गरियाबंद: जिले में ETV भारत की खबर का असर हुआ है. देवभोग क्षेत्र में आर्थिक तंगी और बीमारी से जूझ रहे अभिराम के परिवार के लिए प्रशासन आगे आया है. प्रशासन ने डॉक्टरों की टीम भेजी है. साथ ही युवा कांग्रेस और समाजसेवी भी परिवार की मदद के लिए आगे आए हैं.
शनिवार को खबर दिखाए जाने के तुरंत बाद रविवार सुबह डॉक्टरों की एक टीम अभिराम के घर पहुंची. चलने फिरने में असमर्थ अभिराम और उनकी बेटी देवकी का परीक्षण किया गया. दोनों को तत्काल दवाई भी उपलब्ध कराई गई. देवभोग BMO अंजू सोनवनी ने बताया कि पिता शारीरिक रूप से कमजोर हो गए हैं. उन्हें दवाई उपलब्ध कराई गई है. वहीं बेटी के पैरों की जांच भी की गई है. बेहतर इलाज के लिए रायपुर शिफ्ट किया जाएगा.
1 साल में बिखर गया देवभोग का ये परिवार, बीमार बेटी कर रही पिता की देखभाल, सरकार से मदद की आस
मदद के लिए समाजसेवी और युवा कांग्रेसी भी आए आगे
गरियाबंद में बीमारी से ग्रसित अभिराम के परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए समाजसेवी और युवा कांग्रेसी भी आगे आए हैं. युवक कांग्रेसियों ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर जरूरत की सामग्री उपलब्ध करवाई. वहीं घर की साफ-सफाई और टूटे दरवाजे भी सही करवाए. किसी ने पीड़ित परिवार को राशन उपलब्ध कराया, तो किसी ने बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई. मदद मिलने से पीड़ित परिवार को काफी राहत मिली है और वे इस पहल से बेहद संतुष्ट हैं.
जानें क्या है पूरा मामला ?
देवभोग के फोकटपारा में एक परिवार बड़ी मुश्किल से गुजर-बसर कर रहा था. परिवार के मुखिया अभिराम साल 2020 में अचानक बीमार पड़े, जिसके बाद उनकी पत्नी की भी मौत हो गई. एक बेटी जो पिता की देखभाल कर रही थी. उसके पैर भी काम नहीं कर रहे हैं. प्रशासन को इस बात की खबर तक नहीं थी कि यह परिवार इतनी परेशानियों से जूझ रहा है. परिवार के हालात ऐसे हो गए थे कि मेहनत मजदूरी करना तो दूर पीड़ित बैंक से वृद्धावस्था पेंशन और सरकारी दुकान से राशन लाने में भी असमर्थ हो गए. परिवार में मौजूद अभिराम और उनकी जवान बेटी घुट-घुटकर जीने पर मजबूर थे. ETV भारत में इस परिवार की दयनीय स्थिति पर शनिवार को स्पेशल रिपोर्ट दिखाई थी. जिसके बाद ETV के खबर का असर हुआ है. प्रशासन और समाजसेवी आगे आए हैं.