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गरियाबंद: चंदा हाथी के झुंड में आया नन्हा मेहमान, वन विभाग और ग्रामीणों में खुशी

चंदा हाथी के झुंड में एक नन्हा मेहमान आया है. वन विभाग के मुताबिक गनियारी फुलझर के जंगल में डेरा जमाए 20 हाथियों के झुंड में से एक हथिनी ने नन्हे हाथी को जन्म दिया है, जिसके बाद हाथियों की संख्या फिर से 21 हो गई है.

little elephant came in the herd of elephants in gariaband
चंदा हाथी के झुंड में आया नन्हा मेहमान,
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Published : Aug 7, 2020, 11:34 AM IST

गरियाबंद: फिंगेश्वर के जंगल में एक नया मेहमान आया है. 5 दिन से गनियारी फुलझर के जंगल में डेरा जमाए 20 हाथियों के झुंड में से एक हथिनी ने नन्हे हाथी को जन्म दिया है यानी अब हाथियों के झुंड में एक और सदस्य शामिल हो गया है. यह झुंड जब गरियाबंद जिले में पहुंचा था, तब 21 हाथी थे. जिसमें से एक हाथी की मौत धमतरी जिले के दलदल में फंस जाने से हुई थी. अब गरियाबंद जिले से वापसी की राह पर मौजूद हाथियों के झुंड में फिर से हाथियों की संख्या 21 हो गई है, जिसे लेकर वन्यजीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है.

चंदा हाथी के झुंड में आया नन्हा मेहमान,

जानकारी के मुताबिक 2 महीने पहले बागबाहरा ओडिशा क्षेत्र से 21 हाथियों का झुंड गरियाबंद पहुंचा था, जहां के जंगलों में विचरण करते हुए हाथियों के झुंड को देखा गया था. क्षेत्र में हाथियों की दस्तक से लोगों में काफी दहशत का माहौल था.

24 से ज्यादा गांवों से होते हुए कस गांव के जंगल पहुंचे थे हाथी

हाथियों का झुंड लगभग 24 से ज्यादा गांवों से होते हुए कस गांव के जंगल पहुंचा, जहां सेल्फी के चक्कर में एक व्यक्ति हाथियों के बहुत पास पहुंच गया था. जिसके बाद हाथी ने कुचल कर उसकी जान ले ली थी. इस घटना के बाद लोगों में डर और बढ़ गया था , लेकिन इसके 2 दिन बाद ही हाथियों ने गरियाबंद जिले की सीमा, नेशनल हाईवे और पैरी नदी को पार करते हुए धमतरी जिले में प्रवेश कर लिया था. लगभग 52 दिन धमतरी और कांकेर जिले में बिताने के दौरान दलदल में फंसकर एक हाथी की मौत भी हो गई.

फुलझर के जंगल में एक हथिनी ने दिया नन्हे हाथी को जन्म

हाथियों का झुंड वापस अपने इलाके की ओर उसी रास्ते से लौट रहा था, लेकिन बारूका के बाद उन्होंने अपना रास्ता बदल लिया. जिसके बाद हाथी जतमई झरने के पास से होते हुए फुलझर गनियारी के जंगल में पहुंच गए. जानकारी के मुताबिक हाथी हर दिन रात के वक्त लगभग 25 किलोमीटर चल रहे थे, लेकिन बीते 5 दिनों से हाथी फुलझर के जंगल में डेरा जमाए हुए थे. कोई समझ नहीं पा रहा था कि हाथी आखिर आगे क्यों नहीं बढ़ रहे हैं, लेकिन इसी बीच गुरुवार की सुबह फिंगेश्वर के जंगल से खुशखबरी आई कि दल की एक हथिनी ने नन्हे हाथी को जन्म दिया है.

पढ़ें: हाथियों ने ली महिला की जान, वन विभाग ने परिवार को दिया 25 हजार रुपए का मुआवजा

नन्हे हाथी को देखकर वन विभाग के साथ ही स्थानीय लोग भी काफी खुश हैं. फिंगेश्वर क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है. साथ ही खुशी भी जाहिर की है. वन विभाग इसलिए भी खुश है, क्योंकि 21 हाथियों का झुंड गरियाबंद पहुंचा था और अब लौटते समय फिर से इनकी संख्या 21 हो गई है. जो संतोषजनक बात है. कुल मिलाकर चंदा हाथी के दल में आए नए मेहमान को लेकर पूरे इलाके में चर्चा चल रही है.

गरियाबंद: फिंगेश्वर के जंगल में एक नया मेहमान आया है. 5 दिन से गनियारी फुलझर के जंगल में डेरा जमाए 20 हाथियों के झुंड में से एक हथिनी ने नन्हे हाथी को जन्म दिया है यानी अब हाथियों के झुंड में एक और सदस्य शामिल हो गया है. यह झुंड जब गरियाबंद जिले में पहुंचा था, तब 21 हाथी थे. जिसमें से एक हाथी की मौत धमतरी जिले के दलदल में फंस जाने से हुई थी. अब गरियाबंद जिले से वापसी की राह पर मौजूद हाथियों के झुंड में फिर से हाथियों की संख्या 21 हो गई है, जिसे लेकर वन्यजीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है.

चंदा हाथी के झुंड में आया नन्हा मेहमान,

जानकारी के मुताबिक 2 महीने पहले बागबाहरा ओडिशा क्षेत्र से 21 हाथियों का झुंड गरियाबंद पहुंचा था, जहां के जंगलों में विचरण करते हुए हाथियों के झुंड को देखा गया था. क्षेत्र में हाथियों की दस्तक से लोगों में काफी दहशत का माहौल था.

24 से ज्यादा गांवों से होते हुए कस गांव के जंगल पहुंचे थे हाथी

हाथियों का झुंड लगभग 24 से ज्यादा गांवों से होते हुए कस गांव के जंगल पहुंचा, जहां सेल्फी के चक्कर में एक व्यक्ति हाथियों के बहुत पास पहुंच गया था. जिसके बाद हाथी ने कुचल कर उसकी जान ले ली थी. इस घटना के बाद लोगों में डर और बढ़ गया था , लेकिन इसके 2 दिन बाद ही हाथियों ने गरियाबंद जिले की सीमा, नेशनल हाईवे और पैरी नदी को पार करते हुए धमतरी जिले में प्रवेश कर लिया था. लगभग 52 दिन धमतरी और कांकेर जिले में बिताने के दौरान दलदल में फंसकर एक हाथी की मौत भी हो गई.

फुलझर के जंगल में एक हथिनी ने दिया नन्हे हाथी को जन्म

हाथियों का झुंड वापस अपने इलाके की ओर उसी रास्ते से लौट रहा था, लेकिन बारूका के बाद उन्होंने अपना रास्ता बदल लिया. जिसके बाद हाथी जतमई झरने के पास से होते हुए फुलझर गनियारी के जंगल में पहुंच गए. जानकारी के मुताबिक हाथी हर दिन रात के वक्त लगभग 25 किलोमीटर चल रहे थे, लेकिन बीते 5 दिनों से हाथी फुलझर के जंगल में डेरा जमाए हुए थे. कोई समझ नहीं पा रहा था कि हाथी आखिर आगे क्यों नहीं बढ़ रहे हैं, लेकिन इसी बीच गुरुवार की सुबह फिंगेश्वर के जंगल से खुशखबरी आई कि दल की एक हथिनी ने नन्हे हाथी को जन्म दिया है.

पढ़ें: हाथियों ने ली महिला की जान, वन विभाग ने परिवार को दिया 25 हजार रुपए का मुआवजा

नन्हे हाथी को देखकर वन विभाग के साथ ही स्थानीय लोग भी काफी खुश हैं. फिंगेश्वर क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है. साथ ही खुशी भी जाहिर की है. वन विभाग इसलिए भी खुश है, क्योंकि 21 हाथियों का झुंड गरियाबंद पहुंचा था और अब लौटते समय फिर से इनकी संख्या 21 हो गई है. जो संतोषजनक बात है. कुल मिलाकर चंदा हाथी के दल में आए नए मेहमान को लेकर पूरे इलाके में चर्चा चल रही है.

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