गौरेला पेंड्रा मरवाही : बीजेपी से कांग्रेस में आए नंदकुमार साय चुनाव से पहले आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में दौरा कर रहे हैं.इसी कड़ी में नंदकुमार साय गौरेला पेंड्रा मरवाही पहुंचे.इस दौरान नंदकुमार साय ने पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया. नंदकुमार साय ने मणिपुर में हो रही हिंसा और वहां की स्थिति के बारे में अपनी बात रखी.
पहले ही विवाद को कंट्रोल करना चाहिए : नंदकुमार साय के मुताबिक मणिपुर का विवाद काफी समय से चल रहा है.इसे शुरु में ही कंट्रोल करना चाहिए था.जो भी मामला है उसे लेकर काफी विलंब कर दिया गया है.वहां की स्थिति बेकाबू है.सरकार की जिम्मेदारी है कि वो सबसे पहले मणिपुर में शांति बहाल करे.कहीं भी किसी भी राज्य में महिलाओं के साथ दुराचार की खबरें आना काफी गलत बात है.लेकिन मणिपुर की घटना को छत्तीसगढ़ से जोड़ना पूरी तरह से गलत है.
''छत्तीसगढ़ का सुकमा हो या मणिपुर, कहीं भी महिलाओं बच्चियों के साथ अनाचार बलात्कार हो दुर्भाग्यपूर्ण है. इसका विरोध होना चाहिए. रोका जाना चाहिए. मणिपुर की घटना को छत्तीसगढ़ से जोड़ना ठीक नहीं है. जनजाति वर्ग कूकी और मैतेई के मध्य हिंसा हो रही है. मैंने प्रधानमंत्री को अपना अभिमत भेजा है कि, सबसे पहले वहां फोर्स लगाकर हिंसा रोकी जानी चाहिए. उनकी मांगों पर बैठकर विचार किया जाना चाहिए.'' नंदकुमार साय, कांग्रेस नेता
इस दौरान नंदकुमार साय ने मरवाही सीट पर चुनाव लड़ने की बातों का जवाब दिया. नंदकुमार साय के मुताबिक यदि उन्हें कांग्रेस कमेटी मौका देगी तो वो जरुर दमदारी से चुनाव लड़ेंगे. वहीं साय ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदलने के साथ मंत्रियों के प्रभार और उप मुख्यमंत्री बनाने से कांग्रेस को चुनाव में लाभ मिलने की बात की है. साथ ही साथ साय ने बीजेपी की स्थिति को प्रदेश में दयनीय बताया.