गरियाबंद: जिले के तौरंगा गांव में स्थित अंग्रेजों के जमाने का एक प्रसिद्ध कुआं है. जिसके पानी को ग्रामीण गंगाजल की तरह शुद्ध मानते हैं. जिससे गांव वाले दावा करते थे कि इस बीमारी से कई बीमारियां ठीक होती है. अंग्रेज भी इस कुएं के पानी का इस्तेमाल करते थे. कई बड़े राजनेता भी इस कुएं के पानी का इस्तेमाल कर चुके हैं. लेकिन वर्षों बाद अचानक इस कुएं का पानी पीने से 40 लोग बीमार पड़ गए हैं. गांव वाले इसे दैवीय प्रकोप मानकर पूजा-पाठ अनुष्ठान कराने की बात कह रहे हैं.
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गरियाबन्द के तोरेंगा के मुख्य बस्ती में लोगों की अचानक तबीयत बिगड़ गई. बीमार पड़ने वालों में 20 से 40 उम्र वाले लोग ज्यादा है. लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत ज्यादा है. बीमार लोगों की संख्या 40 तक पहुंच गई है. हेल्थ विभाग की टीम ने कैंप लगाकर गांववालों का इलाज भी किया. लेकिन अब गांव वाले इसे दैवीय प्रकोप मान रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग इसी कुएं के पानी में खराबी होना बताकर ग्रामीणों को हैरानी में डाल दिया है. तोरेंगा के इस कूंए का पानी-पीने से पेट का हाजमा ठीक होता है. पूरे राज्य नहीं राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भी इसका उपयोग किया है. असमंजस में पड़े ग्रामीण अब झाड़ फूक के जरिये कारण का पता लगाने की बात कह रहे हैं.