गरियाबंद: जंगलों में अवैध लकड़ी कटाई, तस्करी और अवैध खनिज उत्खनन के दौरान पकड़े गए लाखों रुपये के दर्जनों गाड़ियांन मैनपुर वन परिसर में पड़े-पड़े कबाड़ में तब्दील हो रही है. राजसात किए गए इन वाहनों को अगर समय पर नीलाम किया जाए तो सरकार को अच्छा खासा राजस्व मिल सकता है. लेकिन इसकी अनदेखी की जा रही है. जिसके कारण वाहनों की स्थिति खराब हो रही है. ऐसे में कुछ दिनों बाद इन गाड़ियों को कबाड़ में बेचने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचेगा.
वन विभाग की कार्रवाई में गाड़ियां जब्त
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र और गरियाबंद वनमंडल के अंतर्गत समय-समय पर जंगलों के भीतर से अवैध लकड़ियोंं की तस्करी जैसे कई मामलों में कार्रवाई के दौरान वन विभाग की टीम वाहनाें को जब्त करती है. इन गाड़ियों पर राजसात की कार्रवाई की जाती है. ऐसे एक नहीं बल्कि दर्जनों गाड़ियां मैनपुर वन विभाग परिसर में खड़ी हैं. इन लाखों करोड़ों रुपयों की जब्त गाड़ियां धीरे-धीरे कबाड़ बनती जा रही है.
गाड़ियों से वाहन चोर निकाल रहे पार्ट्स
वन विभाग परिसर में खड़े वाहनाें पर चोरों की भी नजर रहती है. दरअसल परिसर में दिनभर वाहनों की सुरक्षा नहीं होती है. ऐसे में मौके का फायदा उठाकर जब्त किए गए वाहनों के महंगे कलपुर्जों को गायब कर दिया जाता है. उसके स्थान पर पुराने कलपुर्जे लगाने की शिकायत लंबे समय से मिल रही है. लेकिन इस ओर वन विभाग ध्यान नहीं दे रहा है.
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जानकारी के मुताबिक पिछले पांच सालों में उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व केन्द्र और गरियाबंद वन मंडल क्षेत्र में क्षेत्र के जंगलों में लकडी की अवैध तस्करी करते दर्जनों मोटर सायकल, ट्रक टैक्टर, पीकअप और अन्य वाहनों को जब्त कर राजसात की कार्रवाई की गई है. जंगल के भीतर अवैध तरीके से खनिज मुरम और वन सम्पदा की खोदाई करते कई महंगे वाहनाें को भी जब्त किया गया है.
क्षेत्र के लोगों ने किया डीएफओ गरियाबंद से मांग
मैनपुर क्षेत्र के लोगों ने गरियाबंद के डीएफओ मंयक अग्रवाल और उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक आयुष जैन से मांग किया है कि वन विभाग ने कार्रवाई के दौरान जब्त किए गए इन वाहनों को राजसात के बाद समय पर निलामी करवाई जाए.