मामला जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत परसूली के आश्रित ग्राम नवापारा का है, जहां रहने वाला ईश्वर ध्रुव अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ महुआ बीनने जंगल गया हुआ था.
जंगल में खेलते-खेलते तीनों बच्चों ने रतनजोत के बीज खा लिए, जिसके बाद तीनों को उल्टियां होने लगी. माता-पिता ने तीनों को आनन-फआनन में जिला अस्पताल में भर्ती करवाया. इस दौरान अस्पताल में किसी भी डॉक्टर ने बच्चों की स्थिति को देखने की जहमत नहीं उठाई, नर्स ही तीनों बच्चों को देखती रही.
परिजन काफी देर तक बच्चों के इलाज के लिए परेशान होते रहे. इस दौरान एक स्थानीय युवक ने अस्पताल प्रबंधन पर नाराजगी जाहिर की, जिसके बाद बच्चों का इलाज किया गया.