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दुर्ग केन्द्रीय जेल में विचाराधीन कैदी ने किया आत्महत्या का प्रयास, जेल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

दुर्ग केन्द्रीय जेल में विचाराधीन कैदी ने धारदार ब्लेड से अपना गला काटने की कोशिश की. आनन-फानन में कैदी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. अभी कैदी की हालत सामान्य बताई जा रही है.

Durg Central Jail
दुर्ग केन्द्रीय जेल
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Published : Mar 3, 2022, 8:12 PM IST

Updated : Mar 3, 2022, 11:11 PM IST

दुर्ग: दुर्ग केंद्रीय जेल में फिर एक बार एक विचाराधानी कैदी ने आत्महत्या का प्रयास किया है. घायल कैदी को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी हालात फिलहाल सामान्य बताई जा रही है. विचारधानी कैदी का आरोप है कि वह दुर्ग जेल से ओडिशा के संबलपुर जाना चाह रहा था. ऐसा नहीं होने पर उसने ये आत्मघाती कदम उठाया.

दुर्ग केंद्रीय जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप



धारदार ब्लेड से किया खुद को घायल

इधर, इस घटना के बाद दुर्ग केंद्रीय जेल में हड़कंप मच गया है. दरअसल, विचाराधानी कैदी राजेश थापा ने जेल में अंदर ही ब्लेड से अपने गले का नस काटकर सुसाइड करने की कोशिश की. घायल कैदी को आनन-फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. मिली जानकारी के अनुसार विचारधानी कैदी साल 2015 में डकैती के मामले में जेल में बंद था. लगातार विचारधानी कैदी दुर्ग जेल से ओडिशा, संबलपुर जाना चाह रहा था. लेकिन जेल प्रशासन उसे नहीं जाने दे रहे था. जिससे परेशान होकर विचारधानी कैदी ने धारदार ब्लेड से अपने गले पर वार कर लिया. घटना के बाद कैदी को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार डॉक्टरों की निगरानी में किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में उतेरा की खेती, कैसे की जाती है उतेरा की खेती

घटना की जांच में जुटा जेल प्रशासन

इस मामले में दुर्ग सीएसपी जितेन्द्र यादव ने बताया कि, केन्दीय जेल में एक विचारधानी कैदी ने सुसाइड करने का प्रयास किया है. इस मामले की जांच में जेल प्रशासन जुट गया है.

घायल कैदी ने जेल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

कैदी राजेश थापा ने दुर्ग जेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि, साल 2015 से डकैती के मामले में वह दुर्ग केंद्रीय जेल में बंद है. उसकी जमानत भी हो चुकी है. उसके बाद भी जेल प्रशासन उसे संबलपुर ओडिशा जाने की अनुमति नहीं दे रहा है. कैदी राजेश थापा का आरोप है कि अनुमति देने के लिए जेल प्रबंधन द्वारा लगातार पैसे की डिमांड कर रहा है. लेकिन पैसे के अभाव के चलते कैदी को दुर्ग जेल में ही अभी तक रखा गया है. जिससे परेशान होकर विचाराधानी कैदी राजेश थापा ने यह आत्मघाती कदम उठाया है.

जेल में कैसे पहुंचा ब्लेड, यह जांच का विषय

अब सवाल ये उठता है कि, जब जेल के अंदर प्रतिबंधित वस्तु और धारदार हथियार लेकर जाना प्रतिबंधित है तो ऐसे में जेल के अंदर विचारधानी कैदी राजेश थापा को कहां से धारदार ब्लेड मिल गया. यह जांच का विषय है. फिलहाल इस मामले में जेल प्रशासन जांच कर रही है.

दुर्ग: दुर्ग केंद्रीय जेल में फिर एक बार एक विचाराधानी कैदी ने आत्महत्या का प्रयास किया है. घायल कैदी को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी हालात फिलहाल सामान्य बताई जा रही है. विचारधानी कैदी का आरोप है कि वह दुर्ग जेल से ओडिशा के संबलपुर जाना चाह रहा था. ऐसा नहीं होने पर उसने ये आत्मघाती कदम उठाया.

दुर्ग केंद्रीय जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप



धारदार ब्लेड से किया खुद को घायल

इधर, इस घटना के बाद दुर्ग केंद्रीय जेल में हड़कंप मच गया है. दरअसल, विचाराधानी कैदी राजेश थापा ने जेल में अंदर ही ब्लेड से अपने गले का नस काटकर सुसाइड करने की कोशिश की. घायल कैदी को आनन-फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. मिली जानकारी के अनुसार विचारधानी कैदी साल 2015 में डकैती के मामले में जेल में बंद था. लगातार विचारधानी कैदी दुर्ग जेल से ओडिशा, संबलपुर जाना चाह रहा था. लेकिन जेल प्रशासन उसे नहीं जाने दे रहे था. जिससे परेशान होकर विचारधानी कैदी ने धारदार ब्लेड से अपने गले पर वार कर लिया. घटना के बाद कैदी को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार डॉक्टरों की निगरानी में किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में उतेरा की खेती, कैसे की जाती है उतेरा की खेती

घटना की जांच में जुटा जेल प्रशासन

इस मामले में दुर्ग सीएसपी जितेन्द्र यादव ने बताया कि, केन्दीय जेल में एक विचारधानी कैदी ने सुसाइड करने का प्रयास किया है. इस मामले की जांच में जेल प्रशासन जुट गया है.

घायल कैदी ने जेल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

कैदी राजेश थापा ने दुर्ग जेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि, साल 2015 से डकैती के मामले में वह दुर्ग केंद्रीय जेल में बंद है. उसकी जमानत भी हो चुकी है. उसके बाद भी जेल प्रशासन उसे संबलपुर ओडिशा जाने की अनुमति नहीं दे रहा है. कैदी राजेश थापा का आरोप है कि अनुमति देने के लिए जेल प्रबंधन द्वारा लगातार पैसे की डिमांड कर रहा है. लेकिन पैसे के अभाव के चलते कैदी को दुर्ग जेल में ही अभी तक रखा गया है. जिससे परेशान होकर विचाराधानी कैदी राजेश थापा ने यह आत्मघाती कदम उठाया है.

जेल में कैसे पहुंचा ब्लेड, यह जांच का विषय

अब सवाल ये उठता है कि, जब जेल के अंदर प्रतिबंधित वस्तु और धारदार हथियार लेकर जाना प्रतिबंधित है तो ऐसे में जेल के अंदर विचारधानी कैदी राजेश थापा को कहां से धारदार ब्लेड मिल गया. यह जांच का विषय है. फिलहाल इस मामले में जेल प्रशासन जांच कर रही है.

Last Updated : Mar 3, 2022, 11:11 PM IST
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