भिलाई/गरियाबंद: छत्तीसगढ़ में भारी बारिश ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. दुर्ग और गरियाबंद में बारिश के कहर की दो घटनाएं सामने आई है. दुर्ग में एक युवक नदी की तेज धारा में बह गया. जबकि गरियाबंद में 500 टूरिस्ट एक नाले में आए अचानक बाढ़ में फंस गए. बाद में सभी का रेस्क्यू किया गया.
लगातार किया जा रहा लोगों को अलर्ट, फिर भी लोग कर रहे गलती: तमाम कोशिशों और जागरूकता के बाद भी भिलाई में दुर्घटनाओं पर नकेल नहीं लग पा रही है. कहीं युवाओं की गलती भारी पड़ रही है तो कहीं बच्चों की नादानी. पिछले तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने दुर्ग जिले में येलो अलर्ट भी जारी किया है. इस अलर्ट के बीच लोगों के नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है. बावजूद इसके कुछ लोग नदी का उफान देखने किनारों पर पहुंच रहे हैं. ऐसे ही एक हादसे में रविवार को एक युवक नदी के तेज बहाव में बाइक समेत बह गया. वहीं गरियाबंद में चिंगरा पगार जलप्रपात के बाद 500 से ज्यादा पर्यटक नाले में अचानक आई बाढ़ के चलते फंस गए, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया गया.
बैलेंस बिगड़ा और शिवनाथ नदी में समा गया युवक: दुर्ग में बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. अब नदी में बने एनीकट और पुल पर लोग अपनी जान हथेली पर रखकर पार कर रहे हैं. ऐसा ही मामला भिलाई-3 के ग्राम सुरजीडीह का भी रहा. शिवनाथ नदी पूरी तरह से उफान पर है. उफनती हुई शिवनाथ के एनीकट से एक युवक बाइक लेकर पुल पार करने की कोशिश करने लगा. वह अपनी बाइक लेकर आधे रास्ते तक पहुंच भी गया. लेकिन नदी का बहाव इतना तेज था कि युवक डगमगाने लगा. इस पर वह नदी के बीचों बीच खड़ा हो गया. कुछ देर के बाद उसका बैलेंस बिगड़ा और तेज बहाव में बाइक सहित युवक बह गया.
तैरना आता था इसलिए बच गई जान: युवक को तैरना आता था इसलिए वह थोड़ी दूर तक बहते हुए गया और तैरकर नदी से बाहर निकल आया. लेकिन उसकी बाइक नदी में समा गई. बहरहाल भारी बारिश में इस तरह अपनी जान की बाजी लगाकर पुल को पार करना बिल्कुल गलत है. ईटीवी भारत सभी लोगों से अपील करता है कि यदि नदी, नाले या एनीकट के ऊपर बने पुल पर किसी तरह से पानी का भाव तेज हो तो उसे पार करने की गलती हरगिज न करें.
चिंगरा पगार झरना देखने पहुंचे 500 पर्यटक बाढ़ में फंसे: गरियाबंद में चिंगरा पगार जलप्रपात देखने पहुंचे 500 से अधिक पर्यटक नाले में आई बाढ़ के चलते फंस गए. घंटों फंसे रहने के बाद जब पानी कुछ कम हुआ तो पुलिस और नगर सैनिक के जवानों ने रेस्क्यू अभियान चलाकर पर्यटकों को निकाला.
7:30 बजे के करीब रेस्क्यू अभियान अंतिम चरण पर था. लगभग 10 पर्यटक अभी भी नाला पार करने से बच गए थे. बाकी को नाला पार कराया जा चुका है. -राकेश मिश्रा, थाना प्रभारी, गरियाबंद
मनाही के बाद भी पहुंचे थे झरना देखने: शाम 5 बजे के बाद झरना स्थल जाने की मनाही के बाद भी पर्यटक घने जंगल और पहाड़ों के बीच यहां लगातार पहुंचते हैं. इस पर कड़ाई से प्रतिबंध लागू करने की जरूरत साफ नजर आ रही है. रविवार को भी यही हुआ. पर्यटन स्थल पर पुलिस और वन विभाग के कर्मचारियों ने पर्यटकों को शाम 4:30 बजे से वापस लौट आने का प्रयास किया. लेकिन पर्यटक वापस जाने का नाम नहीं ले रहे थे. फिर अचानक नाले में बाढ़ आने पर जब पर्यटकों को रोकने का प्रयास किया गया तो वे जंगल के बीच से नाला पार करने का प्रयास करने लगे.