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SPECIAL: नारी ने जब ठानी, बदल गई इस गांव की सूरत

गुलाबी गैंग की शुरुआत 6 महिलाओं ने उस वक्त की थी, जब गरियाबंद जिले के बुरजाबहाल गांव के युवा नशे की गिरफ्त में थे और जुआ, सट्टा खेलते थे. गांव की शांति पूरी तरह भंग हो चुकी थी, 6 महिलाओं से शुरू हुए इस समूह में पूरे गांव से 300 महिलाएं जुड़ चुकी हैं.

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Published : Sep 18, 2019, 3:11 PM IST

Updated : Sep 18, 2019, 7:41 PM IST

नारी ने जब ठानी, बदलकर रख दी इस गांव की सूरत

गरियाबंद : कहते हैं कि नारी जब कुछ ठान ले, तो उसे कर दिखाती है. समय-समय पर समाज के बड़े-बड़े बदलाव की उदाहरण बनी हैं नारियां. जिले में गुलाबी लिबास में दिख रही इन महिलाओं ने इसे साबित भी किया है. सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ इन महिलाओं ने आवाज उठाई और तस्वीर बदल कर रख दी है.

नारी ने बदल दी गांव की सूरत

इस गुलाबी गैंग की शुरुआत 6 महिलाओं ने उस वक्त की थी, जब गरियाबंद जिले के बुरजाबहाल गांव के युवा नशे की गिरफ्त में थे. यहां के युवा जुआ और सट्टा खेलते थे. गांव की शांति पूरी तरह भंग हो चुकी थी, यह वो दौर था जब मारपीट और थाना, कचहरी जाना यहां के लोगों के लिए आम बात थी. नशे में बरबाद होते इस गांव की कहानी में इन 6 महिलाओं से बने गुलाबी गैंग ने बदलाव कर दिखाया, वह शायद उन परिस्थितियों में कभी मुमकिन न था. 6 महिलाओं से शुरू हुए इस समूह से आज गांव की 300 महिलाएं जुड़ चुकी हैं.

  • बुरजाबहाल के लोगों की दिनचर्या अब पूरी तरह बदल गयी है. जुआ-सट्टा खेलने वाले और दिनभर नशा करने वाले लोग अब मेहनती बन गए हैं.
  • गुलाबी गैंग लगातार समाज सुधार के कार्य करता रहता है.
  • गांव में अब शराब को पूरी तरह बैन कर दिया गया है.
  • बुरजाबहाल की ये महिलाएं जागरूगता फैलाने के साथ अब अजीविका के नये रास्ते तलाशने में जुटी हैं, राज्य आजीविका मिशन इन महिलाओं को मर्गदर्शन दे रहा है.
  • महिलाओं ने 24 समूह बनाकर अपना लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही गांव को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है.

गरियाबंद : कहते हैं कि नारी जब कुछ ठान ले, तो उसे कर दिखाती है. समय-समय पर समाज के बड़े-बड़े बदलाव की उदाहरण बनी हैं नारियां. जिले में गुलाबी लिबास में दिख रही इन महिलाओं ने इसे साबित भी किया है. सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ इन महिलाओं ने आवाज उठाई और तस्वीर बदल कर रख दी है.

नारी ने बदल दी गांव की सूरत

इस गुलाबी गैंग की शुरुआत 6 महिलाओं ने उस वक्त की थी, जब गरियाबंद जिले के बुरजाबहाल गांव के युवा नशे की गिरफ्त में थे. यहां के युवा जुआ और सट्टा खेलते थे. गांव की शांति पूरी तरह भंग हो चुकी थी, यह वो दौर था जब मारपीट और थाना, कचहरी जाना यहां के लोगों के लिए आम बात थी. नशे में बरबाद होते इस गांव की कहानी में इन 6 महिलाओं से बने गुलाबी गैंग ने बदलाव कर दिखाया, वह शायद उन परिस्थितियों में कभी मुमकिन न था. 6 महिलाओं से शुरू हुए इस समूह से आज गांव की 300 महिलाएं जुड़ चुकी हैं.

  • बुरजाबहाल के लोगों की दिनचर्या अब पूरी तरह बदल गयी है. जुआ-सट्टा खेलने वाले और दिनभर नशा करने वाले लोग अब मेहनती बन गए हैं.
  • गुलाबी गैंग लगातार समाज सुधार के कार्य करता रहता है.
  • गांव में अब शराब को पूरी तरह बैन कर दिया गया है.
  • बुरजाबहाल की ये महिलाएं जागरूगता फैलाने के साथ अब अजीविका के नये रास्ते तलाशने में जुटी हैं, राज्य आजीविका मिशन इन महिलाओं को मर्गदर्शन दे रहा है.
  • महिलाओं ने 24 समूह बनाकर अपना लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही गांव को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है.
Intro:स्लग---नारी शक्ति
एंकर---नारी यदि सरस्वती का किरदार निभा सकती है तो दूर्गा भी बन सकती है, गरियाबंद जिले के बुरजाबहाल की महिलाओं ने दुर्गा बनकर गॉव के लिए कुछ ऐसी ही मिशाल पेश की है।
Body:वीओ 1----दिनभर नशा करना और जुआ, सट्टा खेलना देवभोग के बुरजाबहाल गॉव की सालभर पहले यही पहचान थी, आये दिन मारपीट और थाना कचहरी जाना यहॉ के लोगो के लिए आम बात थी, मगर बीते एक साल में यहॉ सबकुछ बदल गया, गॉव का कोई भी व्यक्ति अब ना तो जुआ सट्टा खेलता है और ना ही किसी के घर में शराब बनती है, बल्कि गॉव में पुरी तरह शांति और अमल चैन का माहोल कायम है, और ये सब संभव हुआ है यहॉ की महिलाओं के द्वारा, पुरूषों के अत्याचार से तंग आकर सालभर पहले यहां की 6 महिलाओं ने बदलाव की ब्यार शुरु की थी तो आज कारंवा में बदल गयी है, गॉव की 300 से ज्यादा महिलाओं के समूह ने पुरुषों की बुरी आदतों को सुधार दिया है।
बाइट 1---जानकी नेताम, समूह की महिला...............
बाइट 2----अनिता शर्मा, समूह की महिला.........
वीओ 2----गॉव में आये इस बदलाव से देवभोग पुलिस भी खुश है, थाना प्रभारी सत्येन्द्र श्याम महिलाओं के कामकाज से बहुत प्रभावित है, बुरजाबहाल के लोगो की दिनचर्या अब पुरी तरह बदल गयी है, जुआ सट्टा खेलने वाले और दिनभर नशा करने वाले अब मेहनती बन गये है, गॉव के जिम्मेदार लोग इसके लिए समूह की महिलाओं की जमकर तारीफ कर रहे है।
बाइट 3----दयाराम निषाद, ग्रामीण..........
बाइट 4---सत्येन्द्र श्याम, थाना प्रभारी, देवभोग..........
Conclusion:फाईनल वीओ----बुरजाबहाल की ये महिलाएं जागरुकता फैलाने के साथ अब अजीविका के नये रास्ते तलाशने में जुटी है, राज्य आजीविका मिशन इन महिलाओं को मर्गदर्शन दे रहा है, महिलाओं ने 24 समूह बनाकर अपना लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही गॉव को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है।
Last Updated : Sep 18, 2019, 7:41 PM IST
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