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Eye Flu Cases In Chhattisgarh : आई फ्लू को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, बलरामपुर के हाॅस्टल में संक्रमिल मिले 20 बच्चे - बलरामपुर के रामानुजगंज छात्रावास

Eye Flu Cases In Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में कंजक्टिवाइटिस अपने पैर पसार रहा है. प्रदेश के कई जिलों से कंजक्टिवाइटिस के मरीजों की मिलने की सूचना आ रही है.ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपील जारी की है. जिसमें नेत्र रोग विशेषज्ञों के लिए निर्देश जारी हुए हैं. इधर बलरामपुर के एक हाॅस्टल के 20 बच्चे आई फ्लू से पीड़ित मिले हैं. symptoms of conjunctivitis

Eye Flu Cases In Chhattisgarh
आई फ्लू को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट
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Published : Jul 28, 2023, 11:00 PM IST

बलरामपुर के हाॅस्टल में संक्रमिल मिले 20 बच्चे

गौरेला पेंड्रा मरवाही/बलरामपुर : बारिश और उमस के मौसम में आंखों के संक्रमित होने का खतरा बना रहता है. बारिश के कारण आए मौसम में बदलाव के कारण सबसे जल्दी आंखों की बीमारी होती है. इसे मेडिकल भाषा में कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू कहा जाता है. छत्तीसगढ़ की यदि बात करें तो आंखों की ये बीमारी पूरे प्रदेश में फैल रही है. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी आई फ्लू के मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. वहीं बलरामपुर में भी आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़े हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की अपील : स्वास्थ्य विभाग ने कंजक्टिवाइटिस के लक्षण होने पर नजदीकी शासकीय अस्पतालों में जांच कराने की अपील की है. कलेक्टर के निर्देशानुसार सीएमएचओ ने नेत्र चिकित्सकों की बैठक लेकर निर्देश जारी किए हैं.जिसमें स्कूलों में जाकर बच्चों की आंखों का परीक्षण करना शामिल है.अभी तक शुरुआती जांच में आई फ्लू के 130 मरीजों की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है.

नेत्र रोग विशेषज्ञों की बैठक : कलेक्टर के निर्देश के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आई नागेश्वर राव ने जिला नोडल अंधत्व निवारण डॉ हेमंत तंवर, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रागनी मरावी और नेत्र सहायक अधिकारियों की बैठक ली. जिसमें आंखों की जांच, उपचार और रोग के रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं. कलेक्टर के निर्देश के बाद जिले के तीनों विकासखंडों के कस्तूरबा गांधी आवासीय कन्या विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों का नेत्र परीक्षण किया गया.आंखों की जांच कर कंजक्टिवाइटिस प्रभावित बच्चों का उपचार किया गया साथ ही बच्चों को बीमारी से बचने और रोकथाम के उपाय भी बताए गए.

जिले में अब तक लगभग कंजक्टिवाइटिस के 130 मरीज मिले है, इनका उपचार किया गया. जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिदिन आई फ्लू के लगभग 20 से 30 मरीज आ रहे हैं. जिनका उपचार करने के साथ ही बचाव के उपाय के संबंध में जागरूक किया जा रहा है. -हेमंत तंवर,नोडल अधिकारी

बलरामपुर के रामानुजगंज छात्रावास में भी आई फ्लू का प्रकोप: रामचंद्रपुर विकासखंड के रामानुजगंज छात्रावास में रहने वाले बच्चो में आई फ्लू के लक्षण दिखने पर मेडिकल टीम ने शुक्रवार को जांच की. इसमें 20 बच्चों में कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) की पुष्टि हुई है.

बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड क्षेत्र के रामानुजगंज छात्रावास के बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आने लगे हैं. छात्रावास के बच्चों में आई फ्लू के लक्षण दिखने पर उनके आंखों की जांच की गई, जिसमें 20 कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) के केस सामने आए हैं. सभी को दवा दे दी गई है और जरूरी एहतियात बताए गए हैं. -डॉ कैलाश कैवर्तय, बीएमओ

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आई फ्लू के लक्षण : कंजक्टिवाइटिस आंखों की आम बीमारी है. जिसे हम आंख आना भी कहते है. यह संक्रमण 7 से 10 दिन तक रहता है. इसका लक्षण आंख लाल होना, चुभन होना, कीचड़ आना, आंसू आना एवं कभी-कभी सूजन आना भी है. इसका संक्रमण आंख को बार-बार छूने से प्रभावित मरीज का तौलिया, रुमाल, तकिया, चश्मा का इस्तेमाल करने से फैलता है.

संक्रमण से बचाव के तरीके : संक्रमण से बचाव के लिए आंखों को बार-बार न छुएं, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे एवं उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाली वस्तुओं का उपयोग नहीं करें, हाथों को साबुन से धोएं और स्वच्छता पर ध्यान रखें.

बलरामपुर के हाॅस्टल में संक्रमिल मिले 20 बच्चे

गौरेला पेंड्रा मरवाही/बलरामपुर : बारिश और उमस के मौसम में आंखों के संक्रमित होने का खतरा बना रहता है. बारिश के कारण आए मौसम में बदलाव के कारण सबसे जल्दी आंखों की बीमारी होती है. इसे मेडिकल भाषा में कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू कहा जाता है. छत्तीसगढ़ की यदि बात करें तो आंखों की ये बीमारी पूरे प्रदेश में फैल रही है. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी आई फ्लू के मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. वहीं बलरामपुर में भी आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़े हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की अपील : स्वास्थ्य विभाग ने कंजक्टिवाइटिस के लक्षण होने पर नजदीकी शासकीय अस्पतालों में जांच कराने की अपील की है. कलेक्टर के निर्देशानुसार सीएमएचओ ने नेत्र चिकित्सकों की बैठक लेकर निर्देश जारी किए हैं.जिसमें स्कूलों में जाकर बच्चों की आंखों का परीक्षण करना शामिल है.अभी तक शुरुआती जांच में आई फ्लू के 130 मरीजों की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है.

नेत्र रोग विशेषज्ञों की बैठक : कलेक्टर के निर्देश के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आई नागेश्वर राव ने जिला नोडल अंधत्व निवारण डॉ हेमंत तंवर, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रागनी मरावी और नेत्र सहायक अधिकारियों की बैठक ली. जिसमें आंखों की जांच, उपचार और रोग के रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं. कलेक्टर के निर्देश के बाद जिले के तीनों विकासखंडों के कस्तूरबा गांधी आवासीय कन्या विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों का नेत्र परीक्षण किया गया.आंखों की जांच कर कंजक्टिवाइटिस प्रभावित बच्चों का उपचार किया गया साथ ही बच्चों को बीमारी से बचने और रोकथाम के उपाय भी बताए गए.

जिले में अब तक लगभग कंजक्टिवाइटिस के 130 मरीज मिले है, इनका उपचार किया गया. जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिदिन आई फ्लू के लगभग 20 से 30 मरीज आ रहे हैं. जिनका उपचार करने के साथ ही बचाव के उपाय के संबंध में जागरूक किया जा रहा है. -हेमंत तंवर,नोडल अधिकारी

बलरामपुर के रामानुजगंज छात्रावास में भी आई फ्लू का प्रकोप: रामचंद्रपुर विकासखंड के रामानुजगंज छात्रावास में रहने वाले बच्चो में आई फ्लू के लक्षण दिखने पर मेडिकल टीम ने शुक्रवार को जांच की. इसमें 20 बच्चों में कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) की पुष्टि हुई है.

बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड क्षेत्र के रामानुजगंज छात्रावास के बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आने लगे हैं. छात्रावास के बच्चों में आई फ्लू के लक्षण दिखने पर उनके आंखों की जांच की गई, जिसमें 20 कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) के केस सामने आए हैं. सभी को दवा दे दी गई है और जरूरी एहतियात बताए गए हैं. -डॉ कैलाश कैवर्तय, बीएमओ

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आई फ्लू के लक्षण : कंजक्टिवाइटिस आंखों की आम बीमारी है. जिसे हम आंख आना भी कहते है. यह संक्रमण 7 से 10 दिन तक रहता है. इसका लक्षण आंख लाल होना, चुभन होना, कीचड़ आना, आंसू आना एवं कभी-कभी सूजन आना भी है. इसका संक्रमण आंख को बार-बार छूने से प्रभावित मरीज का तौलिया, रुमाल, तकिया, चश्मा का इस्तेमाल करने से फैलता है.

संक्रमण से बचाव के तरीके : संक्रमण से बचाव के लिए आंखों को बार-बार न छुएं, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे एवं उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाली वस्तुओं का उपयोग नहीं करें, हाथों को साबुन से धोएं और स्वच्छता पर ध्यान रखें.

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