गरियाबंद: जिले के डेडिकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल में राज्य शासन की ओर से 6 नए वेंटिलेटर भिजवाए गए हैं. इससे पहले जिले में मात्र दो वेंटिलेटर ही सही तरीके से काम कर रहे थे. जिले में इतने कम वेंटिलेटर होने से कई बार गंभीर स्थिति में आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था. जिले को नए वेंटिलेटर मिलने से गंभीर मरीजों को राहत मिलेगी, साथ ही अस्पताल प्रबंधन को भी इलाज में दिक्कतें नहीं आएंगी.
गरियाबंद में कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए जरूरत पड़ने वाले वेंटिलेटर की स्थिति बेहद खराब थी. कोविड-19 हॉस्पिटल के 8 वेंटिलेटर में से केवल दो ही ठीक से काम कर रहे थे. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार वेंटिलेटर की मांग कर रहे थे. जिस पर राज्य शासन ने 6 नए उच्च गुणवत्ता के वेंटिलेटर डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल के लिए भिजवाया. डॉक्टरों का कहना है कि वेंटिलेटर के मिलने से अब मरीजों की जान बचाने के प्रयास में सहूलियत मिलेगी.
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वेंटिलेटर के आने से मृत्यु दर में आएगी कमी
कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने बताया कि डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के बेहतर उपचार और संचालन को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन ने वेंटिलेटर दिया. वर्तमान में केवल दो ही वेंटिलेटर उपयोग करने लायक थे. जिसके बाद अब गंभीर मरीजों के बेहतर उपचार में नए वेंटिलेटर का उपयोग जीवनदायिनी साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि इसके लिए जिला प्रशासन ने शासन स्तर पर निरंतर बात की. CMHO डॉ एन आर नवरत्न ने बताया कि अब अस्पताल में अधिक से अधिक गंभीर मरीजों का इलाज बेहतर ढंग से किया जा सकेगा. जिले में मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास किया जाएगा.
जिला प्रशासन तीसरी लहर के लिए हो रहा तैयार
गरियाबंद में बीते कुछ दिनों से कोरोना संबंधित आंकड़ों में कमी देखने को मिल रही है. बावजूद इसके रोजाना कोरोना से मौत हो रही है. मरीजों के बेहतर उपचार और मौत के आंकड़ों को कम करने के लिए यह वेंटिलेटर विशेष सहायता प्रदान कर सकता है. जिले में तीसरी लहर के आने से पहले ही प्रशासन सभी सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास में जुट गया है. ये भी कारण है कि कोरोना केस कम होने के बावजूद गरियाबंद जिला चिकित्सालय में वेंटिलेटर की व्यवस्था कराई गई.
CMHO डॉ एन आर नवरत्न ने बताया कि नए मिले वेंटिलेटर डेडिकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल में ही रखे जाएंगे, क्योंकि गंभीर मरीजों को इसी अस्पताल में रखा जाता है. अन्य अस्पतालों में लोगों को वेंटिलेटर लगाने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक और जरूरी अन्य सुविधाएं फिलहाल उपलब्ध कराई जा रही हैं.