गरियाबंद: कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करने वाले 21 संविदा एएनएम कर्मचारियों को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया है. जिले के मैनपुर और देवभोग इलाके के 21 कर्मचारियों को यह नोटिस जारी किया गया है. इन कर्मचारियों ने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने मांग रखी कि उन्हें बेरोजगार ना करते हुए विभाग में इसी पद पर चल रही संविदा भर्ती में इन्हें समायोजित किया जाए.
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एन नवरत्न का कहना है कि इनकी नियुक्ति डीएमएफ अर्थात खनिज न्यास मध्य से की गई थी. शर्तों में इस मद में राशि रहते तक ही कार्य कराने की बात लिखी गई थी. अब इसमें राशि खत्म हो चुकी है. इसलिए इनकी नियुक्ति भी खत्म की जा रही है. वैसे संविदा पद पर भर्ती जारी है. इसलिए जिन गांवों में यह कार्यरत हैं, वहां स्वास्थ्य विभाग के काम में फर्क नहीं पड़ेगा.
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स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एएनएम और अन्य कर्मचारी लगातार जान जोखिम में डालकर लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए कार्यरत रहे हैं. कई कर्मचारियों ने तो कोरोना सर्वे और कोरोना के संभावित मरीजों की जांच आदि में भी सहयोग किया. लोगों ने इनके लिए खूब ताली बजाई. सरकार ने फूल भी बरसाए. इन्हें कोरोना वारियर्स का नाम दिया गया. लेकिन गरियाबंद में 21 एएनएम को हटाने सेवा समाप्ति का नोटिस थमा दिया गया है. 31 मार्च उनके कार्य करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है.इसे लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता बेहद परेशान चल रहे हैं. साल भर कार्यरत रहने के बाद फिर से बेरोजगार होने का डर इन्हें सता रहा है. परिवार के खर्चे की चिंता भी इन्हें होने लगी है.
क्यों हटाए जा रहे हैं ?
डीएमएफ यानी डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फंड की राशि से इनकी सैलरी जारी होती थी. भर्ती के समय यह नियम में था कि इनकी नियुक्ति तब तक की जा रही है, जब तक डीएमएफ फंड में राशि रहेगी. लेकिन इस मद में गरियाबंद जिले में राशि का संग्रह ज्यादा नहीं होता. 1 साल किसी तरह राशि की व्यवस्था हो पाई. आगे राशि की व्यवस्था नहीं होने के चलते नियमानुसार इनकी सेवा समाप्ति की जा रही है.
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नई भर्ती प्रक्रिया भी जारी
बता दें कि इसी के समकक्ष भर्ती इसी विभाग में इसी समय में चल रही है. स्वास्थ्य विभाग फिलहाल एनएचएम से विभिन्न स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्ती कर रहा है. नोटिस मिलने वाले कर्मचारियों का केवल यही कहना है कि नई भर्ती प्रक्रिया की बजाय जिन लोगों को पहले रख लिया गया है, उन्हें उस पद पर समायोजित करने का कोई रास्ता निकालना चाहिए. ताकि किसी की नौकरी ना जाए, किसी के परिवार पर संकट ना आए.