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फास्टैग को लेकर ट्रक मालिक संघ ने टोल प्लाजा पर किया हंगामा

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Published : Feb 17, 2021, 2:15 PM IST

Updated : Feb 17, 2021, 5:06 PM IST

फास्टैग की अनिवार्यता के बाद कुम्हारी और दुर्ग बाईपास के टोल नाके पर आए दिन वाद-विवाद हो रहा है. मंगलवार को नेहरू नगर स्थित बाईपास टोल नाके पर ट्रांसपोर्टर्स ने जमकर हंगामा किया है.

Durg Bypass Toll plaza
दुर्ग बाईपास टोल नाका

दुर्ग: देशभर के सभी टोल प्लाजा पर आज से फास्टैग की शुरुआत कर दी गई है. जिनके पास फास्टैग नहीं हैं, उन्हें जुर्माना देना पड़ रहा है. फास्टैग को अनिवार्य किए जाने के बाद टोल प्लाजा पर आए दिन विवाद हो रहा है. मंगलवार को नेहरू नगर स्थित बाईपास टोल नाका पर ट्रांसपोर्टर्स ने जमकर हंगामा किया है. ट्रक में फास्टैग नहीं होने पर भी ट्रांसपोर्टर्स ने दोगुना टैक्स देने से मना कर दिया. टोल नाके में लगे बैरियर को जबरन हटाकर उन्होंने ट्रकों को पार कराया.

फास्टैग पर बवाल

FCI के धान को लेकर रसमड़ा जाने वाले ट्रक टोल नाके पर पहुंचे. नाके पर मौजूद कर्मचारी फास्टैग लगे वाहनों को ही टोल नाके से गुजरने की परमिशन दे रहे थे. फास्टैग लागू होने के बाद नगदी भुगतान काउंटर को बंद कर दिया गया है. बिना फास्टैग के ट्रकों को नाके के किनारे खड़ा कर दिया गया था. सूचना मिलने पर ट्रक के मालिक बाईपास टोल नाका पहुंचे. उन पर आरोप है कि उन्होंने दबंगई दिखाते हुए दोगुना टोल टैक्स नहीं देने की बात कहते हुए टोल प्लाजा के कर्मचारियों के साथ गालीगलौज की. ट्रांसपोर्टर्स ने जबरन बैरियर को हटाकर ट्रकों को पार करा दिया.

SPECIAL: फास्टैग से बर्बाद हो रहा समय और ईंधन, वाहन चालक हो रहे परेशान

फास्टैग आने के बाद बढ़ा टोल टैक्स


पहले ट्रकों के आने-जाने के लिए 90 रुपये लग रहे थे, लेकिन फास्टैग आने के बाद 110 रुपए आने और 110 रुपए जाने के टैक्स पर सहमति बनी थी. टोल प्लाजा के मैनेजर पीके तेवतिया ने बताया कि फास्टैग की अनिवार्यता के बाद भी ट्रांसपोर्टर्स ट्रकों में फास्टैग नहीं लगा रहे हैं. अभी तक आपसी सहमति से 90 रुपए लेते थे, लेकिन अब उन्हें 275 रुपए टोल टैक्स देना पड़ रहा है.


क्या है फास्टैग ?

  • फास्टैग को इलेक्ट्रॉनिक टोल कनेक्शन सिस्टम भी कहा जाता है.
  • भारत में इसकी शुरुआत सबसे पहले साल 2014 में हुई थी.
  • यह एक तरह का रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है.
  • सरकार का दावा है कि इसके जरिए टैक्स का भुगतान करते समय जिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उससे जल्द निजात मिलेगी.
  • नेशनल हाईवे पर बने टोल प्लाजा लेन पर आप वहां बिना रुके ही टोल टैक्स दे सकते हैं.
  • इस टैग को वाहन के विंड स्क्रीन पर लगाया जाता है, यह टैग सभी टोल प्लाजा ज्यादातर बैंक और नेशनल हाईवे पर स्थित पुलिस स्टेशन पर भी उपलब्ध है.
  • इसके लिए वाहन मालिक को एक फॉर्म के साथ कुछ डॉक्यूमेंट्स देने होते हैं.


फास्टैग खरीदने के लिए क्या कागजात चाहिए ?

ग्राहक को फास्‍टैग के आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेजों की एक प्रति जमा करनी होगी:

  • वाहन का पंजीकरण प्रमाण पत्र
  • वाहन मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो
  • वाहन मालिक की श्रेणी के अनुसार केवाईसी दस्तावेज (अर्थात व्यक्तिगत / कॉर्पोरेट)

दुर्ग: देशभर के सभी टोल प्लाजा पर आज से फास्टैग की शुरुआत कर दी गई है. जिनके पास फास्टैग नहीं हैं, उन्हें जुर्माना देना पड़ रहा है. फास्टैग को अनिवार्य किए जाने के बाद टोल प्लाजा पर आए दिन विवाद हो रहा है. मंगलवार को नेहरू नगर स्थित बाईपास टोल नाका पर ट्रांसपोर्टर्स ने जमकर हंगामा किया है. ट्रक में फास्टैग नहीं होने पर भी ट्रांसपोर्टर्स ने दोगुना टैक्स देने से मना कर दिया. टोल नाके में लगे बैरियर को जबरन हटाकर उन्होंने ट्रकों को पार कराया.

फास्टैग पर बवाल

FCI के धान को लेकर रसमड़ा जाने वाले ट्रक टोल नाके पर पहुंचे. नाके पर मौजूद कर्मचारी फास्टैग लगे वाहनों को ही टोल नाके से गुजरने की परमिशन दे रहे थे. फास्टैग लागू होने के बाद नगदी भुगतान काउंटर को बंद कर दिया गया है. बिना फास्टैग के ट्रकों को नाके के किनारे खड़ा कर दिया गया था. सूचना मिलने पर ट्रक के मालिक बाईपास टोल नाका पहुंचे. उन पर आरोप है कि उन्होंने दबंगई दिखाते हुए दोगुना टोल टैक्स नहीं देने की बात कहते हुए टोल प्लाजा के कर्मचारियों के साथ गालीगलौज की. ट्रांसपोर्टर्स ने जबरन बैरियर को हटाकर ट्रकों को पार करा दिया.

SPECIAL: फास्टैग से बर्बाद हो रहा समय और ईंधन, वाहन चालक हो रहे परेशान

फास्टैग आने के बाद बढ़ा टोल टैक्स


पहले ट्रकों के आने-जाने के लिए 90 रुपये लग रहे थे, लेकिन फास्टैग आने के बाद 110 रुपए आने और 110 रुपए जाने के टैक्स पर सहमति बनी थी. टोल प्लाजा के मैनेजर पीके तेवतिया ने बताया कि फास्टैग की अनिवार्यता के बाद भी ट्रांसपोर्टर्स ट्रकों में फास्टैग नहीं लगा रहे हैं. अभी तक आपसी सहमति से 90 रुपए लेते थे, लेकिन अब उन्हें 275 रुपए टोल टैक्स देना पड़ रहा है.


क्या है फास्टैग ?

  • फास्टैग को इलेक्ट्रॉनिक टोल कनेक्शन सिस्टम भी कहा जाता है.
  • भारत में इसकी शुरुआत सबसे पहले साल 2014 में हुई थी.
  • यह एक तरह का रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है.
  • सरकार का दावा है कि इसके जरिए टैक्स का भुगतान करते समय जिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उससे जल्द निजात मिलेगी.
  • नेशनल हाईवे पर बने टोल प्लाजा लेन पर आप वहां बिना रुके ही टोल टैक्स दे सकते हैं.
  • इस टैग को वाहन के विंड स्क्रीन पर लगाया जाता है, यह टैग सभी टोल प्लाजा ज्यादातर बैंक और नेशनल हाईवे पर स्थित पुलिस स्टेशन पर भी उपलब्ध है.
  • इसके लिए वाहन मालिक को एक फॉर्म के साथ कुछ डॉक्यूमेंट्स देने होते हैं.


फास्टैग खरीदने के लिए क्या कागजात चाहिए ?

ग्राहक को फास्‍टैग के आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेजों की एक प्रति जमा करनी होगी:

  • वाहन का पंजीकरण प्रमाण पत्र
  • वाहन मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो
  • वाहन मालिक की श्रेणी के अनुसार केवाईसी दस्तावेज (अर्थात व्यक्तिगत / कॉर्पोरेट)
Last Updated : Feb 17, 2021, 5:06 PM IST
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