ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ टू लंदन: सात समंदर पार फैलेगी छत्तीसगढ़ में बने गोबर के दीये की रौशनी

author img

By

Published : Oct 22, 2020, 4:19 PM IST

Updated : Oct 22, 2020, 5:15 PM IST

गोबर अब छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए आय का बेहतर स्रोत बनते जा रहा है. यहां की सैकड़ों महिलाएं अब गोबर से अच्ची कमाई कर रही हैं. आत्मनिर्भर भारत में आत्मनिर्भरता के लिए गोबर इन दिनों बरदान बनते जा रहा है. यहां बने गोबर के प्रोडक्ट्स की मांग अब विदेशों तक होने लगी है. आखिर ऐसा क्या कर रही हैं, छत्तीसगढ़ की महिलाएं देखिये ये विशेष रिपोर्ट...

Womens are making diya
गोबर से दीए बनाती महिलाएं

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में 'सब सीखें और सब बढ़ें' इन दिनों यहां की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है. कम से कम खर्च में ज्यादा कमाई और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ती ये महिलाएं बेरोजगारी का रोना रो रहे लोगों के लिए एक सीख है. यहां की महिलाएं गोबर से दीये और सजावटी सामान जैसी चीजें बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं. गाय के गोबर से बने दीये इन महिलाओं का आय का साधन बन गया है. जिससे ये महिलाएं अच्छी कमाई कर रहे हैं.

गोबर के दीयों से जगमगाएगा छत्तीसगढ़

दुर्ग में बने गोबर के दीये और बंदनवार अब विदेशों तक पहुंचने लगी है. भिलाई की महिलाओं की ओर से निर्मित ये गोबर के दीये और सजावटी सामग्री को लंदन में भी खरीरददार मिलने लगे हैं. भारत में इन दीयों की डिमांड लुधियाना, मुंबई, अकोला समेत कई कई बड़े शहरों और राज्यों में है. दिवाली से पहले लंदन से इन दीयों के लिए विशेष ऑर्डर आ चुका है. इसके अलावा स्विट्जरलैंड और जर्मनी से दीये की डिमांड है.

Womens are making diya
गोबर के दीए बनाती महिलाएं

शहरी क्षेत्रों में भी बढ़ रहा क्रेज

गोबर से बने दीये और सजावट के समान का अब ग्रामीण अंचल में ही नहीं बल्कि शहरों में भी क्रेज दिखने लगा है. शहरी इलाकों में भी महिलाएं प्रशिक्षण लेकर त्योहार के लिए दीये और अन्य सजावटी समान बना रही है. भिलाई की 'उड़ान नई दिशा' समूह की महिलाओं ने गोबर से बंदनवार, डेकोरेटिव दीये, वाल हैगिंग, शुभ-लाभ आदि तैयार कर रही हैं.

दुर्ग: आईपीएल में सट्टा खिलाने वाले दो मास्टरमाइंड गिरफ्तार , 18 हजार नकद जब्त

सोशल मीडिया के जरिए भी मिल रहे ऑर्डर

दीये का मूल्य 2 रुपये प्रति दीया, डेकोरेटिव दिये का मूल्य 50 से 150 रुपये प्रति दीया, बंदनवार 150 से 250 रुपये, शुभ लाभ और लटकन 100 रुपये में बिक रही है. समूह में करीब 250 महिलाएं मिलकर ये काम कर रही हैं. उड़ान नई दिशा महिला समूह की संस्थापक निधि चंद्राकर बताती हैं, गोबर से बने दीये की डिमांड देश-विदेशों से आ रही है. लंदन के लिए दीये, बंदनवार, वॉल हौगिंग भेजी जा चुकी है. इन सबके अलावा सोशल मीडिया में माध्यम से भी लगातार आर्डर मिल रहे हैं.

Womens are making diya
गोबर से बने बंदनवार

दीये की खासियत

महिलाओं ने बताया कि यह दीया आम दीयों से अलग है. इसकी खास बात ये है कि गोबर के दीये तैयार करने से पहले इनमें फूल या सब्जी के बीज मिलाकर इन्हें तैयार किया जा रहा है. ताकि दीये के उपयोग के बाद पर्यावरण को भी संरक्षित किया जा सके.

एक महिला बनाती है 100 से 150 दीए

समूह की महिलाओं ने बताया कि हर महिला हर दिन करीब 100 से 150 दीया बनाती है. इस दीये को बनाने से पहले फूल या सब्जी के बीज डालकर इसे तैयार किया जाता है. उपयोग के बाद पानी में दीया पूरी तरह घुल जाता है. दीये में डाले गए बीज को गमले में पौधा के रूप में लगाया जा सकता है. इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलती है.

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में 'सब सीखें और सब बढ़ें' इन दिनों यहां की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है. कम से कम खर्च में ज्यादा कमाई और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ती ये महिलाएं बेरोजगारी का रोना रो रहे लोगों के लिए एक सीख है. यहां की महिलाएं गोबर से दीये और सजावटी सामान जैसी चीजें बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं. गाय के गोबर से बने दीये इन महिलाओं का आय का साधन बन गया है. जिससे ये महिलाएं अच्छी कमाई कर रहे हैं.

गोबर के दीयों से जगमगाएगा छत्तीसगढ़

दुर्ग में बने गोबर के दीये और बंदनवार अब विदेशों तक पहुंचने लगी है. भिलाई की महिलाओं की ओर से निर्मित ये गोबर के दीये और सजावटी सामग्री को लंदन में भी खरीरददार मिलने लगे हैं. भारत में इन दीयों की डिमांड लुधियाना, मुंबई, अकोला समेत कई कई बड़े शहरों और राज्यों में है. दिवाली से पहले लंदन से इन दीयों के लिए विशेष ऑर्डर आ चुका है. इसके अलावा स्विट्जरलैंड और जर्मनी से दीये की डिमांड है.

Womens are making diya
गोबर के दीए बनाती महिलाएं

शहरी क्षेत्रों में भी बढ़ रहा क्रेज

गोबर से बने दीये और सजावट के समान का अब ग्रामीण अंचल में ही नहीं बल्कि शहरों में भी क्रेज दिखने लगा है. शहरी इलाकों में भी महिलाएं प्रशिक्षण लेकर त्योहार के लिए दीये और अन्य सजावटी समान बना रही है. भिलाई की 'उड़ान नई दिशा' समूह की महिलाओं ने गोबर से बंदनवार, डेकोरेटिव दीये, वाल हैगिंग, शुभ-लाभ आदि तैयार कर रही हैं.

दुर्ग: आईपीएल में सट्टा खिलाने वाले दो मास्टरमाइंड गिरफ्तार , 18 हजार नकद जब्त

सोशल मीडिया के जरिए भी मिल रहे ऑर्डर

दीये का मूल्य 2 रुपये प्रति दीया, डेकोरेटिव दिये का मूल्य 50 से 150 रुपये प्रति दीया, बंदनवार 150 से 250 रुपये, शुभ लाभ और लटकन 100 रुपये में बिक रही है. समूह में करीब 250 महिलाएं मिलकर ये काम कर रही हैं. उड़ान नई दिशा महिला समूह की संस्थापक निधि चंद्राकर बताती हैं, गोबर से बने दीये की डिमांड देश-विदेशों से आ रही है. लंदन के लिए दीये, बंदनवार, वॉल हौगिंग भेजी जा चुकी है. इन सबके अलावा सोशल मीडिया में माध्यम से भी लगातार आर्डर मिल रहे हैं.

Womens are making diya
गोबर से बने बंदनवार

दीये की खासियत

महिलाओं ने बताया कि यह दीया आम दीयों से अलग है. इसकी खास बात ये है कि गोबर के दीये तैयार करने से पहले इनमें फूल या सब्जी के बीज मिलाकर इन्हें तैयार किया जा रहा है. ताकि दीये के उपयोग के बाद पर्यावरण को भी संरक्षित किया जा सके.

एक महिला बनाती है 100 से 150 दीए

समूह की महिलाओं ने बताया कि हर महिला हर दिन करीब 100 से 150 दीया बनाती है. इस दीये को बनाने से पहले फूल या सब्जी के बीज डालकर इसे तैयार किया जाता है. उपयोग के बाद पानी में दीया पूरी तरह घुल जाता है. दीये में डाले गए बीज को गमले में पौधा के रूप में लगाया जा सकता है. इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलती है.

Last Updated : Oct 22, 2020, 5:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.