गरियाबंदः वन भैंसा संरक्षण संवर्धन केंद्र के भीतर ही राजकीय पशु वन भैंसा की मौत हो गई है. वन भैंसे की एक पूरी पीढ़ी को जन्म देने वाली मादा वन भैंसा आशा मंगलवार सुबह संरक्षण केंद्र में मरी हुई मिली. बताया जा रहा कि 2 दिनों से उसकी तबीयत खराब थी.
राजकीय पशु, मादा वन भैंसा आशा की मौत से प्रदेश के वन विभाग में हड़कंप मच गया है, जहां गरियाबंद के अधिकारी पशु चिकित्सकों की टीम लेकर प्रजनन केंद्र रवाना हुए हैं, वहीं रायपुर से भी कुछ अधिकारी मौके के लिए रवाना हुए हैं. वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में पोस्टमार्टम करवाया जाएगा.
आशा की मौत से वन विभाग को बड़ी हानि
वन विभाग इस बात का पता लगाने में जुटा हुआ है कि बीमार आशा के इलाज में कोई कोताही तो नहीं बरती गई थी. फिलहाल मौत के कारणों का पता नहीं लग पाया है, लेकिन वन विभाग इस मौत को बहुत बड़ी हानि मान रहा है. वर्तमान में वन विभाग के पास केवल दो मादा वन भैंसा थी, जिनमें से आशा की मौत के बाद अब उसकी बेटी 'खुशी' से ही उम्मीदें हैं. लेकिन बताया जा रहा कि खुशी फिलहाल कुछ महीनों तक वन भैंसों की पीढ़ी को आगे बढ़ाने की स्थिति में नहीं है. इस मौत को लेकर वन मंत्री को भी सूचना दी गई है. वहीं अब वन विभाग को राजकीय पशु की वंश वृद्धि की चिंता सता रही है