गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले का मरवाही वन मंडल 5 दंतैल हाथियों के आंतक को इन दिनों झेल रहा है. ये हाथी रात के समय ग्रामीणें की फसल को खराब कर रहे हैं. ये हाथी हर दिन लगभग 2 एकड़ धान की फसल को चट कर जा रहे हैं. इन किसानों को फसल नुकसान पर प्रति एकड़ 9000 रुपया मुआवजा राशि कई महीनों से नहीं मिली है.यही कारण है कि ग्रामीण गुस्से में हैं.
पीड़ितों ने प्रशासन को दिया लिखित आवेदन: हाथियों के उत्पात से परेशान ग्रामीणों ने प्रशासन को एक लिखित आवेदन देकर मामले की जानकारी दी है. साथ ही हाथियों को मरवाही की सीमा से बाहर निकलने का अल्टीमेटम दिया है. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है. वन विभाग के पास सीमित संसाधनों के बीच हाथियों के एक गांव से दूसरे गांव मूवमेंट पर नजर रखने के अलावा कोई स्थाई उपचार नहीं बचा है. वहीं, हाथियों के खौफ से ग्रामीण मशाल जलाकर अपने क्षेत्र से हाथियों को दूर कर रहे हैं.
पिछले दो महीने से दहशत में ग्रामीण: 5 दंतैल हाथियों के क्षेत्र में आवाजाही के कारण पिछले 2 माह से मरवाही और उसके आसपास का इलाका खौफ में है. ग्रामीण बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग घरों में दुबके हुए हैं. युवा और अधेड़ हाथ में मशाल, लाठी, टंगिया लिए जंगल में हाथियों से संघर्ष कर रहे हैं. बता दें कि बीते कुछ सालों से उत्तर मरवाही क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में हाथियों का दल विचरण कर रहा है. हाथी अपनी भूख मिटाने को ग्रामीणों के घरों और फसलों पर हमला बोल रहे हैं.
वन विभाग ने फसल हानि में जो मुआवजा तय किया है, वह राशि ₹9000 प्रति एकड़ है. हालांकि ये राशि भी हमारे लिए काफी कम है. ये राशि भी कई महीने से हमें नहीं मिला है. हाथी जिस तरह से हमारे खेत को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उस पर प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी होगी. -पीड़ित किसान
धान की खेती के समय अधिक उत्पात मचाते हैं हाथी: दरअसल, अभी खरीफ फसल का सीजन चल रहा है. मरवाही और उसके आसपास के इलाकों में धान की फसल बोई गई है. धान की फसल लगभग 1 फीट ऊंची हो चुकी है. जिन किसानों ने पहले धान बोया था, उनकी फसल में धान की बाली आनी भी शुरू हो गई है. ऐसे में हाथी जंगलों से निकलकर किसानों के हरे-भरे खेतों पर टूट पड़ते हैं. पहले तो हाथी रात के अंधेरे में खेतों में जाया करते थे. पर अब दिन के उजाले में ही बिना इंसानों से डरे खेतों में उतर कर धान की फसल खा रहे हैं, इससे किसानों को लगातार नुकसान हो रहा है. फसल का नुकसान होने पर गुस्साए किसानों ने पहले मरवाही थाने में फिर एसडीएम कार्यालय. उसके बाद कलेक्टर कार्यालय और मरवाही वन मंडल में समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में किसानों ने लिखा है कि यदि दो दिनों के भीतर हाथियों को उनके क्षेत्र से बाहर नहीं किया गया तो वे आंदोलन करेंगे.