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गरियाबंद: पांच सदस्यीय टीम करेगी जमीन फर्जीवाड़े की जांच

गरियाबंद में कमार भुंजिया जनजाति के साथ हुए जमीन फर्जीवाड़ा मामले में कलेक्टर ने 5 सदस्यीय टीम गठित कर दिया है. कमार भुंजिया जनजाति के करीब 170 लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई है. साथ ही सबूत के अनुसार अधिकारी कर्मचारियों ने मिलकर सरकार को चूना लगाया है.

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Published : Feb 27, 2020, 8:09 PM IST

Updated : Feb 27, 2020, 8:39 PM IST

5 member investigation team formed in the land fraud case in gariyaband
जमीन फर्जीवाड़ा मामले में 5 सदस्यीय जांच टीम गठित

गरियाबंद: कमार भुंजिया जनजाति के साथ हुए जमीन फर्जीवाड़ा मामले में कलेक्टर ने 5 सदस्यीय टीम का गठन किया है. पांच सदस्यीय जांच कमेटी का नेतृत्व अपर कलेक्टर करेंगे, जो 15 दिन के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट को कलेक्टर को सौपेंगे. साथ ही कलेक्टर ने तत्काल आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.

पांच सदस्यीय टीम करेगी जमीन फर्जीवाड़े की जांच
दरअसल, पिछली सरकार के समय का कमार, भुंजिया, विकास अभिकरण गरियाबंद में एक बड़ा जमीन फर्जीवाड़ा हुआ है. भूमिहिन कमार और भुंजिया जनजाति के लोगों को सरकारी खर्च पर जमीन खरीद कर देने की योजना थी, लेकिन योजना में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है. साथ ही शिकायतकर्ता कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने फर्जीवाड़ा का आरोप भी लगाया है. साथ ही शिकायतकर्ता ने चार हजार पन्नों का प्रमाण भी कलेक्टर को सौंपा है. सबूतों के अनुसार अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार के साथ-साथ गरीबों को भी चूना लगाया है.

फर्जी तरीके से कराई गई रजिस्ट्री

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि 'सैकड़ों कमार, भुंजिया के ठगे जाने की आशंका है. अनुपयोगी जमीन को कृषि योग्य बताकर शासन को महंगे दाम पर बेचे गए हैं. इसमें और भी कई तरह की गड़बड़ियों की बातें भी सामने आई हैं, जिसमें फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराया गया है. बड़े झाड़ के जंगलों को कूटरचना कर कृषि भूमि बताकर रजिस्ट्री करा दी गई है.

5 member investigation team formed in the land fraud case in gariyaband
कमार भुंजिया जनजाति के साथ धोखाधड़ी

24 रजिस्ट्रियों में स्टाम्प पेपर भी नहीं लगाया गया

आदिवासियों को कई साल गुजर जाने पर भी न तो भूमि का कब्जा मिला और न रजिस्ट्री की कॉपी, 202 रजिस्ट्रियों में से 170 रजिस्ट्रियों में न, तो नक्शा, खसरा, बी 1 है. न ही फोटो, न निरीक्षण रिपोर्ट है. 24 रजिस्ट्रियों में स्टाम्प पेपर भी नहीं लगाया गया है. जिन आदिवासियों से जमीन क्रय की गई. उन्हें भी पूरा पैसा प्राप्त नहीं हुआ. तात्कालिक जमीन की कीमत से 5 गुना ज़्यादा पैसा लेकर शासकीय पैसे का दुरुपयोग किया गया है, जो सरकार के संरक्षण के बगैर संभव नहीं है.

5 member investigation team formed in the land fraud case in gariyaband
कमार भुंजिया जनजाति के साथ धोखाधड़ी

हितग्राहियों को रजिस्ट्री पेपर नहीं दिया गया
शिकायतकर्ता विनोद तिवारी ने बताया कि हितग्राहियों को रजिस्ट्री पेपर नहीं दिया गया. न ही जमीन दिखाई गई, न दी गई, न तो अधिकांश जमीनों का नामांतरण हुआ था. जब से सूचना अधिकार में दस्तावेज हमें प्राप्त हुए हैं, तब से मामले को साफ करने में अधिकारी-कर्मचारी जुटे हैं. इतना ही नहीं कुछ हितग्राहियों को 8 बजे रात उप-पंजीयक कार्यालय गरियाबंद ले जा कर हस्ताक्षर करवाया गया है'.

'किसी भी आरोपी को नहीं छोड़ा जाएगा'

जिलाधीश ने कहा है कि 'इस संबंध में वे सख्त कार्रवाई करने जा रहे हैं. डिप्टी कलेक्टर की एक अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है. ऐसी संभावना है कि 15 से 20 दिनों में सारे प्राकरण सामने आ जाएंगे और आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा'.

5 member investigation team formed in the land fraud case in gariyaband
जमीन फर्जीवाड़ा मामले में 5 सदस्यीय जांच टीम गठित

गरियाबंद: कमार भुंजिया जनजाति के साथ हुए जमीन फर्जीवाड़ा मामले में कलेक्टर ने 5 सदस्यीय टीम का गठन किया है. पांच सदस्यीय जांच कमेटी का नेतृत्व अपर कलेक्टर करेंगे, जो 15 दिन के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट को कलेक्टर को सौपेंगे. साथ ही कलेक्टर ने तत्काल आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.

पांच सदस्यीय टीम करेगी जमीन फर्जीवाड़े की जांच
दरअसल, पिछली सरकार के समय का कमार, भुंजिया, विकास अभिकरण गरियाबंद में एक बड़ा जमीन फर्जीवाड़ा हुआ है. भूमिहिन कमार और भुंजिया जनजाति के लोगों को सरकारी खर्च पर जमीन खरीद कर देने की योजना थी, लेकिन योजना में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है. साथ ही शिकायतकर्ता कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने फर्जीवाड़ा का आरोप भी लगाया है. साथ ही शिकायतकर्ता ने चार हजार पन्नों का प्रमाण भी कलेक्टर को सौंपा है. सबूतों के अनुसार अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार के साथ-साथ गरीबों को भी चूना लगाया है.

फर्जी तरीके से कराई गई रजिस्ट्री

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि 'सैकड़ों कमार, भुंजिया के ठगे जाने की आशंका है. अनुपयोगी जमीन को कृषि योग्य बताकर शासन को महंगे दाम पर बेचे गए हैं. इसमें और भी कई तरह की गड़बड़ियों की बातें भी सामने आई हैं, जिसमें फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराया गया है. बड़े झाड़ के जंगलों को कूटरचना कर कृषि भूमि बताकर रजिस्ट्री करा दी गई है.

5 member investigation team formed in the land fraud case in gariyaband
कमार भुंजिया जनजाति के साथ धोखाधड़ी

24 रजिस्ट्रियों में स्टाम्प पेपर भी नहीं लगाया गया

आदिवासियों को कई साल गुजर जाने पर भी न तो भूमि का कब्जा मिला और न रजिस्ट्री की कॉपी, 202 रजिस्ट्रियों में से 170 रजिस्ट्रियों में न, तो नक्शा, खसरा, बी 1 है. न ही फोटो, न निरीक्षण रिपोर्ट है. 24 रजिस्ट्रियों में स्टाम्प पेपर भी नहीं लगाया गया है. जिन आदिवासियों से जमीन क्रय की गई. उन्हें भी पूरा पैसा प्राप्त नहीं हुआ. तात्कालिक जमीन की कीमत से 5 गुना ज़्यादा पैसा लेकर शासकीय पैसे का दुरुपयोग किया गया है, जो सरकार के संरक्षण के बगैर संभव नहीं है.

5 member investigation team formed in the land fraud case in gariyaband
कमार भुंजिया जनजाति के साथ धोखाधड़ी

हितग्राहियों को रजिस्ट्री पेपर नहीं दिया गया
शिकायतकर्ता विनोद तिवारी ने बताया कि हितग्राहियों को रजिस्ट्री पेपर नहीं दिया गया. न ही जमीन दिखाई गई, न दी गई, न तो अधिकांश जमीनों का नामांतरण हुआ था. जब से सूचना अधिकार में दस्तावेज हमें प्राप्त हुए हैं, तब से मामले को साफ करने में अधिकारी-कर्मचारी जुटे हैं. इतना ही नहीं कुछ हितग्राहियों को 8 बजे रात उप-पंजीयक कार्यालय गरियाबंद ले जा कर हस्ताक्षर करवाया गया है'.

'किसी भी आरोपी को नहीं छोड़ा जाएगा'

जिलाधीश ने कहा है कि 'इस संबंध में वे सख्त कार्रवाई करने जा रहे हैं. डिप्टी कलेक्टर की एक अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है. ऐसी संभावना है कि 15 से 20 दिनों में सारे प्राकरण सामने आ जाएंगे और आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा'.

5 member investigation team formed in the land fraud case in gariyaband
जमीन फर्जीवाड़ा मामले में 5 सदस्यीय जांच टीम गठित
Last Updated : Feb 27, 2020, 8:39 PM IST
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