गरियाबंद: बिंद्रानवागढ़ विधानसभा में परंपरागत रूप से बीजेपी जीतती आई है. लेकिन अब तक तीन बार यहां अन्य पार्टियों ने भी जीत का परचम लहराया है. जहां भाजपा अपने इस घर को बचाने में लगी हुई है, तो इस बार कांग्रेस भी सीएम भूपेश बघेल की छवि के सहारे यहां से जीत हासिल करने की उम्मीद लगाए बैठी हैं.
बिंद्रानवागढ़ विधानसभा को जानिए: बिंद्रानवागढ़ विधानसभा शुरू से ही कांग्रेस विरोधियों का गढ़ रहा है. सिर्फ 3 मौकों को छोड़ दें, जिसमें 1962 में इस विधानसभा से खाम सिंह कोमरा झोपड़ी के चिन्ह पर चुनाव लड़ा. 1967 में फिर से खाम सिंह कोमरा ने जनता पार्टी से प्रतिनिधित्व किया. वहीं 1972 मे रानी पार्वती देवी ने निर्दलीय प्रतिनिधित्व किया. छत्तीसगढ़ बनने के बाद 2003 में ओंकार शाह ने कांग्रेस की टिकट पर इस सीट से प्रतिनिधित्व किया. 2008 में डमरु धर पुजारी ने भाजपा का परचम लहराया. वहीं 2013 में गोवर्धन मांझी ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 2018 में फिर डमरु धर पुजारी को भाजपा का टिकट दिया गया. भाजपा के डमरु धर पुजारी वर्तमान में इस बिंद्रानवागढ़ विधानसभा सीट से विधायक हैं.
बिंद्रानवागढ़ विधानसभा के मतदाता: बिंद्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की बात करें, तो इस सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 218107 है. जिनमें से 110392 महिला मतदाताएं हैं. वहीं 107712 पुरुष मतदाताएं हैं. साथ ही 3 मतदाता ट्रांसजेंडर वर्ग से है. यहां कुल 299 मतदान केंद्र हैं. पिछले चुनाव में मतदान के प्रतिशत की बात करें, तो बिंद्रा नवागढ़ विधानसभा में 2018 के चुनाव में 85.74 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले थे. तो वहीं 2013 के चुनाव में 83.66 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था.
बिंद्रानवागढ़ विधानसभा के मुद्दे और समस्याएं: ''अमीर धरती के गरीब लोग"! यह कहावत शायद बिंद्रा नवागढ़ विधानसभा के लोगों के लिए ही लिखी गई है. यहां की धरती में हीरा है, उससे भी कई गुना अधिक कई बहुमूल्य खनिज संपदा है. लेकिन अच्छे जनप्रतिनिधि नहीं मिलने के चलते आज भी यह इलाका कई समस्याओं से जूझ रहा है. लोग गरीबी में जीवन जीने मजबूर हैं. यहां बु नियादी सुविधाओं का टोटा है. सिंचाई संसाधनों की कमी के चलते किसान बारिश के भरोसे अपनी खेती करते हैं. वहीं सड़कों की स्थिति इस विधानसभा क्षेत्र में बेहद खराब है. स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए लोगों को रायपुर, गरियाबंद और ओडिशा पर निर्भर रहना पड़ता है. जहां कुछ स्वास्थ्य केंद्र या उप स्वास्थ्य केंद्र हैं, तो वहां डॉक्टरों की कमी है. वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र में नक्सल समस्या भी अपना पैर पसारे हुए हैं. इससे निपटने के लिए सरकार ने जगह-जगह CRPF की कैंप एवं चौकियां शुरू की हैं. जिससे हालात काबू में है. इस विधानसभा के स्कूलों में सैकड़ों शिक्षकों की कमी है. इस क्षेत्र में हजारों युवक बेरोजगार हैं. जिसके चलते यहां के नवयुवक रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं.
2018 में बिंद्रानवागढ़ विधानसभा का नतीजा: छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव 2018 में बिंद्रानवगढ़ विधानसभा सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी के डमरूधर पुजारी ने कांग्रेस प्रत्याशी संजय नेताम को 10430 वोटों से हराया था. भाजपा प्रत्याशी डमरूधर पुजारी को कुल 79619 मत मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी संजय नेताम को 69189 वोट मिलेथे. इस प्रकार दोनों प्रत्याशियों के बीच 10430 वोटों का अंतर रहा.