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इको फ्रेंडली होगी दिवाली, खूब बिक रहे हैं गोबर के दीये

गरियाबंद में नगरवासी इको फ्रेंडली दिवाली मनाने की तैयारी में जुटे हैं. साथ ही महिलाओं की इनकम बढ़ाने और प्रोत्साहित करने के लिए गोबर के दीये खरीदे जा रहे हैं.

गरियाबंद ईको फ्रेंडली दिवाली
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Published : Oct 24, 2019, 12:29 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 5:46 PM IST

गरियाबंदः जिले के लोग इस बार दीपावली को इको फ्रेंडली तरीके से मनाने की तैयारी कर रहे हैं. यही वजह है कि शहरी क्षेत्रों में गोबर के बनाए गए दीयों की बिक्री बहुत हो रही है. प्रशासन ने इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए नगर के प्रमुख जगहों पर बिहान बाजार की व्यवस्था की है, जिससे गोबर के दीए बनाने वाले स्व-सहायता समूह की महिलाओं के दीयों को आसानी से बाजार उपलब्ध हो सके. साथ ही उनके आय के साधन बढ़ सकें.

गरियाबंद इको फ्रेंडली दिवाली

छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी के तहत बने गौठानों से ग्रामीण महिलाओं को आमदनी मिलने लगी है. गोठान समिति की महिलाओं ने दिवाली के 15 दिन पहले ही गोबर के रंग-बिरंगे दीयों को बनाना शुरू कर दिया था. योजना को आगे बढ़ाने और महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद भी इन दीयों की खरीदारी की.

बाजार की व्यवस्था की गई
जिला प्रशासन ने प्रदेश सरकार की योजना को आगे बढ़ाने और महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए नगर के तिरंगा चौक के पास बिहान बाजार की व्यवस्था करवायी है.जिससे आसानी से रंग-बिरंगे दीये लोगों तक पहुंच सकें.

हाथों-हाथ बिक रहे हैं दीये
समूह की महिलाओं ने बताया कि दीयों की बिक्री उम्मीद से ज्यादा हो रही है. उन्होंने बताया कि लोग दीयों को बहुत पसंद कर रहे हैं. साथ ही दीयों की कीमत कम होने की वजह से ये हाथों-हाथ बिक रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाजार में लगभग 4 हजार दीये बनाकर लाए थे, जो 2 दिनों में आधे बिक गए हैं. साथ ही गोबर के बनाई गई दूसरी कलाकृति भी बहुत बिक रही है.

लोगों पसंद कर रहे है इको फ्रेंडली दीये
गोबर के दीये खरीदने वाले नगरवासियों ने बताया कि रंग-बिरंगे दिये बहुत ही आकर्षक हैं. दीये इको फ्रेंडली होने के साथ ही इन्हें आग में भी पकाया गया है. इसके अलावा दीयों को दिवाली में जलाने के बाद खाद के रूप में गमलों में डाला जा सकता है. उन्होंने कहा कि गोबर के दीये खरीदकर ग्रामीण महिलाओं की इनकम को बढ़ाया जा सकता है और पर्यावरण संरक्षित किया जा सकता हैं

गरियाबंदः जिले के लोग इस बार दीपावली को इको फ्रेंडली तरीके से मनाने की तैयारी कर रहे हैं. यही वजह है कि शहरी क्षेत्रों में गोबर के बनाए गए दीयों की बिक्री बहुत हो रही है. प्रशासन ने इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए नगर के प्रमुख जगहों पर बिहान बाजार की व्यवस्था की है, जिससे गोबर के दीए बनाने वाले स्व-सहायता समूह की महिलाओं के दीयों को आसानी से बाजार उपलब्ध हो सके. साथ ही उनके आय के साधन बढ़ सकें.

गरियाबंद इको फ्रेंडली दिवाली

छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी के तहत बने गौठानों से ग्रामीण महिलाओं को आमदनी मिलने लगी है. गोठान समिति की महिलाओं ने दिवाली के 15 दिन पहले ही गोबर के रंग-बिरंगे दीयों को बनाना शुरू कर दिया था. योजना को आगे बढ़ाने और महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद भी इन दीयों की खरीदारी की.

बाजार की व्यवस्था की गई
जिला प्रशासन ने प्रदेश सरकार की योजना को आगे बढ़ाने और महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए नगर के तिरंगा चौक के पास बिहान बाजार की व्यवस्था करवायी है.जिससे आसानी से रंग-बिरंगे दीये लोगों तक पहुंच सकें.

हाथों-हाथ बिक रहे हैं दीये
समूह की महिलाओं ने बताया कि दीयों की बिक्री उम्मीद से ज्यादा हो रही है. उन्होंने बताया कि लोग दीयों को बहुत पसंद कर रहे हैं. साथ ही दीयों की कीमत कम होने की वजह से ये हाथों-हाथ बिक रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाजार में लगभग 4 हजार दीये बनाकर लाए थे, जो 2 दिनों में आधे बिक गए हैं. साथ ही गोबर के बनाई गई दूसरी कलाकृति भी बहुत बिक रही है.

लोगों पसंद कर रहे है इको फ्रेंडली दीये
गोबर के दीये खरीदने वाले नगरवासियों ने बताया कि रंग-बिरंगे दिये बहुत ही आकर्षक हैं. दीये इको फ्रेंडली होने के साथ ही इन्हें आग में भी पकाया गया है. इसके अलावा दीयों को दिवाली में जलाने के बाद खाद के रूप में गमलों में डाला जा सकता है. उन्होंने कहा कि गोबर के दीये खरीदकर ग्रामीण महिलाओं की इनकम को बढ़ाया जा सकता है और पर्यावरण संरक्षित किया जा सकता हैं

Intro:गरियाबंद-- गरियाबंद के लोग इस बार दिवाली इको फ्रेंडली तरीके से मनाने के मूड में नजर आ रहे हैं यही कारण है की जिला मुख्यालय में गोबर के दीयों की जमकर बिक्री हो रही है प्रशासन ने भी इसमें पूरी मदद करते हुए नगर के प्रमुख स्थान पर बिहान बाजार खुलवा दिया है ताकि गोबर के दीए बनाने वाली महिलाओं को इन्हें बेचने में कोई तकलीफ ना आए और दिवाली के पहले उनके घर भी लक्ष्मी जी आए........ गोबर के दिए खरीद रहे लोग साफ कह रहे हैं कि यह दिए बेहद आकर्षक उन्हें के साथ-साथ जब इनसे पर्यावरण संरक्षण और इन ग्रामीण महिलाओं की मदद एक साथ हो रही हो तो ऐसे में इको फ्रेंडली दिवाली क्यों ना मनाई जाए


Body:छत्तीसगढ़ कि भूपेश सरकार की सबसे महत्वपूर्ण पहल गौठान से आय होना प्रारंभ हो गया है दीपावली से 15 दिन पहले ही गोठान समिति की महिलाओं ने गोबर से दीए बनाने प्रारंभ कर दिए थे बेहद ही आकर्षक रंगों में सजे हुए दिए आसानी से बिक जाए ताकि लोगों को सरकार की गोटन से आए कमाने की बात पर भरोसा हो सके इसके लिए भूपेश सरकार ने स्वयं इसे प्रोत्साहित किया जिसे देखते हुए गरियाबंद जिले में भी जिला पंचायत द्वारा महिलाओं को जिला मुख्यालय के सबसे प्रमुख स्थान तिरंगा चौक के पास बिहान बाजार खुलवाया जहां पर गठान में गोबर से दीया बनाने वाली महिलाओ के हाथों ही इन्हें दिखाया जा रहा है ताकि उन्हें स्वयं के कार्य पर गर्व हो सके


Conclusion:जिला मुख्यालय गरियाबंद में गोबर के बनाए गए आकर्षक दिए हाथों हाथ बिक रहे हैं इन महिलाओं ने बताया कि खपत अधिक है इसलिए गांव की बाकी महिलाओं को भी और दीए बनाने के लिए हमने कहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन दियो का उपयोग कर सके वही हमारी भी दिवाली अच्छी हो सके इसके पहले हम पतियों पर आधारित थे त्यौहार पर उनसे कपड़े आदि के लिए पैसे मांगा करते थे अब त्योहारों पर होने वाला अतिरिक्त खर्च हम स्वयं वहन कर सकेंगे


वही गोबर के लिए खरीदने वाले गरियाबंद नगर के लोगों का कहना है कि यह दिए आकर्षक साज-सज्जा मैं होने के बावजूद इको फ्रेंडली भी है ना तो इसे आग जलाकर पकाया गया है और दिवाली के बाद भी गोबर खाद के रूप में गमलों में डाला जा सकता है खास बात यह है कि महिलाओं की इनकम भी से बढ़ रही है तो ऐसे ग्रामीण महिलाओं की मदद और पर्यावरण संरक्षण एक साथ क्यों न कीया जाए


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दो ग्राहक

गोबर का दिया बनाने और बेचने वाली महिला
Last Updated : Oct 24, 2019, 5:46 PM IST
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