गरियाबंद: धान खरीदी सॉफ्टवेयर में बदलाव किए जाने पर किसान खासे नाराज हो गए हैं. किसानों ने नीति बदलने की मांग की है. मांग पर विचार नहीं होने की स्थिति में किसानों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी जारी की है. आंदोलन की रणनीति बनाने कोचबाय में सोमवार को एक बैठक रखी गई है.
दरअसल उच्च स्तर से धान खरीदी के सॉफ्टवेयर में बदलाव किए गए हैं. जिससे अब समीतियों में प्रतिदिन धान खरीदी का कोटा तय कर दिया गया है. जो किसानों की नजर में बहुत कम है. किसानों को आशंका है कि समीतियों में खरीदी का कोटा निर्धारण होने से उन्हें लंबा इंतजार करने के बाद भी पूरा धान बिकने की उम्मीद नहीं है.
60 प्रतिशत धान ही बेच पाएंगे किसान
किसान इसलिए भी खासे नाराज हैं कि उन्हें अब नए आदेश के तहत एक साथ पूरा धान बेचने पर रोक लगा दी गई है. किसान अपना 60% धान ही पहली बार मैं बेच सकते हैं. बचे धान के लिए उन्हें दोबारा टोकन कटा कर धान बेचना पड़ेगा. नया नियम आने के पहले दिन जो लोग टोकन के हिसाब से ज्यादा धान लेकर गए थे, उनका आधा धान समितियों ने वापस लौटा दिया.
किसानों ने जड़ा ताला
छुरा समीति में किसानों ने ताला जड़ दिया, वहीं सुहागपुर समिति में धान बेचना बंद कर दिया. कई समितियों में अधिकारियों के साथ किसानों की बहस भी हुई. कुछ समीतियों में किसानों ने सोमवार से उग्र आंदोलन की चेतावनी जारी की है.
जवाब देने से बच रहे अधिकारी
धान खरीदी से जुड़े अधिकारी असमंजस में नजर आए और फिलहाल सॉफ्टवेयर में समस्या के चलते ऐसा होने की बात कह रहे हैं. अधिकारी सवालों पर जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं. वहीं विपक्ष में बैठी भाजपा सरकार इस फैसले खिलाफ है और जल्द से जल्द फैसले में बदलाव की मांग कर रही है.