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मुख्यमंत्री के इंतजार में शहीद का स्मारक, पिता ने भी इस बात की जिद कर ली है

गरियाबंद जिले के शहीद भोजराज तांडील का स्मारक बनकर तैयार हो गया है, जिला प्रशासन ने भोजराज के गृहग्राम करचिया में उनका स्मारक बनाने के लिए दो लाख रुपये स्वीकृत किए लेकिन उनके पिता ने 10 लाख रुपये और मिलाकर 12 लाख की लागत से भव्य स्मारक तैयार किया है.

शहीद भोजराज तांडील के पिता
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Published : Aug 14, 2019, 6:50 PM IST

गरियाबंद: आमामोरा की पहाड़ियों में नक्सली हमले में शहीद भोजराम तांडील के पिता एवं ग्रामीणों ने 12 लाख रुपए खर्च कर उसकी याद में शहीद स्मारक एवं गार्डन बनाया है मगर यह शहीद स्मारक अब मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन का इंतजार कर रहा है दरअसल भोजराज के पिता की इच्छा है कि मुख्यमंत्री ही शहीद स्मारक और शहीद की मूर्ति का अनावरण करें.

मुख्यमंत्री के इंतजार में शहीद का स्मारक

गरियाबंद जिले के शहीद भोजराज तांडील का स्मारक बनकर तैयार हो गया है, जिला प्रशासन ने भोजराज के गृहग्राम करचिया में उनका स्मारक बनाने के लिए दो लाख रुपये स्वीकृत किए लेकिन उनके पिता ने 10 लाख रुपये और मिलाकर 12 लाख की लागत से भव्य स्मारक तैयार किया है.

राजस्थान से मंगवाई गई मूर्ति
राजस्थान से आदमकद मूर्ति मंगवाई है और सुंदर गार्डन का भी निर्माण किया है, अब उनकी इच्छा सिर्फ इतनी है कि इसका अनावरण प्रदेश के मुख्यमंत्री के हाथों हो, इसके लिए वे दो बार मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं.
अब तक मुख्यमंत्री से डेट नहीं मिल पाई है. वहीं जागेश्वर तांडील की भी जिद है कि वे अपने बेटे के स्मारक का अनावरण सीएम के हाथों ही करायेंगे भले ही इसके लिए उन्हे सालो इंतजार ही क्यों न करना पड़े, साथ ही उन्होंने मुड़ागांव आईटीआई का नामकरण भी शहीद भोजराज के नाम पर करने की इच्छा जताई है.

नक्सली हमले में हुए थे शहीद
शहीद भोजराज के लिए एक बड़ा संयोग है कि वह 2 मई 2013 को जिला पुलिस बल में भर्ती हुए और 2 मई 2018 को नक्सली हमले में शहीद हुए थे.

गरियाबंद: आमामोरा की पहाड़ियों में नक्सली हमले में शहीद भोजराम तांडील के पिता एवं ग्रामीणों ने 12 लाख रुपए खर्च कर उसकी याद में शहीद स्मारक एवं गार्डन बनाया है मगर यह शहीद स्मारक अब मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन का इंतजार कर रहा है दरअसल भोजराज के पिता की इच्छा है कि मुख्यमंत्री ही शहीद स्मारक और शहीद की मूर्ति का अनावरण करें.

मुख्यमंत्री के इंतजार में शहीद का स्मारक

गरियाबंद जिले के शहीद भोजराज तांडील का स्मारक बनकर तैयार हो गया है, जिला प्रशासन ने भोजराज के गृहग्राम करचिया में उनका स्मारक बनाने के लिए दो लाख रुपये स्वीकृत किए लेकिन उनके पिता ने 10 लाख रुपये और मिलाकर 12 लाख की लागत से भव्य स्मारक तैयार किया है.

राजस्थान से मंगवाई गई मूर्ति
राजस्थान से आदमकद मूर्ति मंगवाई है और सुंदर गार्डन का भी निर्माण किया है, अब उनकी इच्छा सिर्फ इतनी है कि इसका अनावरण प्रदेश के मुख्यमंत्री के हाथों हो, इसके लिए वे दो बार मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं.
अब तक मुख्यमंत्री से डेट नहीं मिल पाई है. वहीं जागेश्वर तांडील की भी जिद है कि वे अपने बेटे के स्मारक का अनावरण सीएम के हाथों ही करायेंगे भले ही इसके लिए उन्हे सालो इंतजार ही क्यों न करना पड़े, साथ ही उन्होंने मुड़ागांव आईटीआई का नामकरण भी शहीद भोजराज के नाम पर करने की इच्छा जताई है.

नक्सली हमले में हुए थे शहीद
शहीद भोजराज के लिए एक बड़ा संयोग है कि वह 2 मई 2013 को जिला पुलिस बल में भर्ती हुए और 2 मई 2018 को नक्सली हमले में शहीद हुए थे.

Intro:स्लग---शहीद स्मारक को अनावरण का इंतजार


एंकर,-- आमामोरा की पहाड़ियों में नक्सली हमले में शहीद भोजराम तांडील के पिता एवं ग्रामीणों ने 12 लाख रुपए खर्च कर उसकी याद में शहीद स्मारक एवं गार्डन बनाया है मगर यह शहीद स्मारक अब मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन का इंतजार कर रहा है दरअसल भोजराज के पिता की इच्छा है कि मुख्यमंत्री ही शहीद स्मारक और शहीद की मूर्ति का अनावरण करेंBody:वीओ-- गरियाबंद जिले के शहीद भोजराज तांडील का स्मारक बनकर तैयार हो गया है, जिला प्रशासन ने भोजराज के गृहग्राम करचिया में उनका स्मारक बनाने के लिए दो लाख रुपये स्वीकृत किये है, मगर भोजराज के पिता ने 10 लाख रुपये ओर मिलाकर 12 लाख की लागत से भव्य स्मारक तैयार किया है, राजस्थान से आदमकद मूर्ति मंगवाई है और सुंदर गार्डन का भी निर्माण किया है, अब उनकी इच्छा सिर्फ इतनी है कि इसका अनावरण प्रदेश के मुख्यमंत्री के हाथों हो, इसके लिए वे दो बार मुख्यमंत्री से भी मिल चुके है, मगर अभी तक मुख्यमंत्री की डेट नही मिल पाई है, व्ही जागेश्वर तांडील की भी जिद्द है कि वे अपने बेटे के स्मारक का अनावरण सीएम् के हाथो ही करायेंगे भले ही इसके लिए उन्हे सालो इंतजार ही क्यों ना करना पड़े, साथ ही उन्होंने मुड़ागांव आईटीआई का नामकरण भी शहीद भोजराज के नाम पर करने की इच्छा जताई है,Conclusion:शहीद भोजराज के लिए एक बड़ा संयोग है कि वह 2 मई 2013 को जिला पुलिस बल में भर्ती हुए और 2 मई 2018 को नक्सली हमले में शहीद हो गए

बाईट 1--जागेश्वर तांडील, शहीद के पिता----
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