गौरेला पेंड्रा मरवाही : छत्तीसगढ़ में मौसम में आए बदलाव के कारण कई जिलों में कंजेक्टिवाइटिस बीमारी तेजी से फैल रही है. गौरेला पेंड्रा मरवाही क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है.सबसे ज्यादा संक्रमण स्कूली बच्चों में देखा जा रहा है.क्योंकि स्कूल में खेल कूद और पढ़ाई के दौरान सावधानी ना बरतने पर वायरस तेजी से बच्चों में फैलता है.ताजा मामला आदिवासी बाहुल्य गांव बस्तीबगरा के कोटमीखुर्द में सामने आया है.
आदिवासी आश्रम के बच्चे संक्रमित : कोटमी खुर्द बालक आश्रम में बीस स्कूली बच्चे आईफ्लू की चपेट में हैं. आश्रम अधीक्षक को जब इस बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को सूचना दी. सूचना के बाद आदिवासी विभाग ने स्वास्थ्य विभाग तक जानकारी पहुंचाई. जिसके बाद मेडिकल टीम मौके पर पहुंचकर बच्चों की आंखों का इलाज कर रही है.आपको बता दें कि इस बालक आश्रम में 50 बच्चे रहते हैं.जिनमें से 20 बच्चे संक्रमित हैं.
आश्रम अधीक्षक को सावधानी बरतने के निर्देश : आश्रम में बच्चों को इलाज के दौरान आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. साथ ही साथ आश्रम अधीक्षक को बच्चों की देखभाल में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने के निर्देश मिले हैं.मेडिकल टीम ने आश्रम अधीक्षक को कहा है कि यदि इलाज के दौरान किसी भी बच्चे को ज्यादा समस्या होती है तो तत्काल संबंधित डॉक्टर तक सूचना पहुंचाई जाए.
''जैसे ही कुछ बच्चों ने उन्हें अपने आंखों में तकलीफ की शिकायत की तो तत्काल मामले की जानकारी अपने विभाग के उच्चाधिकारियों को दी . उनके दिशा निर्देश के बाद स्वास्थ्य अमले ने मौके पर पहुंचकर बच्चों का इलाज शुरु कर दिया.''-प्रेम सिंह,आश्रम अधीक्षक
क्या है आई फ्लू और उसके लक्षण ? : आई फ्लू को आम भाषा में आंख आना या कंजेक्टिवाइटिस कहते हैं. इस बीमारी का वायरस दूषित वातावरण में एक से दूसरे तक पहुंचता है.संक्रमण ज्यादातर छूने और हवा से होता है. आई फ्लू के दौरान आंखें लाल हो जाती है. इसमें ये जरुरी नहीं की दोनों आंखों में ही संक्रमण हो.एक आंख भी संक्रमित हो सकती है.आंखों में सूजन के साथ तेज जलन होती है. आंखों में कीचड़ आने लगता है.जिसके कारण आंखें नहीं खुलती. कई बार आंखों में पानी आने लगता है.
"आई फ्लू एक संक्रामक बीमारी है. मतलब यह बीमारी तेजी से एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे शख्स में फैलती है. इसका इन्फेक्शन दो से चार हफ्ते तक रहता है. ऐसे में जिन लोगों को आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस बीमारी है. उससे दूरी बनाकर रखें. आई फ्लू से पीड़ित मरीजों के इस्तेमाल किए गए सामान का इस्तेमाल करने से परहेज करें. उनके संपर्क में आने से बचें. नहीं तो आप भी आई फ्लू बीमारी से परेशान हो सकते हैं. इस बीमारी में मरीज अपनी आंखों को हाथ न लगाएं. इससे बीमारी और बढ़ सकती है."- डॉक्टर प्रीति गुप्ता, आई स्पेशलिस्ट
आई फ्लू के दौरान ये सावधानी बरतें: आई फ्लू संक्रमण से फैलता है. इसलिए आई फ्लू होने के दौरान साफ सफाई का ध्यान रखना जरुरी है. यदि घर में किसी को आई फ्लू है तो उसके इस्तेमाल की हुई चीजों को ना छूएं. ना ही उन्हें आम चीजों में मिलाएं. मरीज को हर आधे घंटे में ठंडे पानी से आंख धोने को कहें.काले या गहरे रंग के चश्में पहने, तेज रोशनी, मोबाइल और टीवी से संक्रमण के दौरान दूरी बनाए रखे. जितना हो सके आंखों को आराम दें.