गरियाबंद: छुरा और राजिम तहसील को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क पर तर्रीघाट के पास ढाई साल एक पुल बन रहा है, जो आज तक अधूरा पड़ा है. पुल के पास अप्रोच रोड न होने से लोगों को जान जोखिम में डाल नदी पार आना-जाना करना पड़ रहा है.
पुल नहीं बनने से जहां लोग छोटी गाड़ियों को नदी से पार करने को मजबूर हैं, वहीं दो किलोमीटर के लिए बड़े वाहनों को 20 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है.
जान हथेली पर रखकर करते हैं नदी पार
ग्रामीणों ने बताया कि पुल के पास कोई एप्रोच रोड नहीं है, यहीं कारण है कि लोगों को आने-जाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दुर्भाग्य की बात यह है कि लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर नदी पार कर रहे हैं. लोग मोटरसाइकिल को लकड़ी के सहारे पार करवाते हैं ताकि उन्हें कई किलोमीटर का अतिरिक्त सफर न करना पड़े. राहगीरों का कहना है कि 'अगली बरसात तक भी यह पुल बन पाएगा, ऐसी उम्मीद नजर नहीं आ रही है'.
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अधिकारी बात करने को तैयार नहीं
अधिकारी पुल के संबंध में बात करने तैयार नहीं हैं. बीते ढाई साल से निर्माण कार्य जारी होने के बावजूद 60 फीसदी तक काम पूरा नहीं हो सका है.