गरियाबंद: किसानों ने सैकड़ों की संख्या में सहकारी बैंक के खिलाफ नेशनल हाई-वे पर धरना प्रदर्शन किया. गुरुवार की दोपहर से बैंक में राशि खत्म है. 3 दिन के छुट्टी के बाद जब बैंक खुला, तब भी बैंक में राशि नहीं थी. दोपहर तक राशि नहीं आने के कारण किसान नाराज हो गए. आक्रोशित किसानों ने बैंक के सामने ही चक्काजाम कर दिया.
नेशनल हाई-वे 130सी पर किए गए चक्काजाम से अधिकारियों में हड़कंप मच गया. एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर, एसडीओपी संजय ध्रुव, थाना प्रभारी वेदमाती दरियाव समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे. किसानों को समझाइश दी गई. किसान मानने को तैयार नहीं थे. इसी बीच कैश लेकर कैश वैन भी चक्काजाम के स्थल पर पहुंची.
![Farmers protest against Cooperative Bank on National Highway in gariyaband](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-gbd-kisan-andolan-rtu-cg10013_28122020205507_2812f_1609169107_170.jpg)
किसानों ने बताई अपनी समस्याएं
किसानों ने अपनी समस्याएं अधिकारियों के सामने रखा. कहा कि बैंक में कामकाज बेहद धीमा है. एक या दो काउंटर ही चलाया जाता है. किसानों की अधिक संख्या है. भुगतान लेने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है. सुबह से किसान बैंक पहुंचे हुए हैं. किसानों को देर रात तक भी भुगतान नहीं किया गया. बैंक के आगे रुकते हैं. बैंक में काउंटर बढ़ाने की जरूरत हैं.
![Farmers protest against Cooperative Bank on National Highway in gariyaband](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-gbd-kisan-andolan-rtu-cg10013_28122020205507_2812f_1609169107_1054.jpg)
जानिए क्यों भड़के किसान?
बैंक कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर भी किसानों ने नाराजगी जताई. किसानों का कहना था कि कर्मचारी सीधे मुंह बात नहीं करते. बैंक के भीतर किसानों को सुबह से दोपहर तक घुसने नहीं दिया गया. बैंक अधिकारी राशि नहीं होने की बात कहकर बैंक के गेट पर ताला लगा रखे थे. केवल पासबुक और विड्रावल फार्म जाली से अंदर फेंकने को कह रहे थे. ऐसे में किसानों की नाराजगी बढ़ गई. किसानों ने आंदोलन कर दिया.
ऐसे खत्म हुआ आंदोलन
करीब आधे घंटे तक चक्का जाम रहने के बाद एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर और एसडीएम भूपेंद्र साहू ने समझाइश दी. इसके बाद किसान मानें. किसानों ने सड़क खाली की. अधिकारियों ने बैंक प्रबंधन को चेतावनी दी है. किसानों को भुगतान में किसी तरह की समस्या नहीं आनी चाहिए. काउंटर की संख्या बढ़ाई जाए. किसानों के प्रति व्यवहार संवेदनशील रहे.