गरियाबंद: जिले में 1 अगस्त से खरीब फसलों का रकबा सत्यापन किया जाएगा. धान खरीदी के पहले बोये गये खरीफ फसलों का रकबा सत्यापन किया जाना है. इसके लिए किसानों के खेतों में पहुंचकर बोये गये फसल और रकबे की जांच भी की जायेगी. बता दें यह पूरे राज्य में होना हैं. जिले में यह गिरदावरी अभियान 20 सितंबर तक चलेगा.
कलेक्टर छतर सिंह डेहरे ने गिरदावरी के संबंध में राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों और पटवारियों की बैठक में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने कहा कि गिरदावरी का कार्य जिले में 1 अगस्त से 20 सितंबर तक युद्ध स्तर पर होना चाहिए. संबंधित SDM और तहसीलदार यह सुनिश्चित कर लें. कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि गिरदावरी कार्य का पटवारी हल्कों और ग्रामों में तिथिवार समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से व्यापक प्रचार होना चाहिए.
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बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आयोजित कलेक्टरों की बैठक में अन्य विषयों के अलावा धान खरीदी की प्रारंभिक तैयारियों की समीक्षा भी की है. उन्होंने खरीदी के पूर्व सुव्यवस्थित तरीके से गिरदावरी का काम निपटा लिए जाने के निर्देश दिए हैं.
इन नियमों के लिए कलेक्टर ने दिए हिदायत
- गिरदावरी का काम किसानों की मौजदूगी में पारदर्शिता पूर्ण तरीके से किया जाना है.
- किसी के घर में बैठकर नहीं बल्कि किसानों के खेतों में पहुंचकर पूरा करना है.
- किसानों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को गिरदावरी की जानकारी पहले से ही दी जाये. इसके लिये गांवों में मुनादी करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
- गिरदावरी के लिये साल 2019-20 के धान खरीदी पंजीयन की सूची डाउनलोड कर सरल क्रमांक के अनुसार खेतों की फसलवार बोआई का विवरण तैयार किया जाए.
- प्रत्येक किसान के खसरावार वर्तमान खेत में बोआई का रकबा और पड़त का रकबा भुईयां साफ्टवेयर में दिये गये विवरण के अनुसार तैयार किया जाए.
- प्रत्येक खसरावार रकबे का किसानवार मोबाईल में फोटो संधारित किया जाना है.
- पिछले साल के पंजीयन से रकबा ज्यादा होने पर संबंधित तहसीलदार को रकबा बढ़ने का कारण बताना होगा.
- गिरदावरी के समय हल्का पटवारी के साथ कृषि विभाग के अधिकारी भी साथ रहेंगे.