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72 मौतों का कारण और बीमारी की वजह का पता लगाने आज दिल्ली से सुपेबेड़ा पहुंचेगी टीम - मौत और बीमारी की वजह जानने की कोशिश

छत्तीसगढ़ के सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की वजह से 72 मौत हो गई है. मौतों के कारण को जानने के लिए मंगलवार को केंद्र से विशेषज्ञों की टीम आ रही है. ये टीम मौत की वजह का पता लगाएगी.

Specialist team visit
दिल्ली से पहुंचेगी टीम
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Published : Jan 14, 2020, 10:12 AM IST

Updated : Jan 14, 2020, 11:29 AM IST

गरियाबंद: 72 मौतों से पूरे प्रदेश को दहला चुके सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की वजह और उससे हो रही मौतों के कारण को जानने के लिए 14 जनवरी को केंद्र से विशेषज्ञों की टीम आ रही है. ये टीम मौत की वजह का पता लगाएगी. साथ ही साथ किडनी की बीमारी फैलने की वजह भी तलाशेगी.

health seminar
स्वास्थ्य शिविर

12 बजे के करीब स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक के साथ दिल्ली और चंडीगढ़ के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय खेर और डॉ. विवेकानंद झा सुपेबेड़ा पहुचेंगे. राज्य सरकार के आग्रह के बाद उक्त दोनों चिकित्सक सीधे पीड़ितो से रूबरू होंगे. दो घण्टे से भी ज्यादा समय तक गांव में बिताने का कार्यक्रम तय किया गया है.

स्पेशलिस्ट करेंगे जांच
राज्यपाल अनुसुइया उईके के सुपेबेड़ा पहुंचने का असर अब नजर आने लगा है. केंद्र के विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम सीधे सुपेबेड़ा जा रही है. यह विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम है. इसमें किडनी रोग स्पेशलिस्ट है. केंद्र से तीन या चार सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट 14 जनवरी को 12 बजे सुपेबेड़ा पहुंच रहे है. इनमें दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल के डॉ. विजय खेर के साथ-साथ चंडीगढ़ के डॉ. विवेकानंद झा और लखनऊ के भी किडनी रोग विशेषज्ञ शामिल होंगे.

health seminar
स्वास्थ्य शिविर

मौत और बीमारी की वजह जानने की कोशिश करेंगे
डॉक्टर्स की टीम आज सुपेबेड़ा गांव का दौरा करेगी और ग्रामीणों से मुलाकात करेगी. स्थानीय प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर लिया है. सोमवार को एम्स के डॉक्टर प्रभात चौधरी, डॉ. विनय राठौर की मौजूदगी में शिविर लगाकर स्वास्थ्य विभाग ने मरीजो का इलाज भी किया है. विशेष चिकित्सा शिविर बुलाकर एक-एक मरीज की हिस्ट्री, खानपान, रहन-सहन के बारे में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी ली गई है.

जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी
माना जा रहा है कि यहां की मिट्टी और पानी में क्रोमियम की मात्रा अधिक होने के चलते यहां के लोगों को किडनी की बीमारियां हुई हैं. जिसके चलते इस दृष्टिकोण से विशेष जांच की जाएगी कि ऐसे क्या-क्या कारण हैं जिसके चलते लोगों की किडनी खराब हो रही है. इसके बाद दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों के लिए जरूरी सलाह देकर वापस लौटेंगे, जांच और निष्कर्ष का परिणाम बाद में केंद्र और राज्य सरकार को भेजेंगे.

पढे़:सुपेबेड़ा : किडनी मरीजों की मौत का मामला, सिंहदेव के बयान से सरकार पर उठे सवाल !

अब तक 72 लोगों की हो चुकी है मौत
सुपेबेड़ा छत्तीसगढ़ का एक ऐसा गांव है जहां किडनी की बीमारी से अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसे लेकर राज्य सरकार लंबे समय से परेशान है. वर्तमान में पीड़ितों की संख्या 95 बताई जा रही है है. वहीं विभाग का यह भी दावा है कि पिछले 6 माह में किडनी रोग के एक भी नए मरीज नहीं है. बीते दिनों प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके भी स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ सुपेबेड़ा पहुंची थी. इस अवसर पर उन्होंने गांव के लोगों से वादा किया था कि जरूरत पड़ने पर मौतों को रोकने के लिए केंद्र से भी मदद ली जाएगी.

गरियाबंद: 72 मौतों से पूरे प्रदेश को दहला चुके सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की वजह और उससे हो रही मौतों के कारण को जानने के लिए 14 जनवरी को केंद्र से विशेषज्ञों की टीम आ रही है. ये टीम मौत की वजह का पता लगाएगी. साथ ही साथ किडनी की बीमारी फैलने की वजह भी तलाशेगी.

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स्वास्थ्य शिविर

12 बजे के करीब स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक के साथ दिल्ली और चंडीगढ़ के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय खेर और डॉ. विवेकानंद झा सुपेबेड़ा पहुचेंगे. राज्य सरकार के आग्रह के बाद उक्त दोनों चिकित्सक सीधे पीड़ितो से रूबरू होंगे. दो घण्टे से भी ज्यादा समय तक गांव में बिताने का कार्यक्रम तय किया गया है.

स्पेशलिस्ट करेंगे जांच
राज्यपाल अनुसुइया उईके के सुपेबेड़ा पहुंचने का असर अब नजर आने लगा है. केंद्र के विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम सीधे सुपेबेड़ा जा रही है. यह विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम है. इसमें किडनी रोग स्पेशलिस्ट है. केंद्र से तीन या चार सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट 14 जनवरी को 12 बजे सुपेबेड़ा पहुंच रहे है. इनमें दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल के डॉ. विजय खेर के साथ-साथ चंडीगढ़ के डॉ. विवेकानंद झा और लखनऊ के भी किडनी रोग विशेषज्ञ शामिल होंगे.

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मौत और बीमारी की वजह जानने की कोशिश करेंगे
डॉक्टर्स की टीम आज सुपेबेड़ा गांव का दौरा करेगी और ग्रामीणों से मुलाकात करेगी. स्थानीय प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर लिया है. सोमवार को एम्स के डॉक्टर प्रभात चौधरी, डॉ. विनय राठौर की मौजूदगी में शिविर लगाकर स्वास्थ्य विभाग ने मरीजो का इलाज भी किया है. विशेष चिकित्सा शिविर बुलाकर एक-एक मरीज की हिस्ट्री, खानपान, रहन-सहन के बारे में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी ली गई है.

जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी
माना जा रहा है कि यहां की मिट्टी और पानी में क्रोमियम की मात्रा अधिक होने के चलते यहां के लोगों को किडनी की बीमारियां हुई हैं. जिसके चलते इस दृष्टिकोण से विशेष जांच की जाएगी कि ऐसे क्या-क्या कारण हैं जिसके चलते लोगों की किडनी खराब हो रही है. इसके बाद दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों के लिए जरूरी सलाह देकर वापस लौटेंगे, जांच और निष्कर्ष का परिणाम बाद में केंद्र और राज्य सरकार को भेजेंगे.

पढे़:सुपेबेड़ा : किडनी मरीजों की मौत का मामला, सिंहदेव के बयान से सरकार पर उठे सवाल !

अब तक 72 लोगों की हो चुकी है मौत
सुपेबेड़ा छत्तीसगढ़ का एक ऐसा गांव है जहां किडनी की बीमारी से अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसे लेकर राज्य सरकार लंबे समय से परेशान है. वर्तमान में पीड़ितों की संख्या 95 बताई जा रही है है. वहीं विभाग का यह भी दावा है कि पिछले 6 माह में किडनी रोग के एक भी नए मरीज नहीं है. बीते दिनों प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके भी स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ सुपेबेड़ा पहुंची थी. इस अवसर पर उन्होंने गांव के लोगों से वादा किया था कि जरूरत पड़ने पर मौतों को रोकने के लिए केंद्र से भी मदद ली जाएगी.

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Last Updated : Jan 14, 2020, 11:29 AM IST
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