गरियाबंद: राष्ट्रीय पुष्प कमल के बारे में अभी तक आप यही जानते होंगे कि यह कीचड़ में उगता है. तालाब और झील के गंदे पानी में इसकी खेती होती है, लेकिन ऐसा नहीं है. कमल का फूल सामान्य खेत में भी खिलता है. यहां तक कि आप इसे अपने घर के गमले में भी लगा सकते हैं. इतना ही नहीं यह किसानों की आजीविका का बेहतर साधन भी है. गरियाबंद जिले के राजिम में किसान खेतों में कमल के फूल खिलाकर सम्पन्न हो रहे हैं.
किसान ने की कमल की खेती
राजिम के रहने वाले किसान ललित धीवर पहले ककड़ी, खीरा, टमाटर, बरबटी, करेला आदि सब्जियां उगाते थे, लेकिन इस बार ललित ने कुछ और खेती करने के बारे में सोचा. उन्होंने अपने चौबेबांधा स्थित आधा एकड़ के खेत में उन्होंने कमल की खेती की है.किसान ललित ने बताया कि, कमल की फसल जून-जुलाई में लगाई जाती है. खेत की जुताई करके उसमें कमल की जड़ लगाई जाती है या बीज बोए जाते हैं. इसके बाद करीब दो महीने तक खेत में पानी भरा रहना चाहिए. यानी कीचड़ रहनी चाहिए. अक्टूबर में फसल कटने लायक हो जाती है. जड़ में जितनी गांठे होती हैं उतने ही पौधे निकलते हैं, बिल्कुल गन्ने की फसल की तरह. हर पौधे पर सिर्फ एक कमल का फूल ही खिलता है. इसके साथ ही बीजों का गुच्छा भी पौधे पर ही तैयार होता है.
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कम समय में ज्यादा आमदनी
कमल की खेती कम समय में ज्यादा आमदनी देती है. ललित धीवर बताते हैं कि आधा एकड़ में करीब तीन हजार पौधे तैयार हो सकते हैं. हर पौधे पर एक कमल खिलता है, जो थोक कारोबारी पीस के हिसाब से ले जाते हैं. थोक में एक कमल का फूल एक से दो रुपए में आम दिनों में बिकता है. वहीं सीजन में 5 रुपए प्रति फूल बिक जाता है. नवरात्र, दीपावली और अन्य त्योहारों पर अच्छी कमाई हो जाती है. इसी प्रकार कमल ककड़ी, कमल गट्टे अलग-अलग बिकते हैं. एक ही फसल से तीन तरह की चीजें तैयार होती हैं और बाजार में बिकती हैं.
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कमल की तीन प्रजातियां
कमल के फूल की तीन प्रजातियां होती हैं. जिसे कमल, कुमुद, नीलकमल के नाम से जाना जाता है. इनका उपयोग न सिर्फ पूजा पाठ तक सीमित है बल्कि यह एक उत्तम औषधि भी है. रोगों के इलाज में कमल के फूल के फायदे मिलते हैं. अत्यधिक प्यास लगने की समस्या, पेशाब में जलन संबंधित बीमारी, कफ दोष, बवासीर आदि में कमल के फूल से लाभ पाया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार कमल का फूल एक नहीं बल्कि अनेक रोगों के इलाज में फायदेमंद होता है. इसमें पोटेशियम, मैग्निशियम, थाइमीन, जिंक, विटामिन सी, विटामिन बी 6,विटामिन ए, आयरन आदि कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. खासकर तीर्थ क्षेत्र में कमल फूल की मांग बहुत ज्यादा है.