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25 दिन बाद भी नहीं शुरू हुई जांच, जंगल में मिली थी लाखों रुपये की दवाई

13 अप्रैल 2019 को जिला मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर कोदोहरदी के जंगल में लाखों रुपये की दवाई फेंकने का मामला सामने आया था.

जंगल में मिली थी लाखों रुपये की दवाई
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Published : May 8, 2019, 1:48 PM IST

Updated : May 8, 2019, 6:24 PM IST

गरियाबंद: जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर कोदोहरदी के जंगल में 13 अप्रैल 2019 को लाखों रुपये की दवाई फेंकने का मामला सामने आया था. इस पर जांच की बात कही गई थी, लेकिन 25 दिन बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ETV भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जिस पर जिम्मेदारों ने जांच की बात कही थी.

जंगल में मिली थी लाखों रुपये की दवाई

लाखों रुपये की दवाई फेंकने का मामला
यह खबर दिखाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयों को वहां से उठाकर अस्पताल लाकर मामले में जांच के आदेश दिए थे.

दो लोगों पर कार्रवाई
मामले में जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक फार्मासिस्ट और एक स्टोर कीपर पर कार्रवाई भी की थी. साथ ही पांच सदस्यीय टीम बनाकर 15 दिन में जांच के निर्देश जारी किए थे, लेकिन 15 दिन के बजाए अब 25 दिन बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी है.

गरियाबंद: जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर कोदोहरदी के जंगल में 13 अप्रैल 2019 को लाखों रुपये की दवाई फेंकने का मामला सामने आया था. इस पर जांच की बात कही गई थी, लेकिन 25 दिन बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ETV भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जिस पर जिम्मेदारों ने जांच की बात कही थी.

जंगल में मिली थी लाखों रुपये की दवाई

लाखों रुपये की दवाई फेंकने का मामला
यह खबर दिखाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयों को वहां से उठाकर अस्पताल लाकर मामले में जांच के आदेश दिए थे.

दो लोगों पर कार्रवाई
मामले में जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक फार्मासिस्ट और एक स्टोर कीपर पर कार्रवाई भी की थी. साथ ही पांच सदस्यीय टीम बनाकर 15 दिन में जांच के निर्देश जारी किए थे, लेकिन 15 दिन के बजाए अब 25 दिन बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी है.

Intro:स्लग----लीपापोती की कौशिश
गरियाबंद में 13 अप्रैल को जंगल में लाखों रुपये की दवाई फेंकने के मामले की जॉच का अबतक कोई अता पता नही है, 15 की बजाय 25 दिन बीतने के बाद भी अब तक किसी भी बना कर तैयार नहीं जिसे देख कर लग रहा है कि स्वास्थ्य विभाग मामले की लीपापोती में लग गया हैBody:मामला सामने आने के तत्काल बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने जिस तरह एक फार्मासिस्ट और एक स्टोर कीपर पर कार्यवाही करके वाहवाही लुटी थी, उतनी दिलचस्पी विभाग मामले की जॉच में नही ले रहा है, जबकि मामला सामने आने के तुरंत बाद पॉच सदस्यीय एक टीम बनाकर 15 दिन में जॉच करने के निर्देश जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये गये थे, मामले को 15 दिन के बजाए 25 दिन का समय बीत चुका है, मगर अबतक जॉच पुरी नही हुयी यही नही अब खुद जिम्मेदार अधिकारियों ने जॉच में समय लगने की बात कहना शुरु कर दिया है, गौरतलब है कि 13 अप्रैल को जिला मुख्यालय से महज 4 किमी दूर कोदोहरदी के जंगल में विभाग द्वारा लाखों रुपये की दवाई फैंकने का मामला सामने आय़ा था, मीडिया में खबर दिखाये जाने के बाद विभाग ने ना केवल दवाईयों को वहॉ से उठाया बल्कि जॉच के आदेश भी जारी किये थे, वाहवाही लुटने के लिए दो छोटे कर्मचारियों पर निलबंन और वेतन वृद्धि रोकने की कार्यवाही भी की थी, मगर दवाई क्यों फैंकी गयी, किसके कहने पर फैंकी गयी, क्या इन दवाईयों को अनावश्यक रुप से खरीदा गया था, एक्सपायरी होने के कितने दिन पहले खरीदा गया था, ये वो तमाम सवाल है जिनके सामने आने के बाद असली गुनहागार के चेहरे भी सामने आ जायेगें, शायद अब इसी डर से विभाग ने जॉच में लीपापोती करनी शुरु कर दी है, हालांकि सीएचएमओ ने एक बार फिर जॉच जल्द पुरी होने का भरोसा दिलाया है।
Conclusion:बाइट 1----एसके बंजारे, सीएचएमओ..............
Last Updated : May 8, 2019, 6:24 PM IST
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