गरियाबंद: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ सरकार 2500 रुपये समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी कर रही है. आसपास के राज्यों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य अधिक है. इस वजह से खरीदी शुरू होते ही आसपास के बिचौलिए और कोचिए अपना धान खपाने अवैध तरीके से राज्य में प्रवेश करने लगते हैं. गरियाबंद की 75 फीसदी सीमाएं ओडिशा से लगती है. यही वजह है कि यहां धान का अवैध रूप से परिवहन होने की शिकायत ज्यादा मिलती रहती है.
मुस्तैद गरियाबंद प्रशासन
इस बार प्रशासन ने ऐसे लोगों से निपटने के लिए कमर कस ली है. गरियाबंद जिला प्रशासन और पुलिस विभाग पूरी मुस्तैदी से नाके और चौराहों पर तैनात है. जिले के एसपी भोजराम पटेल ने ओडिशा से आने वाले धान को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयास के बारे में विस्तार से ETV भारत से चर्चा की.
ओडिशा का सस्ते कीमत पर खरीदा गया धान समर्थन मूल्य में खपाने की फिराक में कोचिए रहते हैं. इसे रोकना प्रशासन के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं जिले के एसपी ने बताया कि जिले की सीमाओं को पूरी तरह सील किया जा रहा है. पड़ोसी राज्य से आने वाले 35 रास्तों पर नाकेबंदी की गई है, लगातार तलाशी ली जा रही है. कर्मचारियों और पुलिस स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है. सभी विभागों के साथ मिलकर संयुक्त प्रयास किया जा रहा है.
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देवभोग क्षेत्र में लगातार नाकेबंदी कर चेकिंग की जा रही हैं, पुलिस ने अब तक तीन कार्रवाई करते हुए अलग-अलग मालवाहक में धान लाने का प्रयास करते लोगों को गिरफ्तार किया है. छत्तीसगढ़ के भी कुछ लोगों की इस में संलिप्तता की जांच की जा रही है. पहले बड़े पैमाने पर यह कार्य हुआ करता था, मगर इस बार इसमें गिरावट आई है. प्रशासन पहले से मुस्तैद होकर तस्करों और कोच्चिया पर नजर बनाए हुए हैं. प्रशासन ने इस बार एक कदम आगे बढ़कर जिनके पूर्व में ओडिशा के धान के प्रकरण बने हैं उनके यहां धान रखने की सूचना मिले बिना भी औचक निरीक्षण किया है.