गरियाबंद : सरकारी योजनाओं के बुरे हाल का एक और नमूना देवभोग इलाके के खोकसर में देखने को मिला. चलने-फिरने में अक्षम दिव्यांग को दी गई बैटरी वाली ट्राइसाइकिल 1 महीने भी नहीं चली और खराब हो गई. दिव्यांग अब कहीं आने- जाने के लिए बेहद परेशान होता है.
खराब ट्राइसाइकिल से दिव्यांग परेशान
काफी मुश्किल से दिव्यांग अपनी समस्या बताने गरियाबंद कलेक्ट्रेट पहुंचा.यहां पत्रकारों को अपनी समस्या बताई. पत्रकारों ने उसे इसके लिए जिम्मेदार समाज कल्याण विभाग तक पहुंचाया. पत्रकारों को देख विभाग के अधिकारी भी तत्काल कार्रवाई की बात कहने लगे. उन्होंने कहा कि साइकिल बदल दी जाएगी. खास बात यह है कि कुछ दिन पहले भी ऐसा ही मामला आया था. बार-बार अगर दिव्यांगों को दी जा रही साइकिल में खराबी मिल रही है. वितरण की जा रही साइकिल की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए.
महीनेभर में ही खराब हुई ट्राइसाइकिल
देवभोग इलाके के खोखसर का दिव्यांग विवेकानंद खरे चलने-फिरने में असमर्थ है. सरकारी रिकॉर्ड में उसे 75% दिव्यांग बताया गया है. ऐसे में देवभोग के कार्यालयों में अर्जी देकर जब उसे बैटरी चलित ट्राइसाइकिल मिली तो उसे लगा कि अब उसकी समस्याओं का हल हो गया. लेकिन वह उस वक्त बेहद परेशान हो गया. जब नई साइकिल महीने भर में ही खराब हो गई.
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काफी मशक्कत कर दिव्यांग गरियाबंद जिला कलेक्ट्रेट पहुंचा. यहां पत्रकारों ने जब उसकी दयनीय स्थिति देखकर आने का कारण पूछा तो दिव्यांग ने सारी बात बताई. पत्रकार उसे समाज कल्याण विभाग ले गए. विभाग के अधिकारी नरेंद्र देवांगन एक साथ पत्रकारों को देखकर तत्काल दिव्यांग को नई ट्राइसाइकिल देने का आश्वासन दिया.