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धान के भुगतान के लिए किसानों ने खोला मोर्चा - मंडी में डटे रहे किसान

धान का भुगतान नहीं होने की वजह से किसानों ने हल्ला बोल दिया है. किसानों ने अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी है.

Farmers worried over non-payment of paddy in gariyaband
भुगतान नहीं होने से किसान परेशान
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Published : Dec 28, 2019, 5:23 PM IST

गरियाबंद: 80 किसान परिवार के धान का भुगतान नहीं होने से किसान परेशान हैं. पीड़ित किसान इस मामले में पहले ही आंदोलन करने वाले थे. लेकिन आचार संहिता का हवाला देकर एसडीएम ने अनुमति नहीं दी जिसके बाद अब 11 जनवरी को किसान मंडी के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे.

भुगतान नहीं होने से किसान परेशान
कृषि उपज मंडी समिति राजिम में किसानों के बेचे गए उपज का पिछले छह महीने से भुगतान नहीं होने से नाराज किसानों ने 28 दिसंबर से राजिम मंडी बंद कर परिवार सहित अनिश्चित कालीन धरना करने का निर्णय लिया था. इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी राजिम, तहसीलदार राजिम, मंडी सचिव राजिम और थाना प्रभारी राजिम को 23 दिसंबर को सूचना देकर अनुमति मांगी थी. इसके बाद भी अनुविभागीय अधिकारी ने चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए अनिश्चितकालीन धरना की अनुमति नहीं दी. जिसकी जानकारी किसानों को 28 दिसंबर को मिली. शाम को किसानों ने बैठकर आगामी 31 दिसंबर को बैठक करने का निर्णय लिया है और नगरीय निकाय क्षेत्र से आचार संहिता हटने के बाद की तारीख निश्चित कर आंदोलन को गति देने की बात कही है

पढ़ें- प्रशासन की खुली पोल, बारिश में भीग रहे हैं धान

किसान नेता तेजराम विद्रोही का कहना है कि 'मंडी और जिला प्रशासन को मौका है कि किसानों को मंडी प्रशासन की मद से या मिलर की बैंक गारंटी में से भुगतान कराया जाए'. इस दौरान अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, राज्य सचिव तेजराम विद्रोही, सदस्य एवन कुमार के साथ पीड़ित किसान उपस्थित थे.

गरियाबंद: 80 किसान परिवार के धान का भुगतान नहीं होने से किसान परेशान हैं. पीड़ित किसान इस मामले में पहले ही आंदोलन करने वाले थे. लेकिन आचार संहिता का हवाला देकर एसडीएम ने अनुमति नहीं दी जिसके बाद अब 11 जनवरी को किसान मंडी के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे.

भुगतान नहीं होने से किसान परेशान
कृषि उपज मंडी समिति राजिम में किसानों के बेचे गए उपज का पिछले छह महीने से भुगतान नहीं होने से नाराज किसानों ने 28 दिसंबर से राजिम मंडी बंद कर परिवार सहित अनिश्चित कालीन धरना करने का निर्णय लिया था. इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी राजिम, तहसीलदार राजिम, मंडी सचिव राजिम और थाना प्रभारी राजिम को 23 दिसंबर को सूचना देकर अनुमति मांगी थी. इसके बाद भी अनुविभागीय अधिकारी ने चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए अनिश्चितकालीन धरना की अनुमति नहीं दी. जिसकी जानकारी किसानों को 28 दिसंबर को मिली. शाम को किसानों ने बैठकर आगामी 31 दिसंबर को बैठक करने का निर्णय लिया है और नगरीय निकाय क्षेत्र से आचार संहिता हटने के बाद की तारीख निश्चित कर आंदोलन को गति देने की बात कही है

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किसान नेता तेजराम विद्रोही का कहना है कि 'मंडी और जिला प्रशासन को मौका है कि किसानों को मंडी प्रशासन की मद से या मिलर की बैंक गारंटी में से भुगतान कराया जाए'. इस दौरान अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, राज्य सचिव तेजराम विद्रोही, सदस्य एवन कुमार के साथ पीड़ित किसान उपस्थित थे.

Intro:नहीं मिली धरना की अनुमती, फिर भी मंडी में डटे रहे किसान


गरियाबन्द--- 50 किलोमीटर की पदयात्रा और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी काम नहीं आया और साल भर पहले राजीम मंडी में बेचे गए 80 किसान परिवार के धान का भुगतान अब तक नहीं हो पाया परेशान हाल किसान एक बार फिर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने की तैयारी में थे मगर आचार संहिता का हवाला देकर एसडीएम ने अनुमति नहीं दी अब किसान 11 जनवरी के करीब अनिश्चितकालीन धरने पर मंडी के समक्ष बैठने की तैयारी में है


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वीओ--कृषि उपज मंडी समिति राजिम में किसानों द्वारा बेचे गए उपज का पिछले छह महीने से भुगतान नहीं होने से नाराज किसानों ने 28 दिसम्बर से राजिम मंडी बंद कर परिवार सहित अनिश्चित कालीन धरना करने का निर्णय लिया था और इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी राजिम, तहसीलदार राजिम, मंडी सचिव राजिम और थाना प्रभारी राजिम को 23 दिसंबर को सूचना देकर माईक अनुमति माँगी थी परंतु अनुविभागीय अधिकारी द्वारा चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए अनिश्चितकालीन धरना की अनुमति नहीं दिया जिसकी जानकारी किसानों को 28 दिसम्बर की सुबह हुआ जब वे राजिम मंडी पहुँच गए।
गौरतलब है कि एक निजी राईस मिलर को किसानों ने अपने धान को कृषि उपज मंडी समिति राजिम में खुली बोली के माध्यम से बेचा था जिन्हें दिया गया चेक बाउंस हो जाने से किसानों को 45 लाख रुपये का भुगतान नहीं हो पाया था। किसानों ने इस संबंध में धरना प्रदर्शन, पत्र एवं राजिम से रायपुर राज्यपाल भवन तक पद यात्रा कर शासन-प्रशासन को अवगत कराते आए हैं। मील मालिक द्वारा अब तक केवल साढ़े चौदह लाख रुपये का ही भुगतान किया है जबकि इकतीस लाख रुपये का भुगतान अब भी बकाया है । लेकिन किसानों की सुध न मंडी प्रशासन गंभीरता से ले रहा है और न ही जिला एवं प्रदेश में बैठे जिम्मेदारों ने लिया है। इसलिए किसानों ने 28 दिसम्बर 2019 से कृषि उपज मंडी में व्यापारी खरीदी बंद कर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिये थे। लेकिन अनुमति नहीं मिलने के बावजूद दिनभर किसान मंडी में ही रहे जिसे देखते हुए मंडी में राजिम थाना से पुलिस व्यवस्था किया गया था। शाम को किसानों ने बैठकर आगामी 31 दिसम्बर को बैठक करने का निर्णय लिया है और नगरीय निकाय क्षेत्र से आचार संहिता हटने के बाद की तारीख निश्चित कर आंदोलन को गति दिया जाएगा। किसान नेता तेजराम विद्रोही का कहना है कि मंडी एवं जिला प्रशासन को मौका है कि किसानों को मंडी प्रशासन की मद से या मिलर की बैंक गारंटी में से भुगतान कराया जाए। इस दौरान अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, राज्य सचिव तेजराम विद्रोही, सदस्य एवन कुमार के साथ पीड़ित किसान उपस्थित थे।Conclusion:बाइट तेजराम विद्रोही किसान नेता

बाइट-- एवन कुमार किसान
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