गरियाबंद: माघ पूर्णिमा से शुरू हुए राजिम माघी पुन्नी मेला का महाशिवरात्रि को समापन हो गया है. प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल इस अवसर पर अपने मंत्रिमंडल सदस्यों और साधु संत महात्माओं के साथ विशेष रूप से उपस्थित रहे. उन्होंने मुख्य मंच पर भगवान राजीवलोचन की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर पूजा-अर्चना की. इससे पहले सीएम ने गंगा आरती में शामिल होकर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की.
इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि राजिम एक शहर मात्र नहीं है बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा का परिचय है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यहां की संस्कृति और परंपरा का संरक्षण और संवर्धन करने का काम कर रही है. अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश में धार्मिक स्थलों की कमी नहीं है मगर ऐसे स्थानों पर सुविधाओं की भारी कमी है. प्रदेश सरकार रचनात्मकता कार्यो को प्राथमिकता से शुरू करने में लगी है. इस दौरान उन्होंने राजिम विधायक अमितेश शुक्ल की मांग पर आगामी वर्षों में मेले के दौरान मांस-मदिरा बंद करने की घोषणा की. सीएम ने कहा राम वन गमन पथ में राजिम प्रमुख केंद्र रहेगा. इस क्षेत्र का प्रमुख रुप से विकास किया जाएगा.
बघेल सरकार संस्कृति और धर्म को आगे बढ़ा रही- डहरिया
नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयागराज बताते हुए पूर्व सरकार पर धर्म और संस्कृति के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने राजिम माघी पुन्नी मेला के स्वरूप को बिगाड़ने का काम किया है. अब बघेल सरकार प्रदेश की संस्कृति और धर्म को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को बधाई दी है.
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स्थानीय लोगों और कलाकारों को जोड़ने का काम- ताम्रध्वज
धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजिम माघी पुन्नी मेला का नामकरण करना उनकी सरकार का पहला विधेयक था. सरकार की मंशा राजिम मेले को पारंपरिक स्वरूप देने का है. स्थानीय लोगों ओर कलाकारों को मेले से जोड़ने का काम किया जा रहा है. उनहोंने जानकारी देते हुए बताया कि राजिम माघी पुन्नी मेला को सोशल मीडिया पर विदेशों में भी लाखों की संख्या में देखा जा रहा है.
राजिम में मांस मदिरा के प्रतिबंध की मांग
विधायक अमितेश शुक्ल ने कहा कि राजिम माघी पुन्नी से उनका भावनात्मक लगाव रहा है. उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सदियों से चले आ रहे राजिम माघी पुन्नी मेले के स्वरूप को सीएम भूपेश बघेल ने एक बार फिर बदलने का काम किया है. जिसका आगामी वर्षों में भव्य स्वरूप देखने को मिलेगा. उन्होंने मंच पर बोलते हुए मुख्यमंत्री से आगमी वर्षों में मेले के दौरान राजिम में मास-मदिरा बंद करने की मांग की.
बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला राजिम माघी पुन्नी मेला इस वर्ष 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा से शुरू हुआ और महाशिवरात्रि पर सम्पन्न हुआ. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने राजिम पहुंचकर मेले का लुफ्त उठाया. महाशिवरात्रि के अवसर पर भी श्रद्धालुओं का सुबह से ही राजिम पहुंचने का सिलसिला दिनभर जारी रहा. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई और भगवान कुलेश्वरनाथ मंदिर दर्शन किए.