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राजिम को मिलेगी एक नई पहचान, ऋषिकेश की तर्ज पर बन रहा लक्ष्मण झूला

राजिम में ऋषिकेश की तर्ज पर लक्ष्मण झूला का निर्माण कराया जा रहा है. लोगों को इस पुल के बन जाने से आने-जाने में आसानी होगी.

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Published : Feb 15, 2020, 3:50 PM IST

Updated : Feb 15, 2020, 5:58 PM IST

Construction of Laxman jhula in Rajim on the lines of Rishikesh
राजिम में बन रहा लक्ष्मण झूला

गरियाबंद: ऋषिकेश और हरिद्वार की तर्ज पर गरियाबंद जिले के राजिम में भी लक्ष्मण झूले का निर्माण जोर शोर से किया जा रहा है. यहां का कुलेश्वर मंदिर शिव भक्तों के लिए खासा महत्व रखता है. यहां मौजूद तीन नदियों को संगम के कारण पानी ज्यादा हो जाता है. जिसके कारण यहां पहुंचना संभव नहीं हो पाता. इसे देखते हुए लक्ष्मण झूले का निर्माण कराया जा रहा है.

ऋषिकेश की तर्ज पर बन रहा लक्ष्मण झूला

पैरी-सोंढूर-महानदी के संगम के बीचों-बीच स्थित कुलेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के रोज यहां लगभग एक लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं. लेकिन बारिश के मौसम में नदियों में पानी ज्यादा होने की वजह से मंदिर तक पहुंचना आसान नहीं होता. इसके कारण यहां लक्ष्मण झूले का निर्माण कराया जा रहा है.

दो तरफ से जोड़ रहा लक्ष्मण झूला

खास बात यह है कि यह लक्ष्मण झूला दो दिशाओं से कुलेश्वर मंदिर को जोड़ रहा है. एक ओर राजिम से कुलेश्वर मंदिर तक लगभग 500 मीटर का लंबा झूला, तो वहीं दूसरी ओर नयापारा के लोमस ऋषि आश्रम से कुलेश्वर मंदिर तक लगभग डेढ़ सौ मीटर लंबा लोहे का लक्ष्मण झूला तैयार किया जा रहा है.

लोगों को होगी आसानी

स्थानीय लोगों की माने तो बीते 4 साल से पुल का निर्माण कार्य बेहद धीमे रफ्तार से चल रहा था, लेकिन बीते 2 महीनों से निर्माण में तेजी आ गई है. लोग ऐसी उम्मीद कर रहें हैं कि अगली बरसात से पहले लक्ष्मण झूला बनकर तैयार हो जाएगा. जिससे श्रद्धालु मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं.

राजिम को मिलेगी नई पहचान

ये पुल आने वाले समय में लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेगा. राजिम की पहचान बनेगा. श्रद्धालु ही नहीं पर्यटक भी इसका का लुफ्त उठाएंगे. बरसात में हवा में झूलते पुल के नीचे कल कल कर बहती नदियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगी.

गरियाबंद: ऋषिकेश और हरिद्वार की तर्ज पर गरियाबंद जिले के राजिम में भी लक्ष्मण झूले का निर्माण जोर शोर से किया जा रहा है. यहां का कुलेश्वर मंदिर शिव भक्तों के लिए खासा महत्व रखता है. यहां मौजूद तीन नदियों को संगम के कारण पानी ज्यादा हो जाता है. जिसके कारण यहां पहुंचना संभव नहीं हो पाता. इसे देखते हुए लक्ष्मण झूले का निर्माण कराया जा रहा है.

ऋषिकेश की तर्ज पर बन रहा लक्ष्मण झूला

पैरी-सोंढूर-महानदी के संगम के बीचों-बीच स्थित कुलेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के रोज यहां लगभग एक लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं. लेकिन बारिश के मौसम में नदियों में पानी ज्यादा होने की वजह से मंदिर तक पहुंचना आसान नहीं होता. इसके कारण यहां लक्ष्मण झूले का निर्माण कराया जा रहा है.

दो तरफ से जोड़ रहा लक्ष्मण झूला

खास बात यह है कि यह लक्ष्मण झूला दो दिशाओं से कुलेश्वर मंदिर को जोड़ रहा है. एक ओर राजिम से कुलेश्वर मंदिर तक लगभग 500 मीटर का लंबा झूला, तो वहीं दूसरी ओर नयापारा के लोमस ऋषि आश्रम से कुलेश्वर मंदिर तक लगभग डेढ़ सौ मीटर लंबा लोहे का लक्ष्मण झूला तैयार किया जा रहा है.

लोगों को होगी आसानी

स्थानीय लोगों की माने तो बीते 4 साल से पुल का निर्माण कार्य बेहद धीमे रफ्तार से चल रहा था, लेकिन बीते 2 महीनों से निर्माण में तेजी आ गई है. लोग ऐसी उम्मीद कर रहें हैं कि अगली बरसात से पहले लक्ष्मण झूला बनकर तैयार हो जाएगा. जिससे श्रद्धालु मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं.

राजिम को मिलेगी नई पहचान

ये पुल आने वाले समय में लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेगा. राजिम की पहचान बनेगा. श्रद्धालु ही नहीं पर्यटक भी इसका का लुफ्त उठाएंगे. बरसात में हवा में झूलते पुल के नीचे कल कल कर बहती नदियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगी.

Last Updated : Feb 15, 2020, 5:58 PM IST
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