गरियाबंद : 100 से ज्यादा धान खरीदी प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटरों के तबादले से समितियों में हड़कंप मचा हुआ है. धान खरीदी शुरू होने के 20 दिन बाद अचानक किए गए यह तबादले न तो प्रबंधकों को रास आ रहे हैं, न समिति के अध्यक्षों को. अब इस तबादले के विरोध में समिति के प्रबंधक अध्यक्षों के साथ मिलकर न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं.
इनका कहना है कि इनकी नियुक्ति और तनख्वाह समिति से आती है, जो धान खरीदी की कमीशन राशि से दी जाती है. इसलिए समिति के अध्यक्षों के अनुमति के बिना किसी और को तबादले का अधिकार नहीं है. ऐसे में इस तबादले को गलत बताया जा रहा है. समिति के लोगों ने इसके विरोध में रणनीति तैयार कर बैठक ली. जिसमें जिला पंचायत सदस्य पन्नालाल साहू, जिला समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर साहू भी उपस्थित रहे. इस बैठक के बाद निर्णय लेते हुए जिला समिति के अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य ने कर्मचारियों का साथ देने की बात कही है.
धान खरीदी हो सकती है प्रभावित
इन कर्मचारियों का कहना है कि, 'इस तबादले से जिले के आधे धान खरीदी केंद्रों में लगभग सात-सात दिन धान खरीदी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि पुराने खरीदे गए धान का मिलान और कई तरह के जरूरी कार्रवाई करने में समय लगेगा. साथ ही किसानों को भी परेशानी होगी. इन सबके बीच परेशान कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन देने की तैयारी पूरी कर ली है.
ट्रांसफर आदेश निकालने का आरोप
बता दें कि कर्मचारियों ने ज्ञापन में बैक डेट पर आचार संहिता लागू होने के बाद ट्रांसफर आदेश निकालने का भी आरोप लगाया है. साथ ही यह भी कहीं कि किसी जिले में यह आदेश कलेक्टर ने तो कहीं डीएमओ ने तो कहीं सहकारी समिति पंजीयक ने यह आदेश निकाला है. जिससे यह स्पष्ट ही नहीं है कि शासन इन्हें कौन से विभाग का कर्मचारी मान रहा है.