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सर्पदंश: अगर समय पर अस्पताल ले जाते परिजन, तो शायद बच जाती मां-बेटे की जान

गरियाबंद के छुरा इलाके में सर्पदंश से मां बेटे की मौत हो गई है.दुर्भाग्य की बात यह है कि परिजन उन्हें हॉस्पिटल ले जाने के बजाय बैगा के पास लेकर गए थे. इस लापरवाही की वजह से दोनों की जान चली गई.

Mother and son died of snake bite
सर्पदंश से मां-बेटे की मौत
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Published : Jun 24, 2020, 5:20 PM IST

गरियाबंद : वनांचल क्षेत्रों में सर्पदंश से मौत की खबर अक्सर मिलती रहती है. छुरा इलाके के रवेली गांव में बुधवार को सर्पदंश से मां-बेटे की मौत हो गई है. खास बात यह है कि दोनों अलग-अलग कमरे में सो रहे थे, बावजूद इसके जहरीले सांप ने दोनों को उनके कमरों में जा जाकर डंस लिया. दुर्भाग्य की बात यह है कि, परिजन सर्पदंश के बाद मां-बेटे को हॉस्पिटल ले जाने के बजाय बैगा के पास लेकर गए थे और समय पर इलाज न मिलने की वजह से दोनों की जान चली गई.

दरअसल मां और बेटे को जैसे ही सांप ने डंसा परिजन उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाने के बजाए झाड़-फूंक करने वाले ओझा के पास ले गए, जहां मरीजों की हालत और बिगड़ने लगी, जिसे देखते हुए परिजन उन्हें छुरा अस्पताल लेकर गए. अस्पताल में डॉक्टरों ने मरीजों की स्तिथि में सुधार नहीं होने पर उन्हें रायपुर रेफर करने की बात कही. लेकिन जब तक परिजन दोनों को लेकर रायपुर के लिए रवाना उससे पहले ही मां-बेटे ने दम तोड़ दिया.

परिजनों की लापरवाही से हुई मौत

अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने बताया कि दोनों मरीजों को रात लगभग 12 बजे के करीब सांप ने डंसा था, लेकिन अस्पताल सुबह 7 बजे के करीब लेकर पहुंचे थे. उन्होंने बैगा के पास जाने की भी बात कही, जो घोर लापरवाही है. उन्होंने कहा कि सर्पदंश में जितनी जल्दी हो सके हॉस्पिटल पहुंचना चाहिए.

पढ़ें:-बिलासपुर: बिल्हा में स्नेक कैचर ने पकड़ा सांप, रहवासी इलाके से दूर छोड़ा

थाना प्रभारी राजेश जगत ने बताया कि दोनों मां-बेटे अलग-अलग कमरे में थे सांप ने दोनों को उनके कमरों में जाकर डंसा है. फिलहाल दोनों का पोस्टमार्टम करवाकर शव को परिजनों को सौंप दिया गया है.

गरियाबंद : वनांचल क्षेत्रों में सर्पदंश से मौत की खबर अक्सर मिलती रहती है. छुरा इलाके के रवेली गांव में बुधवार को सर्पदंश से मां-बेटे की मौत हो गई है. खास बात यह है कि दोनों अलग-अलग कमरे में सो रहे थे, बावजूद इसके जहरीले सांप ने दोनों को उनके कमरों में जा जाकर डंस लिया. दुर्भाग्य की बात यह है कि, परिजन सर्पदंश के बाद मां-बेटे को हॉस्पिटल ले जाने के बजाय बैगा के पास लेकर गए थे और समय पर इलाज न मिलने की वजह से दोनों की जान चली गई.

दरअसल मां और बेटे को जैसे ही सांप ने डंसा परिजन उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाने के बजाए झाड़-फूंक करने वाले ओझा के पास ले गए, जहां मरीजों की हालत और बिगड़ने लगी, जिसे देखते हुए परिजन उन्हें छुरा अस्पताल लेकर गए. अस्पताल में डॉक्टरों ने मरीजों की स्तिथि में सुधार नहीं होने पर उन्हें रायपुर रेफर करने की बात कही. लेकिन जब तक परिजन दोनों को लेकर रायपुर के लिए रवाना उससे पहले ही मां-बेटे ने दम तोड़ दिया.

परिजनों की लापरवाही से हुई मौत

अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने बताया कि दोनों मरीजों को रात लगभग 12 बजे के करीब सांप ने डंसा था, लेकिन अस्पताल सुबह 7 बजे के करीब लेकर पहुंचे थे. उन्होंने बैगा के पास जाने की भी बात कही, जो घोर लापरवाही है. उन्होंने कहा कि सर्पदंश में जितनी जल्दी हो सके हॉस्पिटल पहुंचना चाहिए.

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थाना प्रभारी राजेश जगत ने बताया कि दोनों मां-बेटे अलग-अलग कमरे में थे सांप ने दोनों को उनके कमरों में जाकर डंसा है. फिलहाल दोनों का पोस्टमार्टम करवाकर शव को परिजनों को सौंप दिया गया है.

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