रायपुर/गौरेला पेंड्रा मरवाही: नए मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है. प्रदेश के वाहन चालक हड़ताल पर हैं. इस कारण नए साल के दिन यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हड़ताल की वजह से बस और छोटे वाहनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. लोगों को सफर के लिए काफी देर तक जद्दोजहद करना पड़ा. शाम होते होते पेट्रोल पंप में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. हड़ताल में पेट्रोल टैंकर चालकों के शामिल होने के कारण पेट्रोल पंप पर पेट्रोल नहीं पहुंच पा रहा है. कई पेट्रोल पंप ड्राई हो गए. तो कुछ पेट्रोल पंप पर लंबी-लंबी कतार देखने को मिली.
लोगों को काफी दिक्कतों का करना पड़ा सामना: दरअसल, नए मोटर व्हीकल एक्ट के संसोधन के विरोध में मोटर वाहन चालक, ऑटो चालक सहित सभी कमर्शियल वाहनों के पहिए सोमवार को पूरी तरह से थम गए. ट्रक चालक, ऑटो चालक, ट्रांसपोर्टर संगठन के बाद अब कमर्शियल गाड़ियों के ड्राइवर हड़ताल का समर्थन करते नजर आए. हड़ताल पर बैठे वाहन चालक सड़क पर उतर आए. इस कारण यात्री बस से लेकर ऑटो-टैक्सी के भी पहिए थमे रहे. ये वाहन स्टैंड में खड़े कर दिए गए. वाहन चालकों के इस निर्णय से यात्रियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ा. लोग इधर-उधर भटकते नजर आए, जिसके बाद अब डीजल-पेट्रोल की समस्या से भी लोगों को परेशान होना पड़ रहा है.
पेट्रोल पंपों पर उमड़ी भीड़: जिले के अधिकतर पेट्रोल पंप के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतार देखने को मिल रही है. पेट्रोल टैंकर चालकों के हड़ताल में शामिल होने के कारण पेट्रोल और डीजल की कमी भी शुरू होने लगी. पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डीजल भरवाने के लिए लोगों की भीड़ जमा होने लगी. कुछ पेट्रोल पंप तो ड्राई हो चुके थे. पेट्रोल और डीजल की किल्लत को देखते हुए वाहन चालक समय रहते अपने वाहनों में पर्याप्त ईंधन की व्यवस्था करने में जुट गए. यही कारण है कि जिले के अधिकतर पेट्रोल पंपों पर भीड़ उमड़ पड़ी. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में ऐसी स्थिति पैदा होने लगी है.
इस कानून का हो रहा विरोध: दरअसल, ये वाहन चालक केंद्र सरकार के नए कानून का विरोध कर रहे हैं, जिसमें सरकार कानून में संशोधन करते हुए दुर्घटना जैसे कानून पर संशोधित बिल में एक खास प्रावधान रखा है. प्रावधान के मुताबिक अगर कोई वाहन चालक दुर्घटना के बाद मौके से फरार होता है तो उसे 10 साल की सजा और पांच लाख तक का जुर्माना भरना पड़ेगा. इस नियम का कमर्शियल वाहन चालक विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि 5 से 8 हजार रुपये कमाने वाले वाहन चालक इतनी बड़ी रकम कहां से जमा कर पाएंगे. सरकार इस कानून को वापस लें.