गरियाबंद: जिले में मनरेगा के कार्यों और इसकी मॉनिटरिंग का क्या हाल है, ये ग्राम फरसरा में साफ पता चल रहा है. यहां खुद मजदूरों ने शिकायत की है कि उन्होंने डबरी निर्माण में काम नहीं किया है जबकि उनके नाम से मजदूरी निकाली जा रही है. मजदूरों का आरोप है कि रोजगार सहायक ने उनके खाते में आई राशि उनसे निकलवाई और राशि हड़प कर ले गया.
ETV भारत से मजूदरों ने बताया कि उन्होंने मनरेगा के तहत सिर्फ 1 हफ्ते काम किया है, जबकि मस्टररोल में उनके नाम 2 से 3 हफ्ते की मजदूरी लिखी गई है.
मनरेगा में भारी फर्जीवाड़ा
पढ़ें: कोरबा: बढ़ते प्रदूषण का मछलियों पर बुरा असर, 10 प्रजातियों पर अस्तित्व का संकट
रोजगार सहायक पर आरोप
फरसरा के ग्रामीणों का आरोप है कि 1 से 6 जून तक बिना काम किए मस्टररोल तैयार कर राशि आहरित की गई है, जबकि मजदूरों ने इस बीच कोई काम किया ही नहीं. गाँव के जगन्नाथ और कुमारी का नाम मस्टररोल में बिना काम किए दर्ज कर दिया गया है.
ETV भारत ने जब इनसे बात की तो उनका साफ कहना है रोजगार सहायक ने उनसे संपर्क कर उनका अंगूठा लगाया और राशि आहरित कर ली. रविराम सहित डबरी में काम करने वाले 18 मजदूरों ने सीईओ मैनपुर को लिखित शिकायत की है. इस मामले में CEO नरसिंह ध्रुव का कहना है कि इसकी जांच करने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.