ETV Bharat / state

SPECIAL: लॉकडाउन में नमक के साथ चावल खाने को मजबूर ये परिवार, प्रशासन से मदद की दरकार - कोरोना संकट

गरियाबंद के डोहेल गांव का ये परिवार पहले से ही मुसीबतों के बीच किसी तरह जिंदगी काट रहा था, लेकिन अब लॉकडाउन ने हालात बद से बदतर कर दिए हैं.

family in problem due to lockdown
मुसीबत में परिवार
author img

By

Published : Apr 17, 2020, 6:22 PM IST

Updated : Apr 17, 2020, 9:19 PM IST

गरियाबंद : लॉकडाउन ने मजदूर परिवारों की परेशानी बढ़ा दी है. गरियाबंद के डोहेल गांव का ये परिवार पहले से ही मुसीबतों के बीच किसी तरह जिंदगी काट रहा था, लेकिन अब लॉकडाउन ने हालात बद से बदतर कर दिए हैं. आलम ये है कि चावल अब नमक के साथ खाना पड़ रहा है.

लॉकडाउन ने किए हालात बद से बदतर

12 सदस्यों वाले इस परिवार में सिर्फ 2 लोग ही कमाने वाले हैं. परिवार पिछले कई दिनों से बैंक के चक्कर काट रहा है ताकि कुछ सरकारी मदद मिल सके, लेकिन कर्जदार बता कर बैंक रुपये नहीं दे रहा है.

family in problem due to lockdown
मुसीबत में परिवार

बता दें कि 12 सदस्यीय परिवार में 5 छोटे बच्चे हैं. 6 महीने पहले दुर्घटना में पादुका के पति का हाथ फ्रेक्चर हो गया है. बड़े बेटे को हाथीपांव की बीमारी ने जकड़ रखा है. इलाज में 4 लाख खर्च हुए तब कहीं जान तो बच गई, लेकिन उनपर कर्ज हो गया.

family in problem due to lockdown
मुसीबत में परिवार

एक जवान बेटी और दो बहू समेत 5 मासूमों के भरण- पोषण और इलाज के खर्च का भार मां पादुका और बेटे रोहित पर है. हर महीने 35 किलो के हिसाब से चावल मिलता है, जो काफी नहीं है.

महिला सहायता समूह से लगाई गुहार

पादुका ने बताया कि समूह के नाम पर लाखों रुपये लोन निकाला गया था, सदस्यों को सिर्फ 3-3 हजार थमा दिया गया. जब बैंक ने पैसे देने से इंकार कर दिया तो पादुका ने समूह के पदाधिकारी महिलाओं से भी गुहार लगाई लेकिन किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली.

नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

कर्जदार समूह की सदस्य होने के कारण परिवार की मुखिया के खाते में रखे रुपये देने से भी बैंक ने मना कर दिया है. परिवार को न आवास, न अतरिक्त राशन कार्ड, न ही पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है.

जनपद सीईओ ने दिया आश्वासन

मामले में जनपद सीईओ एमएल मंडावी ने कहा कि 'सचिव को जानकारी दे दी गई है. परिवार को आवश्यकता की हर चीजे उपलब्ध कराई जाएंगी. पंचायत के किन-किन योजना में पात्रता रखते हैं, इसके परीक्षण के बाद तत्काल उन्हे लाभ दिया जाएगा. बैंक को पैसे नहीं रोकना चाहिए, उन्हेंरुपये देने कहा जा रहा है'.

मदद की आस में परिवार

पादुका हरपाल का परिवार शासन प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठा है. अब देखना है इस मजबूर परिवार को कब सरकारी मदद पहुंचती है और उनके घर की चौखट पर खुशियां कब तक दस्तक देगी.

गरियाबंद : लॉकडाउन ने मजदूर परिवारों की परेशानी बढ़ा दी है. गरियाबंद के डोहेल गांव का ये परिवार पहले से ही मुसीबतों के बीच किसी तरह जिंदगी काट रहा था, लेकिन अब लॉकडाउन ने हालात बद से बदतर कर दिए हैं. आलम ये है कि चावल अब नमक के साथ खाना पड़ रहा है.

लॉकडाउन ने किए हालात बद से बदतर

12 सदस्यों वाले इस परिवार में सिर्फ 2 लोग ही कमाने वाले हैं. परिवार पिछले कई दिनों से बैंक के चक्कर काट रहा है ताकि कुछ सरकारी मदद मिल सके, लेकिन कर्जदार बता कर बैंक रुपये नहीं दे रहा है.

family in problem due to lockdown
मुसीबत में परिवार

बता दें कि 12 सदस्यीय परिवार में 5 छोटे बच्चे हैं. 6 महीने पहले दुर्घटना में पादुका के पति का हाथ फ्रेक्चर हो गया है. बड़े बेटे को हाथीपांव की बीमारी ने जकड़ रखा है. इलाज में 4 लाख खर्च हुए तब कहीं जान तो बच गई, लेकिन उनपर कर्ज हो गया.

family in problem due to lockdown
मुसीबत में परिवार

एक जवान बेटी और दो बहू समेत 5 मासूमों के भरण- पोषण और इलाज के खर्च का भार मां पादुका और बेटे रोहित पर है. हर महीने 35 किलो के हिसाब से चावल मिलता है, जो काफी नहीं है.

महिला सहायता समूह से लगाई गुहार

पादुका ने बताया कि समूह के नाम पर लाखों रुपये लोन निकाला गया था, सदस्यों को सिर्फ 3-3 हजार थमा दिया गया. जब बैंक ने पैसे देने से इंकार कर दिया तो पादुका ने समूह के पदाधिकारी महिलाओं से भी गुहार लगाई लेकिन किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली.

नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

कर्जदार समूह की सदस्य होने के कारण परिवार की मुखिया के खाते में रखे रुपये देने से भी बैंक ने मना कर दिया है. परिवार को न आवास, न अतरिक्त राशन कार्ड, न ही पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है.

जनपद सीईओ ने दिया आश्वासन

मामले में जनपद सीईओ एमएल मंडावी ने कहा कि 'सचिव को जानकारी दे दी गई है. परिवार को आवश्यकता की हर चीजे उपलब्ध कराई जाएंगी. पंचायत के किन-किन योजना में पात्रता रखते हैं, इसके परीक्षण के बाद तत्काल उन्हे लाभ दिया जाएगा. बैंक को पैसे नहीं रोकना चाहिए, उन्हेंरुपये देने कहा जा रहा है'.

मदद की आस में परिवार

पादुका हरपाल का परिवार शासन प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठा है. अब देखना है इस मजबूर परिवार को कब सरकारी मदद पहुंचती है और उनके घर की चौखट पर खुशियां कब तक दस्तक देगी.

Last Updated : Apr 17, 2020, 9:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.