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दुर्ग में ग्रामीण महिलाएं मछली पालन से कमा रहीं बढ़िया मुनाफा

दुर्ग जिले के ग्राम चंदखुरी की जय शक्ति स्व सहायता समूह की महिलाएं तालाबों में विभिन्न तरह की रंगीन मछलियों का पालन कर रही हैं. उसे बेचकर स्व सहायता समूह की ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से (Rural women self reliant through fish farming in Durg) आत्मनिर्भर बन रही हैं.

fish farming durg
दुर्ग में मछली पालन से ग्रामीण महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर
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Published : Jul 25, 2022, 1:24 PM IST

दुर्ग: स्व सहायता समूह की महिलाएं अब मछली पालन के व्यवसाय में भी अपनी रुचि दिखा रही हैं. शासन की मदद से वे अब विभिन्न किस्मों की मछलियों का पालन करके व उसे बेचकर आर्थिक लाभ ले रही हैं. दुर्ग जिले के ग्राम चंदखुरी की जय शक्ति स्व सहायता समूह की महिलाएं भी तालाबों में विभिन्न तरह की मछलियों का पालन करने के साथ ही रंगीन मछलियों का भी पालन कर रही हैं. उसे बेचकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही है. (Chandkhuri Jai Shakti Self Help Group earning profit from fish farming)

दुर्ग में मछली पालन से ग्रामीण महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर

कृषि विभाग का मिला सहयोग: इन महिलाओं को इस व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए कृषि विभाग का सहयोग मिला. अब वे अपनी मेहनत व लगन से इस व्यवसाय को गति देने में लगी है. इन महिलाओं की मानें तो अब वे अन्य प्रदेशों से भी रंगीन मछलियां मंगवा कर उसका पालन कर रही है और इससे उन्हें आमदनी होने लगी है. (Fish farming in Durg )

यह भी पढ़ें: दुर्ग में झमाझम बारिश से कई इलाके जलमग्न !

क्षेत्र में फल-फूल रहा रंगीन मछलियों का व्यापार: समूह के इन महिलाओं से आसपास के क्षेत्र के मछली व्यापारी मछली खरीदने पहुंचते हैं. ऐसे ही रंगीन मछलियों का व्यवसाय करने वाले एक व्यापारी नागेश कुमार ने बताया "पहले अन्य प्रदेशों से वे रंगीन मछलियां खरीदा करते थे, जिससे नुकसान भी उठाना पड़ता था. लेकिन अब उन्हें पास में ही मछलियां मिल जाने से उनकी भी आमदनी बढ़ी है. समूह द्वारा किए जा रहे इस काम में ग्राम पंचायत के सचिव व सरपंच का भी उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है.


दुर्ग: स्व सहायता समूह की महिलाएं अब मछली पालन के व्यवसाय में भी अपनी रुचि दिखा रही हैं. शासन की मदद से वे अब विभिन्न किस्मों की मछलियों का पालन करके व उसे बेचकर आर्थिक लाभ ले रही हैं. दुर्ग जिले के ग्राम चंदखुरी की जय शक्ति स्व सहायता समूह की महिलाएं भी तालाबों में विभिन्न तरह की मछलियों का पालन करने के साथ ही रंगीन मछलियों का भी पालन कर रही हैं. उसे बेचकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही है. (Chandkhuri Jai Shakti Self Help Group earning profit from fish farming)

दुर्ग में मछली पालन से ग्रामीण महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर

कृषि विभाग का मिला सहयोग: इन महिलाओं को इस व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए कृषि विभाग का सहयोग मिला. अब वे अपनी मेहनत व लगन से इस व्यवसाय को गति देने में लगी है. इन महिलाओं की मानें तो अब वे अन्य प्रदेशों से भी रंगीन मछलियां मंगवा कर उसका पालन कर रही है और इससे उन्हें आमदनी होने लगी है. (Fish farming in Durg )

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क्षेत्र में फल-फूल रहा रंगीन मछलियों का व्यापार: समूह के इन महिलाओं से आसपास के क्षेत्र के मछली व्यापारी मछली खरीदने पहुंचते हैं. ऐसे ही रंगीन मछलियों का व्यवसाय करने वाले एक व्यापारी नागेश कुमार ने बताया "पहले अन्य प्रदेशों से वे रंगीन मछलियां खरीदा करते थे, जिससे नुकसान भी उठाना पड़ता था. लेकिन अब उन्हें पास में ही मछलियां मिल जाने से उनकी भी आमदनी बढ़ी है. समूह द्वारा किए जा रहे इस काम में ग्राम पंचायत के सचिव व सरपंच का भी उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है.


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