गरियाबंद: खाना बनाने में देरी करने पर एक शख्स ने पत्नी की हत्या कर दी थी. अब आरोपी जेल में है, लेकिन उसके 6 मासूम अनाथ हो गए. गरियाबंद के सुदूर अंचल में बसे गांव टूइयामुड़ा की घटना को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था और बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जताई थी. खबर के बाद शासन-प्रशासन हरकत में आया, महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम गांव पहुंची और जिन रिश्तेदारों के पास बच्चे रह रहे हैं उनसे मुलाकात की थी.
रिश्तेदारों ने भी इन बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी वहन कर पाने में अक्षमता जाहिर की है. कुछ दिन बच्चों को रखने की जिम्मेदारी देते हुए विभाग की टीम वापस लौट गई थी. लेकिन दिवाली पर गरीब रिश्तेदारों के घर अचानक बढ़े इन 6 नए सदस्यों की जिम्मेदारी में कोई समस्या ना आए, इसलिए समाजसेवी संस्थाओं की मदद से प्रशासन ने मदद पहुंचाई. महिला बाल विकास विभाग की जिला बाल संरक्षण इकाई ने दिवाली के दिन पर्याप्त राशन की व्यवस्था परिवार को करवाई. टीम ने सभी छह बच्चों को रायपुर की संस्थाओं में शिफ्ट करने की बात कही है.
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इनमें से तीन बच्चे 6 साल से छोटे हैं. जिनको मातृछाया सदन रायपुर में रखने की तैयारी की जा रही है. वहीं बची हुई दो लड़कियों को बालिका गृह रायपुर में रखा जाएगा. एक लड़के को भी रायपुर के बालक गृह में रखने की तैयारी की जा रही है. बच्चों की काउंसलिंग करते हुए जल्द इन्हें अलग-अलग संस्थाओं में भेजने की तैयारी की जा रही है.
उपलब्ध कराए गए गर्म कपड़े और राशन सामाग्री
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिलाधिकारी जगरानी एक्का के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी, संरक्षण अधिकारी फणींद्र जयसवाल और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने बच्चों के रिश्तेदारों के घर पहुंच कर राशन सामाग्री और गर्म कपड़े दिए. विभाग ने राशन की व्यवस्था चाइल्ड हेल्प लाइन और अन्य स्वयंसेवी संस्था के सहयोग से की.