ETV Bharat / state

गरियाबंद के कोरोना वॉरियर्स जान जोखिम में डालकर संक्रमित शवों को दे रहे 'मोक्ष' - Last rites of corona infected corpses

गरियाबंद के युवा मनीष यादव ऐसे कोरोना संक्रमितों शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं जिन्हें उनके परिजन भी छूने से डर रहे हैं. मनीष के इस काम की हर जगह तारीफ हो रही है.

Corona Warriors of Gariaband
गरियाबंद के कोरोना वॉरियर्स
author img

By

Published : May 6, 2021, 12:54 PM IST

Updated : May 7, 2021, 1:38 PM IST

गरियाबंद: कोरोना संकटकाल के दौर में कई लोग अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. इनकी जितनी तारीफ की जाए कम है. ऐसा ही कुछ काम गरियाबंद के युवा कर रहे हैं. यहां रहने वाले मनीष यादव अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित ऐसे शवों का अंतिम संस्कार कर रहा है, जिन्हें उनके परिजन भी छूना नहीं चाहते हैं. मनीष पिछले 11 दिन में 7 शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. अपने शव वाहन से 25 से ज्यादा शवों को मुक्ति धाम पहुंचाया है.

Corona Warriors cremating corona infected corpses in Gariaband
जान जोखिम में डालकर संक्रमित शवों को पहुंचा रहे मुक्तिधाम

मनीष को अस्पताल में काम करने वाले एक कर्मी ने बताया कि अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद उन्हें मर्चुरी में रखने और शव वाहन तक ले जाने के लिए वार्ड ब्वॉय की कमी है. इस जोखिम भरे काम के लिए कोई भी आगे आने को तैयार नहीं है. जिसके चलते परिजनों और प्रबंधन को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. जिसके बाद मनीष ने इस काम को करने का मन बनाया और पिछले 11 दिनों से वह जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित शवों को मॉर्चुरी पहुंचाने और मुक्तिधाम पहुंचाने का काम कर रहा है. मनीष के साथ उसके दो सहयोगी भी हैं. जिनमें से एक कोपरा के तारचंद और दूसरे फिंगेश्वर के विक्रम हैं. ये सभी युवा मिलकर कोरोना काल में अपना सामाजिक दायित्व पूरा कर रहे हैं. PPE किट पहनकर रोजाना ये युवा शवों को मॉर्चुरी में रखने और उन्हें मुक्तिधाम पहुंचाने का काम कर रहे हैं.


परिजनों के पीछे हटने पर ये पटवारी करता हैं अंतिम संस्कार

संकट के इस समय में एक और कोरोना वॉरियर्स हैं पटवारी मनोज कंवर. वे लगातार कोरोना संक्रमण से मौतों के बाद उनके शवों को अस्पताल से उनके परिजनों को सौंपने और उसके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करते हैं. कई बार परिजन नहीं आते तो मनोज कंवर खुद ही उनका अंतिम संस्कार करते हैं. अब तक वे तीन से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. इस बीच मनोज एक बार पॉजिटिव भी आ चुके हैं. इसके बाद भी वह रोज अस्पताल में इस काम के लिए आना-जाना करते हैं. अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था करते हैं.

Corona Warriors cremating corona infected corpses in Gariaband
कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार

इस संबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डाॅ जी एल टंडन ने बताया कि कोरोना संकटकाल में कई परिजन भी शव के पास जाने से डरते हैं. ऐसे कठिन समय में मनीष यादव सच्चे समाज सेवी के रूप में इस जोखिम भरे काम को करने के लिए तैयार हुए हैं. इसकी जितनी तारीफ की जाए कम है. उन्होंने कहा कि मनीष को शासन-प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन की ओर से हर संभव सहयोग दिया जाएगा.

गरियाबंद: कोरोना संकटकाल के दौर में कई लोग अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. इनकी जितनी तारीफ की जाए कम है. ऐसा ही कुछ काम गरियाबंद के युवा कर रहे हैं. यहां रहने वाले मनीष यादव अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित ऐसे शवों का अंतिम संस्कार कर रहा है, जिन्हें उनके परिजन भी छूना नहीं चाहते हैं. मनीष पिछले 11 दिन में 7 शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. अपने शव वाहन से 25 से ज्यादा शवों को मुक्ति धाम पहुंचाया है.

Corona Warriors cremating corona infected corpses in Gariaband
जान जोखिम में डालकर संक्रमित शवों को पहुंचा रहे मुक्तिधाम

मनीष को अस्पताल में काम करने वाले एक कर्मी ने बताया कि अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद उन्हें मर्चुरी में रखने और शव वाहन तक ले जाने के लिए वार्ड ब्वॉय की कमी है. इस जोखिम भरे काम के लिए कोई भी आगे आने को तैयार नहीं है. जिसके चलते परिजनों और प्रबंधन को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. जिसके बाद मनीष ने इस काम को करने का मन बनाया और पिछले 11 दिनों से वह जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित शवों को मॉर्चुरी पहुंचाने और मुक्तिधाम पहुंचाने का काम कर रहा है. मनीष के साथ उसके दो सहयोगी भी हैं. जिनमें से एक कोपरा के तारचंद और दूसरे फिंगेश्वर के विक्रम हैं. ये सभी युवा मिलकर कोरोना काल में अपना सामाजिक दायित्व पूरा कर रहे हैं. PPE किट पहनकर रोजाना ये युवा शवों को मॉर्चुरी में रखने और उन्हें मुक्तिधाम पहुंचाने का काम कर रहे हैं.


परिजनों के पीछे हटने पर ये पटवारी करता हैं अंतिम संस्कार

संकट के इस समय में एक और कोरोना वॉरियर्स हैं पटवारी मनोज कंवर. वे लगातार कोरोना संक्रमण से मौतों के बाद उनके शवों को अस्पताल से उनके परिजनों को सौंपने और उसके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करते हैं. कई बार परिजन नहीं आते तो मनोज कंवर खुद ही उनका अंतिम संस्कार करते हैं. अब तक वे तीन से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. इस बीच मनोज एक बार पॉजिटिव भी आ चुके हैं. इसके बाद भी वह रोज अस्पताल में इस काम के लिए आना-जाना करते हैं. अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था करते हैं.

Corona Warriors cremating corona infected corpses in Gariaband
कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार

इस संबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डाॅ जी एल टंडन ने बताया कि कोरोना संकटकाल में कई परिजन भी शव के पास जाने से डरते हैं. ऐसे कठिन समय में मनीष यादव सच्चे समाज सेवी के रूप में इस जोखिम भरे काम को करने के लिए तैयार हुए हैं. इसकी जितनी तारीफ की जाए कम है. उन्होंने कहा कि मनीष को शासन-प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन की ओर से हर संभव सहयोग दिया जाएगा.

Last Updated : May 7, 2021, 1:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.