्यूटिव इंजीनियर, सिंचाई विभाग
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा: सोन डायवर्जन बांध से पानी का रिसाव होने से इलाके में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इलाके में कई स्टॉप डैमों की मरम्मत नहीं हो पाई है. जिससे कई डैम खराब हो रहे हैं. अगर समय रहते डैम में रिपेयर वर्क नहीं किया गया तो कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है.