गरियाबंद: कुल्हाड़ी घाट के भालू डिग्गी के जंगलों में नक्सली कैंप चल रहा था. यहां नक्सलियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी. इस बात की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को घेरने की रणनीति बनाई.इसके बाद कैंप पर पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने धावा बोला दिया. नक्सलियों ने भी काउंटर फायरिंग की. काफी देर तक दोनों तरफ से फायरिंग चलती रही. इसके बाद सुरक्षाबलों को हावी होता देख नक्सली कैंप छोड़कर भाग खड़े हुए.
किधर भागे नक्सली ?: दरअसल ये कैंप घने जंगलों के अंदर चल रहा था. गरियाबंद एसपी अमित तुकाराम कांबले ने बताया,' भालू डिग्गी गांव के जंगल बांस के हैं. जब कैंप की सूचना मिली तो सीआरपीएफ और पुलिस की टीम सर्चिंग के लिए निकल गई.पुलिस को अपनी ओर आता देख नक्सलियों ने पहले फायरिंग की. हमने घेराबंदी कर नक्सलियों को पकड़ने का प्रयास किया. पर वे जंगल में और अंदर की तरफ भाग गए. नक्सलियों के ओडिशा की तरफ भागने की आशंका है.ओडिशा पुलिस को भी सतर्क कर दिया गया है'. नक्सली कैंप में पुलिस को संदेहजनक सामान मिला है. इसके बारे में तफ्तीश की जा रही है. सुरक्षाबल के जवान इलाके में लगातार सर्चिंग अभियान चला रहे हैं.
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क्या कहता है डेटा: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को पकड़ने के लिए लगातार सर्च अभियान चलाए जाते हैं. जानकार बताते हैं कि साल 2013 से साल 2022 के दरमियान करीब 10 साल में तीन हजार 447 नक्सली हमले हुए हैं. इनमें करीब 418 सुरक्षाबल और पुलिस के जवान शहीद हुए हैं.दूसरी तरफ 663 नक्सलियों को जवानों ने ढेर किया है.