गरियाबंद: इंसान और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की घटना फिर हुई हो गई है. गरियाबंद के पोटिया और छिंदौला गांव में भालुओं की दहशत से ग्रामीणों ने खेत जाना बंद कर दिया है.
दरअसल, रविवार की सुबह तीन भालू गांव से लगे खेत में आ गए और खेत में बैठे बुजुर्ग मंगलू को घेरकर उस पर हमला कर दिया. बुजुर्ग के पास कुल्हाड़ी थी, लेकिन एक साथ तीन भालू के हमले से वह संभल नहीं पाया. कुल्हाड़ी दूर गिर गई. बुजुर्ग जान बचाने के लिए तीन भालुओं से संघर्ष करता रहा.
मजदूरों ने बचाई जान
बुजुर्ग के चिल्लाने और भालुओं की तेज आवाज मजदूर तक पहुंची. तब मजदूरों की भीड़ बुजुर्गों को बचाने दौड़ी, तब जाकर बुजुर्ग की जान बच पाई.
मौके पर पहुंचा वन अमला
घटना की सूचना पर वन अमला मौके पर पहुंचा. बुजुर्ग को एंबुलेंस में बैठाकर उसे अस्पताल पहुंचाया. घटना के बाद वन विभाग ने बुजुर्ग की पत्नी को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में एक हजार रुपए दिया है.
घायल को रायपुर भेजा
घायल को एंबुलेंस बुलवाकर गरियाबंद भेजवाया गया, लेकिन बुजुर्ग की खोपड़ी के ऊपर के चमड़ी का सारा हिस्सा भालुओं ने अलग कर दिया था. इसके चलते बेहद गंभीर हालत में बुजुर्गों को तत्काल रायपुर रेफर किया गया.
भालुओं के डर से खेत नहीं जाते किसान
ग्रामीण बताते हैं कि भालुओं के डर से गांव में खेती-किसानी के काम में काफी तकलीफ आ रही है. लोग अकेले खेत नहीं जा रहे हैं. किसी के साथ में जाने पर भी हमले का डर बना रहता है.