गरियाबंदः प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद उड़ीसा के धान की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है. लेकिन पुलिस और प्रशासन ने भी मानों ठान लिया है कि धान तस्करी के इस काले खेल को ज्यादा दिनों तक फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा. अब तक प्रशासन ने ओड़िसा से 12 लाख से अथिक मूल्य की धान समेत 8 वाहनों को जब्त किया है.
तीन तरफ से उड़ीसा से घिरे देवभोग विकासखंड में धान तस्करी की समस्या सबसे अधिक देखने को मिल रही है. यही कारण है कि आए दिन बड़ी मात्रा में उड़ीसा का धान जब्त किया जा रहा है. दोनों प्रदेशों में धान की कीमत में 800 रुपए से अधिक का फर्क है. इसी की लालच में अवैध धान के व्यापारी किसी भी तरह से उड़ीसा का धान छत्तीसगढ़ में खपाने की फिराक में हैं.
गरियाबंद जिले में स्थानीय प्रशासन और धान बिचौलियों के बीच "तुम डाल-डाल, हम पात-पात" का खेल चल रहा है. जिला प्रशासन सीमावर्ती ओडिसा के अवैध धान की आवक को रोकने की जितनी भी तरकीब अपनाता है, बिचौलिए कोई नई तरकीब अपनाकर अपने मनसूबों में कामयाब हो रहे हैं. कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर व एसपी पारूल माथुर ने ओड़िसा के तीन जिलों से घिरे देवभोग के सीमावर्ती इलाकों के उन रास्तों को करीब से देखा जहां से तस्करी हो रही थी. तस्करी रोकने अब यहां भी चेक पोस्ट लगेंगे.
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जेब गर्म करने की जुगाड़ लगा रहे हैं मुनाफाखोर
पूरे प्रदेश सहित गरियाबंद जिले में भी 01 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होनी है. सरकार की मंशा समर्थन मूल्य का लाभ (support price benefits) वास्तिवक हितग्राहियों को तक पहुंचाने का है. मगर मुनाफाखोर बिचौलिए अपनी जेब गर्म करने की जुगाड़ में है और उन्होंने अपना खेल शुरू कर दिया है. गरियाबंद जिले के बिचौलियों ने ओड़िसा से बड़े पैमाने पर धान की तस्करी शुरू कर दी थी.
जिले में ओड़िसा से आये दिन बड़े पैमाने पर धान की तस्करी हो रही थी. जिला प्रशासन इसे रोकने के लिए हर साल नई-नई रणनीति अपनाता है, मगर बिचौलिए उसमें सेंध लगाकर अपने मंसूबो में कामयाब हो जाते थे. इस बार अफसरों की चौकसी व सतत निगरानी के चलते तस्कर पस्त नजर आ रहे हैं. जिले के कलेक्टर व एसपी ने सीमावर्ती इलाकों का सघन दौरा कर आवश्यक निर्देश दिए हैं. सीमा पर लगे 13 चेक पोस्ट के अलावा अब पांच कच्चे रास्तों पर प्रशासन ने बैरिकेट्स लगाकर 24 घण्टे कर्मियों की तैनाती की शुरूआत की है.