गरियाबंद: छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. छत्तीसगढ़ में 4 साल में करीब 46 हाथियों की मौत करंट की चपेट में आने से हुई है. धमतरी, रायगढ़, महासमुंद के बाद अब गरियाबंद में भी इंसानी लापरवाही से जंगली जानवर बेमौत मारे जा रहे जा रहे हैं. गरियाबंद में एक हाथी की मौत करंट लगने से हो गई है.
जिसपर वन विभाग अपना अलग ही दावा करने में लगा हुआ है. उनका कहना है कि वे पूरी निगरानी कर रहे हैं, लेकिन बिजली के तार नीचे होने से हाथी की मौत हो गई और वन विभाग देखते रह गया. वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि झुंड में 22 हाथी थे, जिसमें से एक की मौत हो गई और बाकी वापस जंगल की ओर निकल गए. हालांकि यह हाथी लगभग 22 की संख्या में लगातार पिछले 2 महीना से गरियाबंद जिले में डेरा डाले हुए थे. इधर, ग्रामीणों की मानें को वन विभागव औपचारिकताएं निभा रहा है और सिर्फ लेकेशन बताते रहते है. इंसानी आबादी की ओर आने से रोकने या हाथियों को बचाने के लिए वन विभाग कुछ नहीं कर रहा है.
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हाथी की ओर लौटे बाकी हाथी
बताया जा रहा है कि, एक हाथी की मौत के बाद उसके झुंड के सभी हाथी जंगल की ओर चले गए हैं. मौके पर गए लोगों ने बताया कि जिस रास्ते से हाथी जा रहा था, वहां से निकलने वाला बिजली का तार इतने नीचे है कि हाथी उसके नीचे से निकल नहीं पाया और 11 केवी की लाइन से टकराने से एक हाथी की मौत हो गई.
हाथियों की करंट से मौत
- छत्तीसगढ़ में अब तक 163 हाथियों की मौत
- बिजली के करंट से 46 हाथी की मौत
- 46 में से 24 हाथी सिर्फ धरमजयगढ़ में करंट की चपेट में आए