गरियाबंद: वन भैंसे के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी और छत्तीसगढ़ वन विभाग के प्रयास के बाद उदंती में एक साथ 5 नए मेहमान आएंगे. विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुके छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु वन भैंसे से जुड़ी यह अब तक की सबसे बड़ी खुशखबरी है.
असम के मानस राष्ट्रीय उद्यान से 5 मादा वन भैंसों को जल्द गरियाबंद के उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के वन भैंस प्रजनन केंद्र में लाकर रखा जाएगा.
बता दें कि अब तक यहां सिर्फ दो मादा वन भैसा थी, लेकिन उनमें से आशा नाम की बड़ी मादा अब मां नहीं बन सकती है. ऐसे में वन भैंसों का वंश बढ़ाने का जिम्मा उसकी बेटी खुशी पर टिक था. ऐसे में असम से आने वाली 5 मादा वन भैसे से वन भैसों की नस्ल को विलुप्त होने से बचाने में बड़ी सहायता मिलेगी. अब तक वन भैंसों की संख्या 10 थी आने के अब वह 15 हो जाएगी. केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने को लेकर वन विभाग खाशा उत्साहित नजर आ रहा है.
ETV भारत भी यही उम्मीद करता है कि किसी भी तरह प्रदेश के राजकीय पशु को विलुप्त होने से बचाया जाए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को केवल तस्वीर में राजकीय पशु देखकर संतोष न करना पड़े उदंती का महत्व बना रहे.