गरियाबंदः जिले के लोग इस बार दीपावली को इको फ्रेंडली तरीके से मनाने की तैयारी कर रहे हैं. यही वजह है कि शहरी क्षेत्रों में गोबर के बनाए गए दीयों की बिक्री बहुत हो रही है. प्रशासन ने इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए नगर के प्रमुख जगहों पर बिहान बाजार की व्यवस्था की है, जिससे गोबर के दीए बनाने वाले स्व-सहायता समूह की महिलाओं के दीयों को आसानी से बाजार उपलब्ध हो सके. साथ ही उनके आय के साधन बढ़ सकें.
छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी के तहत बने गौठानों से ग्रामीण महिलाओं को आमदनी मिलने लगी है. गोठान समिति की महिलाओं ने दिवाली के 15 दिन पहले ही गोबर के रंग-बिरंगे दीयों को बनाना शुरू कर दिया था. योजना को आगे बढ़ाने और महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद भी इन दीयों की खरीदारी की.
बाजार की व्यवस्था की गई
जिला प्रशासन ने प्रदेश सरकार की योजना को आगे बढ़ाने और महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए नगर के तिरंगा चौक के पास बिहान बाजार की व्यवस्था करवायी है.जिससे आसानी से रंग-बिरंगे दीये लोगों तक पहुंच सकें.
हाथों-हाथ बिक रहे हैं दीये
समूह की महिलाओं ने बताया कि दीयों की बिक्री उम्मीद से ज्यादा हो रही है. उन्होंने बताया कि लोग दीयों को बहुत पसंद कर रहे हैं. साथ ही दीयों की कीमत कम होने की वजह से ये हाथों-हाथ बिक रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाजार में लगभग 4 हजार दीये बनाकर लाए थे, जो 2 दिनों में आधे बिक गए हैं. साथ ही गोबर के बनाई गई दूसरी कलाकृति भी बहुत बिक रही है.
लोगों पसंद कर रहे है इको फ्रेंडली दीये
गोबर के दीये खरीदने वाले नगरवासियों ने बताया कि रंग-बिरंगे दिये बहुत ही आकर्षक हैं. दीये इको फ्रेंडली होने के साथ ही इन्हें आग में भी पकाया गया है. इसके अलावा दीयों को दिवाली में जलाने के बाद खाद के रूप में गमलों में डाला जा सकता है. उन्होंने कहा कि गोबर के दीये खरीदकर ग्रामीण महिलाओं की इनकम को बढ़ाया जा सकता है और पर्यावरण संरक्षित किया जा सकता हैं