बजट को लेकर युवाओं का कहना है कि, 'सरकार को रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर देना चाहिए, ताकि, बेरोजगारी पर लगाम लग सके. वहीं महिलाओं ने एलपीजी और घरेलू सामान के दाम कम करने की बात कही. इसके साथ ही व्यापारी वर्ग ने जीएसटी की दरों को कम करने के साथ ही समर्थन मूल्य पर बेचे गए धान की रकम को किसानों के खाते में जल्द देने की बात कही, ताकि आने वाले दिनों में मार्केट की रौनक बढ़ सके'.
लोगों ने कहा कि, 'भूपेश सरकार ने जिस तरह वादों को पूरा किया हैं, वैसे ही बचे हुए बाकी वादों को भी जल्दी पूरा करें'. महासुमंद की जनता का यह भी कहना है कि, 'जिस तरह केंद्र के बजट में किसानों का ध्यान रखा गया उसी तरह राज्य के बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ-साथ बिजली, पानी की सुविधाओं का भी ध्यान देना चाहिए, ताकि राज्य की व्यवस्था में सुधार हो सके'. अब देखना ये है कि 8 तारीख को जब बघेल का बही खाता खुलेगा तो उसमें से किसे क्या सौगाते मिलेंगी.