दुर्ग/भिलाई: पंडवानी की रानी तीजन बाई के गांव गनियारी में दो दिवसीय कला महोत्सव का आगाज हो गया है. गुरु घासीदास कला एवं साहित्य विकास समिति द्वारा आयोजित लोक कला महोत्सव में प्रदेशभर के सुआ, कर्मा, ददरिया, पंडवानी, पंथी के कलाकार शिरकत कर रहे हैं. कलाकारों ने लोक कला की मनमोहक प्रस्तुति से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं कला के संरक्षण के लिए गनियारी में 12 सालों से लोक कला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. समारोह के उद्घाटन में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत भी मौजूद रहे.
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कला को मिला सम्मान
लोक कला महोत्सव में प्रदेशभर से आए कलाकारों को सम्मानित किया गया. लोक कलाकारों ने अपनी कला का जौहर दिखाया. मंत्री अमरजीत भगत ने पद्म भूषण से सम्मानित तीजन बाई, पंथी नर्तक राधेश्याम बारले, बस्तर बैंड के अनूप रंजन पांडे समेत प्रदेश के तमाम प्रख्यात कलाकारों की कला को सम्मानित किया. मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ की कला व संस्कृति के संवर्धन में लगातार काम कर रही है. भूपेश सरकार छत्तीगसढ़ की लोक कला को महत्व देने के साथ ही बढ़ाने का भी काम कर रही है.
![Two-day art festival organized in Teejan Bai village ganiyari durg](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-drg-03-lok-kala-mahotsav-avb-7209649_27022021222529_2702f_1614444929_104.jpg)
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छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजने का काम
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समारोह में छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया शामिल होने गनियारी पहुंचे. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोक कला महोत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संरक्षित करने और सहेजने का काम हो रहा है. राज्य की सरकार भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा को सहेजने का काम कर रही है. छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ यहां के तीज-त्यौहारों में शासकीय अवकाश देने की शुरुआत की गई है. इस तरह का आयोजन आगे भी गांव में होता रहे और आप सभी इसका आनंद उठाते रहें इसके लिए सरकार हमेशा कोशिश करती रहेगी.